गोरखपुरः जिले में कोविड पर नियंत्रण और उसकी चेन तोड़ने के लिए 'टीआईटी' (टेस्टिंग, आइसोलेशन, ट्रीटमेंट) के मंत्र पर काम किया जा रहा है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने कहा कि इस मंत्र को अपनाने से कोविड की चेन टूटेगी. साथ में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने से इस बीमारी का प्रसार भी थम जाएगा. उन्होंने लोगों से अपील की है कि लक्षण दिखते ही कोविड की जांच अवश्य कराएं. जांच की सुविधा सरकारी प्रावधानों के तहत जिले भर में उपलब्ध है. घर से बाहर निकलें तो मास्क लगाएं और समय-समय पर हाथों को साबुन पानी या सेनेटाइजर से 40 सेकेंड तक साफ करते रहें.
सीएमओ ने बताया कि कुल 45 राजकीय अस्पतालों में कोविड जांच की सुविधा उपलब्ध है. इनमें ब्लॉक स्तरीय सीएचसी और पीएचसी, 23 स्वास्थ्य केंद्र, एयरपोर्ट, बीआरडी मेडिकल कॉलेज और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान समेत कई पीएचसी भी शामिल हैं. यहां सुबह 8 बजे से रात आठ बजे तक कोविड जांच की सुविधा दी जा रही है. उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग की महिला स्वास्थ्य कर्मी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्री गांव-गांव, घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं. जरूरी संदेश दीवार पर चस्पा भी किया जा रहा है.
डॉ. दूबे ने बताया कि इस समय जो कोविड मरीज पाए जा रहे हैं. उनमें सर्दी, जुकाम, बुखार और बदन दर्द सामान्य लक्षण हैं. इन लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें. ऐसा करने वाला व्यक्ति दूसरों को भी कोविड संक्रमित कर सकता है. कोविड टेस्टिंग वाले स्थानों पर ही कोविड से बचाव के दवा की किट भी रखवाई गयी है. लक्षण दिखने वाले व्यक्ति जांच के बाद घर में आइसोलेट होकर दवा का सेवन करेंगे तो आसानी से ठीक हो जाएंगे. उनके जरिये दूसरे किसी में कोविड का संक्रमण नहीं होगा. मधुमेह, ह्रदय रोग, कैंसर आदि से ग्रसित मरीजों को ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आने से ज्यादा खतरा होता है. कोविड मरीजों के सभी निकट सम्पर्कियों को भी कोविड की जांच अवश्य करवानी चाहिए.
सीएमओ ने आगे बताया कि जिले में प्रतिदिन 1000-1200 लोगों की कोविड जांच की जा रही है. लक्षणों के बावजूद जांच न करवाने वाले दूसरों के लिए संक्रमण का कारण बन रहे हैं. ऐसे लोगों के जरिये कोविड संक्रमण को रोकने का एक प्रमुख उपाय यह भी है कि जब भी घर से बाहर जाएं मास्क अवश्य लगाएं. होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड मरीजों की मदद के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 38 रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) और शहरी क्षेत्र में 14 आरआरटी का गठन किया गया है.
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