गोरखपुर: सीएम सिटी के रूप में तमाम योजनाओं की सौगात और सुविधाओं की बढ़ोतरी में यह शहर लगातार कदमताल करता आगे बढ़ रहा है. ऐसे ही सुविधाओं में से एक सुविधा इलेक्ट्रिक बसों का है, जिसके बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं. शहर में संचालित हो रही करीब 15 बसें प्रतिदिन लाखों रुपये की आमदनी करा रही हैं.
जिससे यह आंकलन किया जा रहा है कि यह बसें यात्री सुविधा देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं. यही वजह है कि कमाई को देखते हुए नगर निगम प्रशासन (municipal administration) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को जब यह उपलब्धि बताया तो इसके साथ ही उन्होंने इन बसों के यात्रा मार्ग को बढ़ाने और जनप्रतिनिधियों के आ रहे डिमांड को भी पूरा करने के लिए सीएम से कुछ और बसों की सौगात देने की डिमांड कर दिया है. जिस पर मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति दे दी है. उम्मीद की जा रही है कि गोरखपुर में आने वाले समय में करीब 25 बसों की संख्या और शामिल होगी जिससे शहर के अधिकांश रूटों पर इनका संचालन संभव हो जाएगा.
गोरखपुर के नगर आयुक्त अविनाश सिंह (Gorakhpur Municipal Commissioner Avinash Singh) की माने तो पहले की बची 10 बसों के अलावा 25 और बसों की मांग की गई है जो पूरी होती है तो गोरखपुर शहर को कुल 35 नई बसें मिलेंगी और पहले से 15 बसें यहां संचालित हो ही रही हैं, जिसकी संख्या 50 हो जाएगी. यही नहीं एयरपोर्ट से महानगर के पर्यटन स्थलों, प्रमुख स्थानों तक यात्रियों को जाने के लिए नगर विकास विभाग में 54 सीटर 2 इलेक्ट्रिक बसें भी गोरखपुर को भेज दी है, जिनमें एक बस की कीमत करीब ₹1 करोड़ 838 लाख है.
जल्द ही यह बसें भी एयरपोर्ट रोड पर चलने लगेंगी और एयरपोर्ट से उतरने वाले यात्रियों को सीधे तौर पर पर्यटन स्थलों तक ले जा सकेंगी. उन्होंने बताया कि प्रति बस लगभग एक लाख रुपये की प्रतिदिन की आमदनी दे रही हैं, जिसके पीछे किराया सस्ता होना महत्वपूर्ण नहीं है. इसमें जो सुविधा यात्रियों को मिल रही हैं, वह ज्यादा लाभ का कारण है.
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तीन किलोमीटर तक का किराया सिर्फ 5 रुपये है और दूरी के हिसाब से किराया बढ़ाया जाता है. बस पूर्णतया वातानुकूलित हैं, जिससे यात्रियों को लाभ मिल रहा है. इसमें पैनिक बटन की भी सुविधा है. आपातकालीन स्थिति में इसे दबाने से कंट्रोल रूम को सूचना मिल जाती है. बसों में कैमरे भी लगाए गए हैं, जो कई लिहाज से यात्रियों के लिए सुविधा और सुरक्षा का कारण हैं.
उन्होंने कहा कि पहले यह बसें शहर के चयनित अधिकतम 10 किलोमीटर के रूट में चलाई जानी थीं. लेकिन जनप्रतिनिधियों और नागरिकों की मांग को देखते हुए इसकी सेवा में लगातार विस्तार किया गया, जिसका लाभ भी दिखाई दे रहा है. यह बसें गोरखपुर- लखनऊ रोड (Gorakhpur-Lucknow Road) पर सहजनवा तक चलाई जा रही है तो वहीं, गोरखपुर- महाराजगंज रोड (Gorakhpur- Maharajganj Road) पर भटहट तक.
इनके माध्यम से यात्रियों का आना-जाना हो रहा है. उन्होंने बताया कि नए रूट में पिपराइच, मोतीराम अड्डा, सिकटौर समेत कई मार्गों पर इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की मांग हो रही है. उनके सर्वे में भी यह देखने को मिला है कि इन रूटों पर भी घनी आबादी है और निजी साधनों के अलावा टेंपो लोगों के आवागमन का साधन है. ऐसे में अगर सिटी बसें बढ़ाई जाती हैं, तो निश्चित रूप से न सिर्फ नागरिकों को लाभ होगा बल्कि नगर निगम की आय में भी बढ़ोतरी होगी.
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