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जस्टिस मुरलीधर का स्थानांतरण सही, टाइम गलत: पूर्व जस्टिस बीएस चौहान

यूपी के गोरखपुर में पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बीएस चौहान पहुंचे. उन्होंने यहां दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस मुरलीधर के स्थानांतरण पर टिप्पणी की. उन्होंने जस्टिस मुरलीधर के स्थानांतरण को सही ठहराया है.

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पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बीएस चौहान.
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Published : Feb 29, 2020, 9:06 PM IST

गोरखपुर: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बीएस चौहान ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस मुरलीधर के स्थानांतरण को सही ठहराया है. हालांकि उन्होंने स्थानांतरण की टाइमिंग को गलत बताया है. बीएस चौहान बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट गोरखपुर के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने आए थे.

बीएस चौहान 21वें विधि आयोग के चेयरमैन और कावेरी जल विवाद ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि जस्टिस मुरलीधर के स्थानांतरण की बात एक साल से चल रही थी. सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने भी उनके स्थानांतरण की सिफारिश कर दी थी.

जस्टिस मुरलीधर के स्थानांतरण पर पूर्व जस्टिस की टिप्पणी.

जस्टिस चौहान ने कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है. बस स्थानांतरण की टाइमिंग गलत हो गई. जस्टिस मुरलीधर दिल्ली हिंसा मामले की सुनवाई करने वाली बेंच में शामिल थे. सुनवाई के दौरान उनका स्थानांतरण हो गया. अगर यह 10 दिन पहले या बाद में हुआ होता तो इतना हंगामा नहीं होता.

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विवाद नहीं करना चाहिए. न्यायपालिका में सरकार के हस्तक्षेप को उन्होंने सिरे से खारिज किया. विधि आयोग की प्रासंगिकता के पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि आयोग का काम रिसर्च करने का है. आयोग रिसर्च कर सुझाव सरकार को देती है.

इसे भी पढ़ें:- यात्रीगण कृपया ध्यान दें: वाराणसी जंक्शन पर तेलुगु में भी होगा अनाउंसमेंट

उन्होंने कहा कि आयोग अपने अनुसार ठीक काम करता है. उन्होंने कहा कि नए आयोग के गठन का काम चल रहा है. इसमें धीरे-धीरे नियुक्तियां भी होंगी. न्याय में देरी होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अधिवक्ता और न्यायाधीश सभी के संयुक्त प्रयास से ही इस समस्या को दूर किया जा सकता है.

गोरखपुर: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बीएस चौहान ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस मुरलीधर के स्थानांतरण को सही ठहराया है. हालांकि उन्होंने स्थानांतरण की टाइमिंग को गलत बताया है. बीएस चौहान बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट गोरखपुर के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने आए थे.

बीएस चौहान 21वें विधि आयोग के चेयरमैन और कावेरी जल विवाद ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि जस्टिस मुरलीधर के स्थानांतरण की बात एक साल से चल रही थी. सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने भी उनके स्थानांतरण की सिफारिश कर दी थी.

जस्टिस मुरलीधर के स्थानांतरण पर पूर्व जस्टिस की टिप्पणी.

जस्टिस चौहान ने कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है. बस स्थानांतरण की टाइमिंग गलत हो गई. जस्टिस मुरलीधर दिल्ली हिंसा मामले की सुनवाई करने वाली बेंच में शामिल थे. सुनवाई के दौरान उनका स्थानांतरण हो गया. अगर यह 10 दिन पहले या बाद में हुआ होता तो इतना हंगामा नहीं होता.

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विवाद नहीं करना चाहिए. न्यायपालिका में सरकार के हस्तक्षेप को उन्होंने सिरे से खारिज किया. विधि आयोग की प्रासंगिकता के पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि आयोग का काम रिसर्च करने का है. आयोग रिसर्च कर सुझाव सरकार को देती है.

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उन्होंने कहा कि आयोग अपने अनुसार ठीक काम करता है. उन्होंने कहा कि नए आयोग के गठन का काम चल रहा है. इसमें धीरे-धीरे नियुक्तियां भी होंगी. न्याय में देरी होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अधिवक्ता और न्यायाधीश सभी के संयुक्त प्रयास से ही इस समस्या को दूर किया जा सकता है.

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