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गोरखपुर: ऐतिहासिक सूर्यकुंड पोखरे में मर रहीं मछलियां, सिल्‍ट और आक्‍सीजन की कमी बनी वजह

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Published : Sep 30, 2020, 10:36 PM IST

गोरखपुर जिले के ऐतिहासिक सूर्यकुंड पोखरे की मछलियां आए दिन बड़ी तादात में मर रही हैं. ये सिलसिला लगभग 5 सालों से चल रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण सिल्ट की अधिकता और ऑक्सीजन की कमी बताई जा रही है.

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सूर्यकुंड धाम पोखरे में मरी मछलियां.

गोरखपुर: ऐतिहासिक सूर्यकुण्‍ड धाम पोखरे में मछलियां मरने से सनससनी फैल गई है. बताया जा रहा है अत्‍यधिक सिल्‍ट होने और आक्‍सीजन की कमी के कारण म‍छलियां मर रही हैं. सूर्यकुण्‍ड धाम सामिति के पदाधिकारियों की मानें तो पानी की निकासी की व्‍यवस्‍था नहीं होना भी एक वजह है. जिस कारण यहां पानी में आक्‍सीजन की कमी हो जाती है और पानी दूषित भी हो रहा है.

गोरखपुर में ऐतिहासिक सूर्यकुंड पोखरा स्थित है. ऐतिहासिक पोखरे की मछलियां आए दिन बड़ी तादात में मर रही हैं. ये सिलसिला लगभग 5 सालों से चल रहा है. पोखरे में हर रोज मछलियों के मरने से स्थानीय लोग भी काफी भयभीत हैं. सूर्यकुंड समिति के सचिव दीपक बताते हैं कि पोखरे से जल निकासी की कोई व्‍यवस्‍था नहीं होने की वजह से पानी में आक्‍सीजन की कमी हो रही है. इसके साथ ही सतह पर अत्‍यधिक सिल्‍ट होने की वजह से म‍छलियां मर रही हैं.

सूर्यकुण्‍डधाम पोखरा गोरखपुर का ऐतिहासिक पोखरा है. यहां हर साल भव्य रूप से देव दीपावली मनाया जाता है. लेकिन लापरवाही की वजह से हर साल सैकड़ों मछलियां मर रही हैं. साल 2013 में पहली बार यह घटना घटी, तो पहले दिन तो लोगों ने इसे सामान्य माना. लेकिन, लगातार कई दिनों तक बड़ी संख्या में मछलियों के मरने से सनसनी फैल गई. इस साल भी पोखरे में अचानक से सैकड़ों मछलियों के मरने से सनसनी फैल गई है.

गोरखपुर: ऐतिहासिक सूर्यकुण्‍ड धाम पोखरे में मछलियां मरने से सनससनी फैल गई है. बताया जा रहा है अत्‍यधिक सिल्‍ट होने और आक्‍सीजन की कमी के कारण म‍छलियां मर रही हैं. सूर्यकुण्‍ड धाम सामिति के पदाधिकारियों की मानें तो पानी की निकासी की व्‍यवस्‍था नहीं होना भी एक वजह है. जिस कारण यहां पानी में आक्‍सीजन की कमी हो जाती है और पानी दूषित भी हो रहा है.

गोरखपुर में ऐतिहासिक सूर्यकुंड पोखरा स्थित है. ऐतिहासिक पोखरे की मछलियां आए दिन बड़ी तादात में मर रही हैं. ये सिलसिला लगभग 5 सालों से चल रहा है. पोखरे में हर रोज मछलियों के मरने से स्थानीय लोग भी काफी भयभीत हैं. सूर्यकुंड समिति के सचिव दीपक बताते हैं कि पोखरे से जल निकासी की कोई व्‍यवस्‍था नहीं होने की वजह से पानी में आक्‍सीजन की कमी हो रही है. इसके साथ ही सतह पर अत्‍यधिक सिल्‍ट होने की वजह से म‍छलियां मर रही हैं.

सूर्यकुण्‍डधाम पोखरा गोरखपुर का ऐतिहासिक पोखरा है. यहां हर साल भव्य रूप से देव दीपावली मनाया जाता है. लेकिन लापरवाही की वजह से हर साल सैकड़ों मछलियां मर रही हैं. साल 2013 में पहली बार यह घटना घटी, तो पहले दिन तो लोगों ने इसे सामान्य माना. लेकिन, लगातार कई दिनों तक बड़ी संख्या में मछलियों के मरने से सनसनी फैल गई. इस साल भी पोखरे में अचानक से सैकड़ों मछलियों के मरने से सनसनी फैल गई है.

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