गोरखपुर : उत्तरप्रदेश में डेंगू के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सीएम सिटी के तौर पर मशहूर गोरखपुर में डेंगू की बढ़ती रफ्तार ने राज्य सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है (Dengue cases in Gorakhpur ). गोरखपुर में हर दिन नए के भी मिल रहे हैं और आंकड़ा 200 के पार पहुंचने वाला है. स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम मुस्तैदी का दावा कर रहा है मगर अभी तक हेल्प डेस्क जैसी सुविधा शुरू नहीं हुई है. वाराणसी में इस हालात से निपटने के लिए फीवर हेल्प डेस्क बनाई गई है. फैमिली वेलफेयर की डायरेक्टर डॉ संगीता श्रीवास्तव ने बुधवार को गोरखपुर के अस्पताल में तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने मरीजों की जांच, मेडिसिन स्टॉक और बेड की संख्या के बारे में भी जानकारी ली. साथ ही सीएमओ और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डॉक्टरों के हालात पर नजर बनाए रखने की हिदायत दी.
सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, गोरखपुर में अब तक डेंगू के 190 मामले सामने आए हैं. जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह के मुताबिक कुशीनगर में 29, देवरिया में 24 और महाराजगंज में 26 मामले सामने आए हैं . गोरखपुर के जिला अस्पताल में अभी कुल 16 मरीज भर्ती हैं. बाकी लोग अपना इलाज घर पर करा रहे हैं. 147 लोगों को स्वच्छता में लापरवाही बरतने पर नोटिस भी दिया गया है. बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम एम्स पहुंचेगी. यह टीम डेंगू के एक्टिव मरीजों का डाटा भी एकत्रित करेगी.
आंकड़ों के मुताबिक, गोरखपुर में पिछले 5 साल के मुकाबले 2022 में डेंगू के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है (Dengue five year record broken). 2019 में कुल 114 मामले सामने आए तो तो 2021 में इसका आंकड़ा 67 था. 2017 में डेंगू के 111 केस सामने आए थे. डेंगू पीड़ितों का आंकड़ा 2018 में 25 और 2020 में मात्र 9 की संख्या में ही सिमट गया था. अभी जिला अस्पताल समेत बीआरडी मेडिकल कॉलेज और तीन अन्य अस्पतालों में बेड की कुल संख्या 271 है. सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार दुबे ने कहा है कि अस्पतालों को पर्याप्त संख्या में जांच की किट, दवाएं उपलब्ध करा दी गई हैं. सभी इंसेफ्लाइटिस ट्रीटमेंट सेंटरों पर भी डेंगू वॉर्ड तैयार कर दिए गए हैं. लोग स्वच्छता पर भी जोर देंगे तो इस बीमारी से बहुत जल्द निजात मिल जाएगी.
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