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बिजली कर्मियों की हड़ताल: 40 से ज्यादा उपकेंद्र बंद तो कहीं पानी को तरसे लोग - गोरखपुर में बिजली कर्मियों की हड़ताल

उत्तर प्रदेश के जिले गोरखपुर में बिजली अभियंताओं का प्रदर्शन जारी है. जिसके चलते शहर में 40 से ज्यादा उपकेंद्र बंद है. इस कारण तीन लाख से ज्यादा घरों की बिजली ठप हो गई है. स्थानीय लोगों के मुताबिक, बिजली नहीं होने के कारण उनके घरों में पानी का संकट खड़ा हो गया है.

बिजली व्यवस्था
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Published : Mar 18, 2023, 5:20 PM IST

गोरखपुर: अभियंताओं और कर्मचारियों की गुरुवार रात 10 बजे से शुरू हुई 72 घंटे की हड़ताल से पूरे जिले में बिजली व्यवस्था पटरी से उतर गई है. 40 से ज्यादा उपकेंद्र बंद हो चुके हैं. इस कारण तीन लाख से ज्यादा घरों को बिजली नहीं मिल रही है. महानगर में संविदा कर्मियों के काम करने के बावजूद ज्यादातर उपकेंद्र बंद पड़े हैं. शुक्रवार की सुबह तो टाउनहॉल उप केंद्र में लगे साढ़े सात एमबीए के ट्रांसफार्मर में आग लग गई. इससे जिला अस्पताल की भी बिजली बंद हो गई है. अस्पताल में जांच कराने के लिए आने वाले रोगी और तीमारदार परेशान घूमते रहे.

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनरतले शुरू हुई हड़ताल का असर हर जगह देखने को मिल रहा है. बिजली न होने के कारण सबसे ज्यादा संकट पानी का खड़ा हो गया है. ज्यादातर घरों में इनवर्टर भी बंद हो गए हैं. मोहद्दीपुर में अभियंता और कर्मचारी मुख्य अभियंता कार्यालय के सामने धरना दे रहे हैं. उनका कहना है कि जब तक सरकार और प्रबंधन उनकी मांगे नहीं मानेंगे. तब तक हड़ताल खत्म नहीं की जाएगी. यदि प्रशासन गिरफ्तारी या उत्पीड़न करेगा तो हड़ताल को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया जाएगा. प्रशासन ने उपकेंद्रों पर लेखपालों को तैनात किया है. लेकिन तकनीकी जानकारी न होने के कारण वह भी संविदाकर्मियों के साथ बस इधर से उधर घूम रहे हैं. हालांकि लेखपाल संघ ने उपकेंद्रों पर लेखपालों की तैनाती का विरोध शुरू कर दिया है.

संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि कोई भी लेखपाल उपकेंद्र पर काम नहीं करेगा. जिले के मछलीगांव, कैंपियरगंज ग्रामीण, सोनौरा, पीपीगंज, नेतवर, सिंघोरवा, जंगल कौड़िया, सरहरी, एफसीआई गोरखपुर, कैंपियरगंज तहसील, अमहिया, चौरीचौरा, मुंडेरा, खुटहन, सरदारनगर, जगदीशपुर, नैयापार, भटहट, बड़हलगंज, डेरवा, पादरी बाजार, घघसरा, पाली, खजनी, सहजनवां तहसील, सहजनवां ग्रामीण, अहिरौली, चैनपुर, कल्याणपुर मठिया, बांसगांव ग्रामीण, बांसगांव तहसील, बिधनापार, धुरियापार, रानीपुर, कौड़ीराम, हरपुर अनंतपुर, गोला बाजार, गोला तहसील, हरिहरपुर, नौसढ़, सेवई, खजनी तहसील उप केंद्र क्षेत्र में अंधेरा कायम हो गया है. मोबाइल भी चार्ज करने लिए लोग चंदा लगाकर जनरेटर लगा रहे. बेलघाट के चंद्र प्रकाश त्रिपाठी कहते हैं कि सरकार केरोसीन आयल देती नहीं और मोमबत्ती टिकती नहीं. ऐसे में अंधेरे में रात गुजारना बड़ा कठिन हो गया है.

वहीं, एक तरफ विद्युत विभाग की हड़ताल से हाहाकार मचा हुआ है तो दूसरी तरफ घर में बिजली न रहने के कारण लोग उजाले के लिए कई उपाय कर रहे हैं. जिले के मीरपुर निवासी मुकेश यादव ने शुक्रवार की रात अपने फ्रीज के ऊपर मोमबत्ती जलाकर सो गए. फ्रीज पर मोमबत्ती रखने से वह पिघलते हुए फ्रीज को जलाकर राख बना दिया. गनीमत रही कि केवल फ्रीज ही जला कोई अन्य वस्तु आग की चपेट में नहीं आया. अगर आग और विकराल रुप धारण कर लेती तो घर में सो रहे परिवार और अन्य सदस्य और मवेशी भी नहीं बच पाते.

यह भी पढ़ें- गोरखपुर में सनसनीखेज वारदात, 25 गोवंश का कत्लेआम करके हड्डियां और मांस खेतों में फेंका

गोरखपुर: अभियंताओं और कर्मचारियों की गुरुवार रात 10 बजे से शुरू हुई 72 घंटे की हड़ताल से पूरे जिले में बिजली व्यवस्था पटरी से उतर गई है. 40 से ज्यादा उपकेंद्र बंद हो चुके हैं. इस कारण तीन लाख से ज्यादा घरों को बिजली नहीं मिल रही है. महानगर में संविदा कर्मियों के काम करने के बावजूद ज्यादातर उपकेंद्र बंद पड़े हैं. शुक्रवार की सुबह तो टाउनहॉल उप केंद्र में लगे साढ़े सात एमबीए के ट्रांसफार्मर में आग लग गई. इससे जिला अस्पताल की भी बिजली बंद हो गई है. अस्पताल में जांच कराने के लिए आने वाले रोगी और तीमारदार परेशान घूमते रहे.

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनरतले शुरू हुई हड़ताल का असर हर जगह देखने को मिल रहा है. बिजली न होने के कारण सबसे ज्यादा संकट पानी का खड़ा हो गया है. ज्यादातर घरों में इनवर्टर भी बंद हो गए हैं. मोहद्दीपुर में अभियंता और कर्मचारी मुख्य अभियंता कार्यालय के सामने धरना दे रहे हैं. उनका कहना है कि जब तक सरकार और प्रबंधन उनकी मांगे नहीं मानेंगे. तब तक हड़ताल खत्म नहीं की जाएगी. यदि प्रशासन गिरफ्तारी या उत्पीड़न करेगा तो हड़ताल को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया जाएगा. प्रशासन ने उपकेंद्रों पर लेखपालों को तैनात किया है. लेकिन तकनीकी जानकारी न होने के कारण वह भी संविदाकर्मियों के साथ बस इधर से उधर घूम रहे हैं. हालांकि लेखपाल संघ ने उपकेंद्रों पर लेखपालों की तैनाती का विरोध शुरू कर दिया है.

संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि कोई भी लेखपाल उपकेंद्र पर काम नहीं करेगा. जिले के मछलीगांव, कैंपियरगंज ग्रामीण, सोनौरा, पीपीगंज, नेतवर, सिंघोरवा, जंगल कौड़िया, सरहरी, एफसीआई गोरखपुर, कैंपियरगंज तहसील, अमहिया, चौरीचौरा, मुंडेरा, खुटहन, सरदारनगर, जगदीशपुर, नैयापार, भटहट, बड़हलगंज, डेरवा, पादरी बाजार, घघसरा, पाली, खजनी, सहजनवां तहसील, सहजनवां ग्रामीण, अहिरौली, चैनपुर, कल्याणपुर मठिया, बांसगांव ग्रामीण, बांसगांव तहसील, बिधनापार, धुरियापार, रानीपुर, कौड़ीराम, हरपुर अनंतपुर, गोला बाजार, गोला तहसील, हरिहरपुर, नौसढ़, सेवई, खजनी तहसील उप केंद्र क्षेत्र में अंधेरा कायम हो गया है. मोबाइल भी चार्ज करने लिए लोग चंदा लगाकर जनरेटर लगा रहे. बेलघाट के चंद्र प्रकाश त्रिपाठी कहते हैं कि सरकार केरोसीन आयल देती नहीं और मोमबत्ती टिकती नहीं. ऐसे में अंधेरे में रात गुजारना बड़ा कठिन हो गया है.

वहीं, एक तरफ विद्युत विभाग की हड़ताल से हाहाकार मचा हुआ है तो दूसरी तरफ घर में बिजली न रहने के कारण लोग उजाले के लिए कई उपाय कर रहे हैं. जिले के मीरपुर निवासी मुकेश यादव ने शुक्रवार की रात अपने फ्रीज के ऊपर मोमबत्ती जलाकर सो गए. फ्रीज पर मोमबत्ती रखने से वह पिघलते हुए फ्रीज को जलाकर राख बना दिया. गनीमत रही कि केवल फ्रीज ही जला कोई अन्य वस्तु आग की चपेट में नहीं आया. अगर आग और विकराल रुप धारण कर लेती तो घर में सो रहे परिवार और अन्य सदस्य और मवेशी भी नहीं बच पाते.

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