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गोरखपुर: इस बार के पंडालों में सजेंगी मां दुर्गा की इको फ्रेंडली प्रतिमाएं - गोरखपुर न्यूज

सीएम योगी के शहर गोरखपुर में मां दुर्गा की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई हैं. सबसे खास बात ये है कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए मूर्तिकार इको फ्रैंडली प्रतिमाओं को बना रहे हैं.

मां दुर्गा की इको फ्रेंडली प्रतिमायें
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Published : Oct 4, 2019, 5:02 PM IST

गोरखपुर: पूरे देश में नवरात्र का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है. वहीं सीएम योगी के शहर गोरखपुर में मां दुर्गा की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई हैं. सभी श्रद्धालु मां दुर्गा की पूजा-अर्चना भक्ति भाव से कर रहे हैं. सबसे खास बात ये है कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए मूर्तिकार इको फ्रैंडली प्रतिमाओं को बना रहे हैं.

इस बार के पंडालों में सजेंगी मां दुर्गा की इको फ्रेंडली प्रतिमाएं.
पंडालों में इको फ्रेंडली मां दुर्गा की प्रतिमाएं बैठाई जाएंगीगोरखपुर में लगभग 700 से 800 छोटी-बड़ी प्रतिमाएं शहर के विभिन्न पंडालों में विराजमान होती हैं. ऐसे में शहर की राप्ती नदी में इन प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है, जहां पर जलीय जंतु, जानवरों के अलावा ग्रामीण भी इस नदी का इस्तेमाल करते हैं. इन्हें किसी प्रकार की कोई हानि न हो इसे ध्यान में रखते हुए इस बार जिले के पंडालों में इको फ्रेंडली मां दुर्गा की प्रतिमाएं बैठाई जाएंगी, जिससे नदी और पानी को किसी प्रकार की कोई हानि न हो.

इको फ्रेंडली प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे कलाकार प्रवीण विश्वास ने बताया
शहर के बीचों-बीच स्थित स्टेशन रोड पर कोलकाता से आए मूर्तिकार प्रवीण विश्वास ने दर्जनों इको फ्रेंडली प्रतिमाएं बनाई हैं, जिनमें छोटी और बड़ी प्रतिमाएं हैं. इन प्रतिमाओं को बनाने में पूर्ण रूप से पर्यावरण से मिलने वाले संसाधनों का इस्तेमाल किया गया है. चाहे वह रंग हो, मिट्टी हो, पुवाल हो या फिर मां दुर्गा के वस्त्र हों, सभी पूर्ण रूप से इको फ्रेंडली हैं.

ये प्रतिमाएं पानी के संपर्क में आते ही घुल-मिल जाएंगी. इससे पानी में रहने वाले जली जीव-जंतुओं को किसी प्रकार की कोई हानि नहीं होगी. इसके साथ ही यह पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देंगी. इस बात को समिति के सदस्यों ने सहजता से स्वीकार किया है और वह हमारे यहां से इको फ्रेंडली प्रतिमाएं ले जा रहे हैं.

दुर्गा पंडाल समिति सदस्य ने कहा
पूरे देश में पर्यावरण को लेकर विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. ऐसे में हम सभी समिति के सदस्यों ने यह निर्णय लिया कि इस बार मां दुर्गा की प्रतिमा इको फ्रेंडली बनवाई जाएं. इससे पर्यावरण पूरी तरह से संरक्षित होगा. साथ ही प्रतिमाएं विसर्जित करते ही पूरी तरीके से पानी में घुल-मिल जाएंगी. इस निर्णय को संस्था से समिति के सदस्यों ने स्वीकारा और उसी को ध्यान में रखते हुए मूर्तिकार प्रवीण विश्वास से इको फ्रेंडली प्रतिमा का निर्माण करवा रहे हैं.

गोरखपुर: पूरे देश में नवरात्र का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है. वहीं सीएम योगी के शहर गोरखपुर में मां दुर्गा की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई हैं. सभी श्रद्धालु मां दुर्गा की पूजा-अर्चना भक्ति भाव से कर रहे हैं. सबसे खास बात ये है कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए मूर्तिकार इको फ्रैंडली प्रतिमाओं को बना रहे हैं.

इस बार के पंडालों में सजेंगी मां दुर्गा की इको फ्रेंडली प्रतिमाएं.
पंडालों में इको फ्रेंडली मां दुर्गा की प्रतिमाएं बैठाई जाएंगीगोरखपुर में लगभग 700 से 800 छोटी-बड़ी प्रतिमाएं शहर के विभिन्न पंडालों में विराजमान होती हैं. ऐसे में शहर की राप्ती नदी में इन प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है, जहां पर जलीय जंतु, जानवरों के अलावा ग्रामीण भी इस नदी का इस्तेमाल करते हैं. इन्हें किसी प्रकार की कोई हानि न हो इसे ध्यान में रखते हुए इस बार जिले के पंडालों में इको फ्रेंडली मां दुर्गा की प्रतिमाएं बैठाई जाएंगी, जिससे नदी और पानी को किसी प्रकार की कोई हानि न हो.

इको फ्रेंडली प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे कलाकार प्रवीण विश्वास ने बताया
शहर के बीचों-बीच स्थित स्टेशन रोड पर कोलकाता से आए मूर्तिकार प्रवीण विश्वास ने दर्जनों इको फ्रेंडली प्रतिमाएं बनाई हैं, जिनमें छोटी और बड़ी प्रतिमाएं हैं. इन प्रतिमाओं को बनाने में पूर्ण रूप से पर्यावरण से मिलने वाले संसाधनों का इस्तेमाल किया गया है. चाहे वह रंग हो, मिट्टी हो, पुवाल हो या फिर मां दुर्गा के वस्त्र हों, सभी पूर्ण रूप से इको फ्रेंडली हैं.

ये प्रतिमाएं पानी के संपर्क में आते ही घुल-मिल जाएंगी. इससे पानी में रहने वाले जली जीव-जंतुओं को किसी प्रकार की कोई हानि नहीं होगी. इसके साथ ही यह पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देंगी. इस बात को समिति के सदस्यों ने सहजता से स्वीकार किया है और वह हमारे यहां से इको फ्रेंडली प्रतिमाएं ले जा रहे हैं.

दुर्गा पंडाल समिति सदस्य ने कहा
पूरे देश में पर्यावरण को लेकर विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. ऐसे में हम सभी समिति के सदस्यों ने यह निर्णय लिया कि इस बार मां दुर्गा की प्रतिमा इको फ्रेंडली बनवाई जाएं. इससे पर्यावरण पूरी तरह से संरक्षित होगा. साथ ही प्रतिमाएं विसर्जित करते ही पूरी तरीके से पानी में घुल-मिल जाएंगी. इस निर्णय को संस्था से समिति के सदस्यों ने स्वीकारा और उसी को ध्यान में रखते हुए मूर्तिकार प्रवीण विश्वास से इको फ्रेंडली प्रतिमा का निर्माण करवा रहे हैं.

Intro:गोरखपुर। वैसे तो नवरात्रि की धूम पूरे देश में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ चल रही है, मुख्यमंत्री का शहर गोरखपुर भी इस धूम से अछूता नहीं है यहां पर भी मां दुर्गा की विशाल प्रतिमा है। पंडालों में जाने के लिए तैयार हो रही हैं लेकिन इस बार मां दुर्गा की प्रतिमाएं कुछ खास तरीके से मूर्तिकारों द्वारा बनाई जा रही हैं। जो पर्यावरण में जाते ही घुल मिल जाए और किसी प्रकार की कोई हानी प्रकृति को ना हो। वैसे तो इन प्रतिमाओं का दाम अन्य प्रतिमाओं से ज्यादा है लेकिन फिर भी पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए गोरखपुर वासी इको फ्रेंडली प्रतिमाओं को बनवा रहे हैं।


Body:गोरखपुर में लगभग 7 से 8 सौ छोटी बड़ी प्रतिमाएं शहर के विभिन्न पंडालों में विराजमान होती हैं। ऐसे में शहर की राप्ती नदी में इन प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है, जहां पर जलीय जंतु के अलावा ग्रामीणों द्वारा जानवरों और इंसानों का भी इस्तेमाल नदी का करते हैं। इन्हें किसी प्रकार की कोई हानि ना हो इसे ध्यान में रखते हुए इस बार गोरखपुर के पंडालों में इको फ्रेंडली मा दुर्गा की प्रतिमाएं बैठाई जाएंगी जिससे नदी व पानी को किसी प्रकार की कोई हानि ना हो। जिससे जलीय जीव जंतु अपना आसरा छोड़ने को मजबूर हो।

शहर के बीचोबीच स्थित स्टेशन रोड पर कोलकाता से आए मूर्तिकार प्रवीण विश्वास दर्जनों इको फ्रेंडली प्रतिमाएं बनाई है। जिनमें छोटी और बड़ी प्रतिमाएं हैं, इन प्रतिमाओं को बनाने में पूर्ण रूप से पर्यावरण से मिलने वाले संसाधनों का इस्तेमाल किया गया है। चाहे वह रंग हो, मिट्टी हो, पुवाल हो या फिर मां दुर्गा के वस्त्र हो। यह सभी पूर्ण रूप से इको फ्रेंडली हैं, जो पानी के संपर्क में आते ही पानी में घुल मिल जाएंगे। जिससे पानी में रहने वाले जली जीव जंतुओं को किसी प्रकार की कोई हानि नहीं होगी, साथ ही यह पर्यावरण संतुलन में भी अपना योगदान देंगे।

वैसे तो इन इको फ्रेंडली प्रतिमाओं की कीमत सामान्य प्रतिमाओं से कहीं ज्यादा है लेकिन शहर वासियों का उत्साह और रुझान देखते हुए मूर्तिकार प्रवीण विश्वास ने इको फ्रेंडली प्रतिमा बनाने का बीड़ा उठाया है। जिसे शहर में मां दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित करने वाली विभिन्न समितियों ने सहजता से स्वीकार करते हुए इन प्रतिमाओं को अपने-अपने पंडालों में बैठाने का निर्णय लिया है।


Conclusion:मूर्तिकार के वहां अपनी मूर्ति को देखने आए समिति के सदस्य पिंटू जायसवाल ने बताया कि पूरे देश में पर्यावरण को लेकर विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। ऐसे में हम सभी समिति के सदस्यों ने यह निर्णय लिया कि इस बार मां दुर्गा की प्रतिमा इको फ्रेंडली बनवाई जाए। जिससे पर्यावरण को संतुलन करने में सहयोग प्राप्त होगा साथ ही इसे विसर्जित करते ही पूरी तरीके से पानी में घुल मिल जाएगी। इस निर्णय को संस्था से समिति के सदस्यों ने स्वीकारा और उसी को ध्यान में रखते हुए मूर्तिकार प्रवीण विश्वास के वहां इको फ्रेंडली प्रतिमा का निर्माण करवा रहे हैं।

बाइट पिंटू जायसवाल समिति सदस्य

वही इको फ्रेंडली प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे कलाकार प्रवीण विश्वास ने बताया कि हम शहर में सबसे ज्यादा इको फ्रेंडली प्रतिमाएं बना रहे हैं और हमारे यहां तमाम समितियों के सदस्य इन प्रतिमा को पसंद कर उन्हें अपने पंडालों में बैठाने के लिए तैयारी कर रहे हैं। इन प्रतिमाओं के निर्माण में पूरी तरीके प्रकृति से मिलने वाले रंग, मिट्टी पुआल व अन्य संसाधनों का उपयोग कर प्रतिमाएं बनाई जा रही है। दर्जनों विशालकाय प्रतिमाएं इको फ्रेंडली बनाई गई है। इस बार हम लोगों ने यह निर्णय लिया था कि हानिकारक रंगों व केमिकल का प्रयोग ना करते हुए प्रतिमाओं का निर्माण किया जाएगा और यह बात समिति के सदस्यों को भी बताई जाएगी। जिससे पर्यावरण को संतुलित करने में सहयोग प्राप्त होगा, इस बात को समिति के सदस्यों ने सहजता से स्वीकार किया है और वह हमारे वहां से इको फ्रेंडली प्रतिमाएं ले जा रहे हैं।

बाइट प्रवीण विश्वास इको फ्रेंडली प्रतिमा मूर्तिकार



निखिलेश प्रताप
गोरखपुर
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