गोरखपुर: अनामिका शुक्ला के नाम पर शिक्षा विभाग को करोड़ों रुपए का चूना लगाये जाने का मामला शांत नहीं हो रहा है और शिक्षा विभाग से भ्रष्टाचार खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर में भी बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने लगभग 51 लोगों पर फर्जी दस्तावेज लगाकर कूट रचित तरीके से नौकरी करने वालों के खिलाफ एफआईआर कराते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया था. अब इन फर्जी शिक्षकों से लगभग 13 करोड़ रुपए की रिकवरी की बात संबंधित अधिकारियों द्वारा की जा रही है.
गोरखपुर जनपद में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने पिछले कई वर्षों से कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर शिक्षा विभाग को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे शिक्षकों के खिलाफ जांच कराते हुए उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने का कार्य किया गया है. वहीं इस फर्जीवाड़े के संबंध में संबंधित अधिकारियों ने एफआईआर दर्ज कराते हुए एसआईटी टीम के गठन के साथ ही इसकी गहनता से जांच भी कराई जा रही है. इस मामले में पुलिस विभाग ने भी स्पेशल टीम गठित कर दोषियों की धरपकड़ की तैयारी शुरू कर दी है.
इस संबंध में बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि शिकायत के आधार पर साक्ष्यों की जांच पड़ताल के बाद कूट रचित दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हुए नौकरी कर रहे जनपद के लगभग 51 अध्यापकों को बर्खास्त किया जा चुका है. लगभग 39 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. अब इन सभी से मानदेय के रूप में लिए गए करोड़ों रुपए की रिकवरी की जाएगी. इसके लिए बाकायदा एक टीम का गठन किया गया है और इनसे सरकार के एक-एक पैसे की वसूली की जाएगी.