गोरखपुर: यात्री सुविधा का गोरखपुर एयरपोर्ट पर भले ही इजाफा न हो रहा हो. लेकिन यात्रियों की संख्या में यहां हर दिन इजाफा हो रहा है. यात्रियों के आवागमन को देखते हुए यह प्रदेश का तीसरे नंबर का एयरपोर्ट हो गया है. यहां प्रतिदिन करीब 2 हजार 650 से लेकर 3 हजार यात्रियों का आना-जाना हो रहा है.
गोरखपुर एयरपोर्ट के निदेशक एके द्विवेदी ने ईटीवी भारत को बताया कि यहां प्रतिदिन भारी संख्या में यात्रियों के आने जाने से उनके ठहराव और प्रस्थान को लेकर समस्या आती है. सामानों की चेकिंग में भी दिक्कत आती है. यही वजह है कि दूसरा डिपार्चर प्लेटफॉर्म बनकर तैयार हो गया है. जिसका लोकार्पण सिक्योरिटी क्लीयरेंस की वजह से लटका पड़ा है. उन्होंने बताया कि टू बैग बेल्ट प्लेटफार्म बनाया गया है. जिससे सामानों की चेकिंग आसान हो सकेगी. उन्होंने कहा कि भविष्य में एयरपोर्ट बेहतर सुविधाओं से लैस होगा. यात्रियों का दबाव बढ़ेगा तो सुविधाओं का बढ़ना स्वाभाविक है. यह एयरपोर्ट पूर्वांचल समेत बिहार के पश्चिमी जिले सिवान, छपरा, गोपालगंज और नेपाल के यात्रियों के लिए विशेष महत्व रखता है. एयरपोर्ट के निदेशक ने बताया कि यहां से 11 फ्लाइट संचालित होती है. वहीं, गर्मी शुरू होते ही यहां से 13 फ्लाइटों का आना-जाना प्रारंभ हो जाएगा. साथ ही प्रदेश सरकार के विशेष पहल पर सुविधाओं में वृद्धि कर एयरपोर्ट की सीमा विस्तार का कार्य अंतिम दौर में है.
एयरपोर्ट के निदेशक ने बताया कि गोरखपुर एयरपोर्ट के विस्तार को रक्षा मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री योगी आदिनाथ की पहल पर एयरपोर्ट के लिए 42.14 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने के साथ ही 76.2 करोड़ का बजट आवंटित कर दिया गया है. जब तक इस पैसे से एयरपोर्ट के विस्तार की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, तब तक मौजूदा एयरपोर्ट में सुविधाओं को विकसित करने का काम जरूरी रहेगा. यात्रियों की भीड़ को देखते हुए डिपार्चर प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है. अभी यहां 50 यात्रियों को ठहराने की व्यवस्था है, जो आगे बढ़कर 350 तक हो जाएगी. उन्होंने कहा कि यह भूमितल पर है. प्रथम तल पर सुविधा सेवा में विस्तार का प्रयास जारी है. । लेकिन जो सुविधा बनकर तैयार हो गई है उसका भी ।
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