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योगी सरकार के चार साल, गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र के आए 'अच्छे दिन'

योगी आदित्यनाथ का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर चार साल का कार्यकाल पूरा होने वाला है. योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के 21वें सीएम के रूप कार्यभार संभाला था. अपने चार साल के कार्यकाल में सीएम योगी ने प्रदेश में कई विकास कार्य किए. बात करें गोरखपुर की तो सबसे अधिक गोरखपुर के ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य फलक पर दिखाई दे रहा है. पढ़िए ये खास रिपोर्ट...

स्पेशल रिपोर्ट.
स्पेशल रिपोर्ट.
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Published : Mar 16, 2021, 1:03 PM IST

गोरखपुर: आगामी 19 मार्च को प्रदेश की योगी सरकार अपना 4 साल का कार्यकाल पूरा करेगी. इस दौरान सरकार चार साल के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों का प्रचार-प्रसार भी करने की तैयारी में है. अगर हम बात करें सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर की तो इन चार सालों में यहां विकास की शुरुआत नई तरह से हुई. पूरे जिले में करीब लाखों-करोड़ों की परियोजना आकार लेती दिखाई दे रही है, लेकिन विकास के पैमाने में जिस क्षेत्र को सर्वाधिक लाभ मिला है वह 'गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा' का क्षेत्र है.

बाढ़ से निपटने की है तैयारी.
बाढ़ से निपटने की है तैयारी.

पर्यटकों को लुभा रहा राप्ती नदी का घाट
गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ बचाव, बांध, पुल, सड़कें, चिड़ियाघर, दुग्ध केंद्र, बस डिपो, राप्ती नदी तट के दोनों किनारों को सुंदर घाटों से सुसज्जित करने का काम बड़ी खूबसूरती के साथ हुआ है. जो देश की आजादी के बाद से एक कीर्तिमान है. क्षेत्र के विधायक अपने विधानसभा की इन योजनाओं के लिए सीएम योगी को धन्यवाद करने से नहीं चूकते हैं. क्षेत्रवासियों का कहना है कि विधायक ने जिन समस्याओं के बारे में सीएम योगी से कहा, तत्काल प्रभाव से उस समस्या को निस्तारित करने का कदम उठाया गया.

विकास कार्य जारी है.
विकास कार्य जारी है.

बाढ़ से फसलों को बचायेगा तरकुलानी रेगुलेटर
गोरखपुर जनपद में विधानसभा की कुल 9 सीटें हैं. जिसमें गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा सीट का 70% हिस्सा ग्रामीण और 30% हिस्सा शहरी क्षेत्र का है. इसमें सबसे ज्यादा विकास के कार्य ग्रामीण क्षेत्रों से ही जुड़े हुए हैं. विकास से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण कार्य की बात करें तो क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या खेती योग्य 2,831 हेक्टेयर भूमि को बाढ़ की समस्या से निजात दिलाना था. यह भूमि करीब चालीस गांव के किसानों की है, जो बरसात के समय में पूरी तरह से जलमग्न हो जाती है.

स्पेशल रिपोर्ट.

बारिश के समय किसानों की खड़ी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है. हालांकि किसानों को अब इस समस्या से निजात मिल चुका है. इस क्षेत्र को बाढ़ की समस्या से बचाने के लिए काफी समय से यहां पर रेगुलेटर बनाए जाने की मांग थी. सीएम योगी भी बतौर सांसद इस मामले को गंभीरता से लेते थे. जब सीएम योगी की सरकार बनी तो विधायक के रूप में विपिन सिंह चुनाव जीतने में कामयाब हुए.

सीएम योगी के निर्देश पर किसानों को बाढ़ से निजात दिलान के लिए तरकुलानी रेगुलेटर का निर्माण शुरू हो गया. जिस पर 85 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. इससे आवागमन की सुविधा भी आसान हो सकेगी. यह रेगुलेटर अपने आप में एक बड़े बांध की तरह दिखाई देता है. अब क्षेत्र की जनता और क्षेत्रीय विधायक दोनों निश्चिंत हैं कि ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र न तो डूबेगा और न ही फसलें बर्बाद होंगी.

योगी सरकार में बाढ़ से बचाव पर हुआ विशेष कार्य
जिलाधिकारी के. विजेंद्र पांडियन ने कहा कि यह क्षेत्र बाढ़ प्रभावित क्षेत्र रहा है. 7 नदियों से क्षेत्र घिरा हुआ है. क्षेत्र में करीब 490 किलोमीटर लंबा बांध है. जिसकी मजबूती के लिए कई तरह की परियोजनाओं पर काम हुआ. यही वजह है कि पिछले तीन-चार सालों में बाढ़ की स्थिति देखने को नहीं मिली. कहा कि इसके अलावा तीन नदियों की धारा को भी मोड़ने का कार्य किया गया. जिससे यह क्षेत्र बाढ़ की विभीषिका से पूरी तरह से लड़ने में अब सक्षम है.

गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख परियोजनाओं को लेकर बीजेपी विधायक ने कहा कि यह सौभाग्य है कि मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें योगी जी मिले. जो इस क्षेत्र की समस्याओं को जानते थे और सरकार बनने के बाद समस्याओं के निस्तारण का काम किया. कहा कि उनके क्षेत्र में जनता की डिमांड पर ही काम होगा. जनता के स्तर पर सभी बड़ी समस्याओं का समाधान करा दिया गया है.

विधायक ने कहा कि कोरोना काल में विधायक निधि पर रोक लगी थी. उन्हें निधि के साथ विकास के लिए एक साल में अधिकतम पौने तीन करोड़ रुपये ही मिलते हैं, लेकिन यह सीएम योगी का भरोसा ही था कि विधायक के रखे गए प्रस्ताव पर सीएम योगी मुहर लगाते चले गए.

ग्रामीण विधानसभा की प्रमुख परियोजनाएं

परियोजनाएं लागत
तरकुलानी रेगुलेटर का निर्माण85 करोड़ रुपये
चिड़ियाघर का निर्माण257 करोड़ रुपये
चंदाघाट पुल का निर्माण35 करोड़ रुपये
मोतीराम अड्डा-बरही चौड़ीकरण मार्ग का निर्माण38 करोड़ रुपये
नौसढ़ बस स्टेशन का निर्माण2 करोड़ रुपये
रामगढ़ ताल सौंदर्यीकरण 19 करोड़ रुपये
नौसढ़- बघागाड़ा फोरलेन का निर्माण25 करोड़ रुपये
बघागाड़ा-जरलही मार्ग का निर्माण 21 करोड़ रुपये
दुग्ध अवशीतन केंद्र का निर्माण40 करोड़ रुपये
सड़कों का जाल बिछाना400 सौ करोड़ रुपये
लहसड़ी बंधे का मरम्मत और पिचिंग62 करोड़ रुपये

गोरखपुर: आगामी 19 मार्च को प्रदेश की योगी सरकार अपना 4 साल का कार्यकाल पूरा करेगी. इस दौरान सरकार चार साल के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों का प्रचार-प्रसार भी करने की तैयारी में है. अगर हम बात करें सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर की तो इन चार सालों में यहां विकास की शुरुआत नई तरह से हुई. पूरे जिले में करीब लाखों-करोड़ों की परियोजना आकार लेती दिखाई दे रही है, लेकिन विकास के पैमाने में जिस क्षेत्र को सर्वाधिक लाभ मिला है वह 'गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा' का क्षेत्र है.

बाढ़ से निपटने की है तैयारी.
बाढ़ से निपटने की है तैयारी.

पर्यटकों को लुभा रहा राप्ती नदी का घाट
गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ बचाव, बांध, पुल, सड़कें, चिड़ियाघर, दुग्ध केंद्र, बस डिपो, राप्ती नदी तट के दोनों किनारों को सुंदर घाटों से सुसज्जित करने का काम बड़ी खूबसूरती के साथ हुआ है. जो देश की आजादी के बाद से एक कीर्तिमान है. क्षेत्र के विधायक अपने विधानसभा की इन योजनाओं के लिए सीएम योगी को धन्यवाद करने से नहीं चूकते हैं. क्षेत्रवासियों का कहना है कि विधायक ने जिन समस्याओं के बारे में सीएम योगी से कहा, तत्काल प्रभाव से उस समस्या को निस्तारित करने का कदम उठाया गया.

विकास कार्य जारी है.
विकास कार्य जारी है.

बाढ़ से फसलों को बचायेगा तरकुलानी रेगुलेटर
गोरखपुर जनपद में विधानसभा की कुल 9 सीटें हैं. जिसमें गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा सीट का 70% हिस्सा ग्रामीण और 30% हिस्सा शहरी क्षेत्र का है. इसमें सबसे ज्यादा विकास के कार्य ग्रामीण क्षेत्रों से ही जुड़े हुए हैं. विकास से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण कार्य की बात करें तो क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या खेती योग्य 2,831 हेक्टेयर भूमि को बाढ़ की समस्या से निजात दिलाना था. यह भूमि करीब चालीस गांव के किसानों की है, जो बरसात के समय में पूरी तरह से जलमग्न हो जाती है.

स्पेशल रिपोर्ट.

बारिश के समय किसानों की खड़ी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है. हालांकि किसानों को अब इस समस्या से निजात मिल चुका है. इस क्षेत्र को बाढ़ की समस्या से बचाने के लिए काफी समय से यहां पर रेगुलेटर बनाए जाने की मांग थी. सीएम योगी भी बतौर सांसद इस मामले को गंभीरता से लेते थे. जब सीएम योगी की सरकार बनी तो विधायक के रूप में विपिन सिंह चुनाव जीतने में कामयाब हुए.

सीएम योगी के निर्देश पर किसानों को बाढ़ से निजात दिलान के लिए तरकुलानी रेगुलेटर का निर्माण शुरू हो गया. जिस पर 85 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. इससे आवागमन की सुविधा भी आसान हो सकेगी. यह रेगुलेटर अपने आप में एक बड़े बांध की तरह दिखाई देता है. अब क्षेत्र की जनता और क्षेत्रीय विधायक दोनों निश्चिंत हैं कि ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र न तो डूबेगा और न ही फसलें बर्बाद होंगी.

योगी सरकार में बाढ़ से बचाव पर हुआ विशेष कार्य
जिलाधिकारी के. विजेंद्र पांडियन ने कहा कि यह क्षेत्र बाढ़ प्रभावित क्षेत्र रहा है. 7 नदियों से क्षेत्र घिरा हुआ है. क्षेत्र में करीब 490 किलोमीटर लंबा बांध है. जिसकी मजबूती के लिए कई तरह की परियोजनाओं पर काम हुआ. यही वजह है कि पिछले तीन-चार सालों में बाढ़ की स्थिति देखने को नहीं मिली. कहा कि इसके अलावा तीन नदियों की धारा को भी मोड़ने का कार्य किया गया. जिससे यह क्षेत्र बाढ़ की विभीषिका से पूरी तरह से लड़ने में अब सक्षम है.

गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख परियोजनाओं को लेकर बीजेपी विधायक ने कहा कि यह सौभाग्य है कि मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें योगी जी मिले. जो इस क्षेत्र की समस्याओं को जानते थे और सरकार बनने के बाद समस्याओं के निस्तारण का काम किया. कहा कि उनके क्षेत्र में जनता की डिमांड पर ही काम होगा. जनता के स्तर पर सभी बड़ी समस्याओं का समाधान करा दिया गया है.

विधायक ने कहा कि कोरोना काल में विधायक निधि पर रोक लगी थी. उन्हें निधि के साथ विकास के लिए एक साल में अधिकतम पौने तीन करोड़ रुपये ही मिलते हैं, लेकिन यह सीएम योगी का भरोसा ही था कि विधायक के रखे गए प्रस्ताव पर सीएम योगी मुहर लगाते चले गए.

ग्रामीण विधानसभा की प्रमुख परियोजनाएं

परियोजनाएं लागत
तरकुलानी रेगुलेटर का निर्माण85 करोड़ रुपये
चिड़ियाघर का निर्माण257 करोड़ रुपये
चंदाघाट पुल का निर्माण35 करोड़ रुपये
मोतीराम अड्डा-बरही चौड़ीकरण मार्ग का निर्माण38 करोड़ रुपये
नौसढ़ बस स्टेशन का निर्माण2 करोड़ रुपये
रामगढ़ ताल सौंदर्यीकरण 19 करोड़ रुपये
नौसढ़- बघागाड़ा फोरलेन का निर्माण25 करोड़ रुपये
बघागाड़ा-जरलही मार्ग का निर्माण 21 करोड़ रुपये
दुग्ध अवशीतन केंद्र का निर्माण40 करोड़ रुपये
सड़कों का जाल बिछाना400 सौ करोड़ रुपये
लहसड़ी बंधे का मरम्मत और पिचिंग62 करोड़ रुपये
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