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सांसद-विधायकों को सीएम योगी का सुझाव, फोन कर कोरोना मरीजों का लें हालचाल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सांसदों, विधायकों को इस बात का सुझाव दिया है कि वे लोग भी अपनी जिम्मेदारी समझें और होम आइसोलेटेड कोरोना मरीजों से फोन पर बातकर उनका हालचाल लें. इसके साथ ही उनका हौसला बढ़ाएं.

सीएम योगी का सांसद-विधायकों को सुझाव
सीएम योगी का सांसद-विधायकों को सुझाव
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Published : May 11, 2021, 5:46 PM IST

गोरखपुरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सांसदों, विधायकों को कोरोना से निपटने के मद्देनजर सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि आपलोग अपनी जिम्मेदारियों को समझें और होम आइसोलेशन के कोरोना मरीजों से फोन पर बातकर उनका हालचाल लें. इस दौरान उनका हौसला बढ़ाएं. योगी ने इसके लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों को होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना मरीजों का मोबाइल नंबर और डाटा जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. योगी के इस निर्देश के बाद प्रशासन जनप्रतिनिधियों को कोरोना मरीजों का डाटा उपलब्ध कराने जा रहा है. अब सांसद और विधायकों को मरीजों से बातचीत कर उनका लेखा-जोखा तैयार करना होगा. देखा जाए तो मुख्यमंत्री के इस निर्देश के पीछे कहीं न कहीं क्रॉस चेकिंग जैसा अभियान भी है, क्योंकि सीएम को ऐसी शिकायतें मिली हैं कि कंट्रोल रूम से होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों का हालचाल नहीं लिया जा रहा है.

ऑक्सीजन की कालाबाजारी रोकने पर जोर

योगी ने यह सुझाव अपने सोमवार के गोरखपुर दौरे के दौरान दिया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने जिला और मेडिकल कॉलेज प्रशासन को बताया कि ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ इसकी कालाबाजारी रोकने के लिए भी उचित कार्रवाई की जाए. मानव संपदा की कमी दूर करने के लिए भी सभी विभाग संविदा पर कर्मचारियों की नियुक्ति जल्द से जल्द कर लें.

तीसरी लहर से निपटने की तैयारी

मुख्यमंत्री की बैठक के दौरान मंडलायुक्त गोरखपुर जयंत नारलीकर ने आंकड़ावार विवरण प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि मंडल में ऑक्सीजन सिलेंडर, लेवल 2 और 3 के अस्पताल, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ की जितनी आवश्यकता है, उतने उपलब्ध नहीं हैं. वर्तमान के संकट से तो निपटा जा रहा है लेकिन भविष्य की तीसरी लहर को देखते हुए इन जरूरी चीजों का समय से उपलब्ध होना बेहद जरूरी है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि निगरानी समितियों की संख्या 3 से 4 गुना बढ़ाकर मेडिकल किट का वितरण उन्हीं से कराया जाए. ऑक्सीजन की बर्बादी और जमाखोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें. कोविड-19 अस्पताल में भर्ती मरीजों की नियमित जानकारी उनके परिजनों को दें. निजी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और कंटेनमेंट जोन में सख्ती बरती जाए.

इसे भी पढ़ें - बक्सर के बाद अब यहां भी गंगा में उतराती मिलीं लावारिस लाशें

गोरखपुरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सांसदों, विधायकों को कोरोना से निपटने के मद्देनजर सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि आपलोग अपनी जिम्मेदारियों को समझें और होम आइसोलेशन के कोरोना मरीजों से फोन पर बातकर उनका हालचाल लें. इस दौरान उनका हौसला बढ़ाएं. योगी ने इसके लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों को होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना मरीजों का मोबाइल नंबर और डाटा जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. योगी के इस निर्देश के बाद प्रशासन जनप्रतिनिधियों को कोरोना मरीजों का डाटा उपलब्ध कराने जा रहा है. अब सांसद और विधायकों को मरीजों से बातचीत कर उनका लेखा-जोखा तैयार करना होगा. देखा जाए तो मुख्यमंत्री के इस निर्देश के पीछे कहीं न कहीं क्रॉस चेकिंग जैसा अभियान भी है, क्योंकि सीएम को ऐसी शिकायतें मिली हैं कि कंट्रोल रूम से होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों का हालचाल नहीं लिया जा रहा है.

ऑक्सीजन की कालाबाजारी रोकने पर जोर

योगी ने यह सुझाव अपने सोमवार के गोरखपुर दौरे के दौरान दिया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने जिला और मेडिकल कॉलेज प्रशासन को बताया कि ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ इसकी कालाबाजारी रोकने के लिए भी उचित कार्रवाई की जाए. मानव संपदा की कमी दूर करने के लिए भी सभी विभाग संविदा पर कर्मचारियों की नियुक्ति जल्द से जल्द कर लें.

तीसरी लहर से निपटने की तैयारी

मुख्यमंत्री की बैठक के दौरान मंडलायुक्त गोरखपुर जयंत नारलीकर ने आंकड़ावार विवरण प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि मंडल में ऑक्सीजन सिलेंडर, लेवल 2 और 3 के अस्पताल, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ की जितनी आवश्यकता है, उतने उपलब्ध नहीं हैं. वर्तमान के संकट से तो निपटा जा रहा है लेकिन भविष्य की तीसरी लहर को देखते हुए इन जरूरी चीजों का समय से उपलब्ध होना बेहद जरूरी है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि निगरानी समितियों की संख्या 3 से 4 गुना बढ़ाकर मेडिकल किट का वितरण उन्हीं से कराया जाए. ऑक्सीजन की बर्बादी और जमाखोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें. कोविड-19 अस्पताल में भर्ती मरीजों की नियमित जानकारी उनके परिजनों को दें. निजी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और कंटेनमेंट जोन में सख्ती बरती जाए.

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