गोरखपुर : धार्मिक पुस्तकों की छपाई केंद्र गीता प्रेस की स्थापना के 100 साल पूरे होने पर शताब्दी समारोह मनाने की तैयारी हो रही है, जिसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रबंध तंत्र ने मुलाकात की है. खास बात ये है कि शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शामिल हो सकते हैं.
23 अप्रैल 1923 को स्थापित हुआ था गीता प्रेस
शताब्दी वर्ष का कार्यक्रम भी तय कर दिया गया है, जो 23 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 23 अप्रैल 2023 तक चलेगा. इसके उद्घाटन और समापन समारोह में देश के बड़े-बड़े कथावाचक शामिल होंगे. गीता प्रेस की स्थापना 23 अप्रैल 1923 को हुई थी. प्रबंध तंत्र की माने तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सलाह के बाद प्रेस प्रबंधन ने शताब्दी समारोह मनाने का निर्णय लिया है.
गीता प्रेस के ट्रस्टी देवीदयाल अग्रवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर तैयारियों से अवगत कराया है. उन्होंने जिक्र किया कि दो साल पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गोरखपुर आए थे. तब उन्होंने गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह को धूमधाम से मनाने की सलाह दी थी और समारोह में आमंत्रित करने की इच्छा जतायी थी. देवीदयाल अग्रवाल ने कहा है कि इस समारोह के लिए राष्ट्रपति को आमंत्रण भेजा जाएगा. पूरी उम्मीद है कि समारोह में उनका आगमन होगा. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री को भी आमंत्रण पत्र भेजा जाएगा.
शताब्दी समारोह में गोरखपुर गीता प्रेस परिसर, कोलकाता स्थित गोविंद भवन परिसर और ऋषिकेश के स्वर्ग आश्रम स्थित गीता सत्संग भवन समारोह के मुख्य केंद्र होंगे. जहां बड़े समारोह आयोजित किए जाएंगे. पूरे देश और नेपाल में फैली गीता प्रेस की सभी शाखाओं पर अलग-अलग तिथियों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस दौरान गीता प्रेस परिषद को भव्य ढंग से सजाया संवारा जाएगा. समारोह में जिन कथावाचक और संत महात्माओं को बुलाया जाएगा, उसमें मलूक पीठ वृंदावन के संत राजेंद्र दास महाराज और राम जन्मभूमि के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी का नाम सदस्यों ने सुझाया है. इसके अलावा गीता प्रेस के पास देश के सभी प्रसिद्ध संतों की सूची भी है. ट्रस्ट बोर्ड की बैठक में यह अंतिम निर्णय लिया जाएगा, किन्हें और बुलाया जाए.