ETV Bharat / state

आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों का प्रमोशन फिर अटका, शासन ने मांगा पांच साल के काम का ब्योरा - UP AYURVEDIC HOSPITAL

Ayurveda medical officer Promotion: आयुर्वेद चिकित्साधिकारियों का प्रमोशन फिर रोका गया है. शासन ने अधिकारियों से उनके काम का ब्योरा मांगा है.

ETV Bharat
राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 27, 2024, 5:05 PM IST

लखनऊ: प्रदेश में आयुर्वेद चिकित्साधिकारियों का प्रमोशन फिर अटक गया है. अब शासन ने निदेशालय से संबंधित चिकित्सा अधिकारियों का पांच साल के काम का विवरण मांगा है. ऐसे में कई जिलों का कामकाज कार्यवाहकों के भरोसे ही चलने के आसार हैं. इससे प्रमोशन सूची में शामिल चिकित्साधिकारियों में रोष है.

प्रदेश में जिला स्तर पर क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी के पद हैं. इसमें अब तक 56 पद आयुर्वेद और तीन पद यूनानी चिकित्साधिकारियों से भरे जाते हैं. यूनानी के तीनों पद भरे गए हैं. आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों से भरे जाने वाले जिलों में लखनऊ, रायबरेली, जालौन सहित आठ पद पर कार्यवाहक कार्यरत हैं.इन पदों को भरने के लिए छह माह से कवायद चल रही है.

इसे भी पढ़े-योगी सरकार 5 जिलों के DM को बनाएगी कमिश्नर, यूपी के 40 सीनियर IAS अफसरों को प्रमोशन गिफ्ट

प्रमोशन के लिए करीब 20 चिकित्साधिकारियों की सूची शासन को भेजी गई थी. लेकिन, कार्रवाई में मिली कमियों के संबंध में निदेशालय से जानकारी मांगी गई. निदेशालय ने उसे पूरा कर दोबारा शासन को भेजा. और फिर फाइल निदेशालय को लौटा दी. सूची में शामिल चिकित्साधिकारियों का पांच साल के कार्य का ब्योरा मांगा गया है. सूची में शामिल चिकित्साधिकारियों का कहना है, कि डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी (डीपीसी) की बैठक को जानबूझकर टाला जा रहा है. जो कमियां थीं, उन्हें एक बार में ही निस्तारित किया जाना चाहिए. उनका यह भी आरोप है, कि कुछ चहेते कार्यवाहकों को उपकृत करने के लिए प्रमोशन को टाला जा रहा है.

आयुष राज्यमंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा, कि कार्यवाहक के भरोसे चलने वाले पदों पर जल्द नियमित अधिकारियों की तैनाती का आदेश दिया गया है. आयुष विभाग में अभियान चलाकर हर संवर्ग का प्रमोशन किया जाता है. चिकित्साधिकारियों के मामले में भी जल्द ही प्रमोशन की सूची जारी करने का आदेश दिया गया है.

लखनऊ: प्रदेश में आयुर्वेद चिकित्साधिकारियों का प्रमोशन फिर अटक गया है. अब शासन ने निदेशालय से संबंधित चिकित्सा अधिकारियों का पांच साल के काम का विवरण मांगा है. ऐसे में कई जिलों का कामकाज कार्यवाहकों के भरोसे ही चलने के आसार हैं. इससे प्रमोशन सूची में शामिल चिकित्साधिकारियों में रोष है.

प्रदेश में जिला स्तर पर क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी के पद हैं. इसमें अब तक 56 पद आयुर्वेद और तीन पद यूनानी चिकित्साधिकारियों से भरे जाते हैं. यूनानी के तीनों पद भरे गए हैं. आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों से भरे जाने वाले जिलों में लखनऊ, रायबरेली, जालौन सहित आठ पद पर कार्यवाहक कार्यरत हैं.इन पदों को भरने के लिए छह माह से कवायद चल रही है.

इसे भी पढ़े-योगी सरकार 5 जिलों के DM को बनाएगी कमिश्नर, यूपी के 40 सीनियर IAS अफसरों को प्रमोशन गिफ्ट

प्रमोशन के लिए करीब 20 चिकित्साधिकारियों की सूची शासन को भेजी गई थी. लेकिन, कार्रवाई में मिली कमियों के संबंध में निदेशालय से जानकारी मांगी गई. निदेशालय ने उसे पूरा कर दोबारा शासन को भेजा. और फिर फाइल निदेशालय को लौटा दी. सूची में शामिल चिकित्साधिकारियों का पांच साल के कार्य का ब्योरा मांगा गया है. सूची में शामिल चिकित्साधिकारियों का कहना है, कि डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी (डीपीसी) की बैठक को जानबूझकर टाला जा रहा है. जो कमियां थीं, उन्हें एक बार में ही निस्तारित किया जाना चाहिए. उनका यह भी आरोप है, कि कुछ चहेते कार्यवाहकों को उपकृत करने के लिए प्रमोशन को टाला जा रहा है.

आयुष राज्यमंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा, कि कार्यवाहक के भरोसे चलने वाले पदों पर जल्द नियमित अधिकारियों की तैनाती का आदेश दिया गया है. आयुष विभाग में अभियान चलाकर हर संवर्ग का प्रमोशन किया जाता है. चिकित्साधिकारियों के मामले में भी जल्द ही प्रमोशन की सूची जारी करने का आदेश दिया गया है.

यह भी पढ़े-आयुष कॉलेजों में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग कल से, आयुर्वेद-होम्योपैथी व यूनानी कॉलेजों में मिलेगा दाखिला - admission in Ayush colleges

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.