गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर ओम प्रकाश पांडेय को अपनी पत्नी को भरण पोषण के रूप में 90 लाख रुपये एकमुश्त देने का आदेश कोर्ट ने दिया है. यह आदेश अपर प्रधान न्यायधीश परिवार न्यायालय इफराक अहमद ने दिया है. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि पारित निर्णय को गोरखपुर विश्वविद्यालय के सक्षम प्राधिकारी को भी प्रेषित किया जाए.
चौरी चौरा थाना क्षेत्र के गांव डुमरीखास निवासिनी वादी जयंती पांडेय की शादी 23 जून 1985 को डॉ. ओम प्रकाश पांडेय के साथ हुई थी. कुछ वर्षों तक दोनों के बीच सब कुछ ठीक चलता रहा लेकिन बाद में दोनों के बीच मन मुटाव रहने लगा और साल 1999 में तलाक हो गया.
जयंती पांडे ने भरण पोषण हेतु ओम प्रकाश के खिलाफ परिवाद दाखिल किया था, जिसमें 31 मई 2006 को 5000 रुपए प्रति माह देने का निर्णय हुआ था. इसके खिलाफ ओम प्रकाश पांडेय ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में अपील की थी. बाद में जयंती पांडेय ने एकमुश्त स्थायी निर्वाह के लिए अक्टूबर 2019 में परिवाद दाखिल किया, जिसमें दो करोड़ रुपये प्रदान करने की मांग की गई थी.
न्यायाधीश ने दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर डॉक्टर ओम प्रकाश पांडेय के खिलाफ निर्णय सुनाते हुए 90 लाख रुपये एक मुश्त भरण-पोषण के लिए देने का आदेश दिया. बता दें कि प्रोफेसर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में परीक्षा नियंत्रक, एचओडी रसान विभाग व अन्य विश्वविद्यालयों में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दी है.