गोरखपुरः इस संगठन का संरक्षक नगर निगम के पूर्व उपसभापति सुरेंद्र जायसवाल को बनाया गया है. जो निगम की राजनीति में पिछले 20 वर्षों से सक्रिय हैं. मंच के संरक्षक सुरेंद्र जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने मंच की कमेटी का भी ऐलान कर दिया. इसमें पूर्व पार्षद शिवाजी शुक्ला को अध्यक्ष बनाया गया है. जो जनता के चुने गए और राज्यपाल द्वारा मनोनीत पार्षद भी रहे हैं.
हर जरूरतमंद की मदद के काम करेगा यह मंच
सुरेंद्र जायसवाल ने कहा कि पूर्व पार्षदों के जीवन में भी कई तरह की समस्याएं हैं. वह जिस वार्ड के पार्षद रहे हैं, वहां पर भी कई तरह की समस्याएं हैं. इसका सही समय पर सही निदान हो, इसके लिए गठित हुआ यह मंच तो कार्य करेगा ही, साथ ही यह बेसहारा, मजलूम और जरूरतमंद लोगों के लिए भी आगे बढ़कर काम करेगा. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों पूर्व पार्षद पीयूष कांत शुक्ला जो गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. उनकी मदद के लिए पूर्व पार्षदों की यह टीम 1लाख 11 हजार रुपये की मदद पहुंचाई थी.
उन्होंने बताया कि सरकार और जिला प्रशासन लकवाग्रस्त पूर्व पार्षद को कोई मदद नहीं पहुंचा पाया है. यही वजह है कि एक ऐसे मंच का गठन करना पड़ा है जो न सिर्फ अपने पूर्व पार्षदों की समस्याओं और जरूरतों के लिए लड़ेगा. बल्कि समाज के उस हर व्यक्ति की लड़ाई में आगे आएगा. सरकार और प्रशासन की उपेक्षा का शिकार है. उन्होंने कहा कि गठित हुए मंच ने साफ तौर पर फैसला किया है कि जिस भी किसी पीड़ित को मदद पहुंचानी होगी. उसके लिए मंच के कार्यसमिति की बैठक करना अनिवार्य होगा और सामूहिक निर्णय के बाद मदद ही दी जाएगी.
पूर्व पार्षद एकता मंच के यह हैं पदाधिकारी
सरंक्षक सुरेंद्र जायसवाल
अध्यक्ष शिवाजी शुक्ला
वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रवण कुमार पांडेय
उपाध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता, मोहम्मद शकील, विंध्यवासिनी जायसवाल
प्रमुख सचिव शशांक शेखर त्रिपाठी
महासचिव संजय यादव, सुनील यादव, नीलम दुबे, नबी उल्ला अंसारी
सचिव देवेंद्र वर्मा, वीरेंद्र जायसवाल, मीना कन्नौजिया, शाहिद अंसारी, सुजीत कुमार, शिव गोविंद यादव
कोषाध्यक्ष विनोद अग्रहरी
संगठन मंत्री शम्भू यादव
कानूनी सलाहकार विवेक सरकारी एडवोकेट
खास बात यह है कि इस संगठन में हर दल के पार्षद शामिल हैं. इनका मकसद जनहित और पूर्व पार्षद हित में अपनी आवाज उठाना है.