गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर आम आम नागरिक की पीड़ा का संज्ञान लेकर उसे मदद पहुंचाने का कार्य किया है. लीवर की गंभीर बीमारी से जूझ रही गोरखपुर की 4 साल की शिवा पाण्डेय के इलाज के लिए उन्होंने 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी है. शिवा आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से है. उसके पिता सतेंद्र पाण्डेय बमुश्किल 7 हजार रुपए महीने की नौकरी करते हैं. जिस पर बीमारी और कोरोना महामारी से संकट भी आ गया है. लेकिन सत्येंद्र ने अपनी बेटी का इलाज कराने के लिए कोई कोई कसर नहीं छोड़ी है. वह पिछले 6 महीने से लगातार बेटी को बचाने के लिए जो भी उपाय हैं कर रहे हैं. शिवा दिल्ली में वसंत कुंज स्थित 'इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंस' हॉस्पिटल में एडमिट है. उसके इलाज पर डॉक्टर 30 लाख रुपए से अधिक खर्च बता रहे हैं. जहां प्रतिदिन इलाज पर इस समय 40 से 50 हजार रुपये खर्च हो रहे हैं.
शिवा को है लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत
सत्येंद्र अपनी बेटी के इलाज में लगने वाले रुपयों को लेकर बहुत परेशान थे. उन्होंने इसकी चर्चा अपने मित्र दयानंद पांडेय से की. दयानंद ने अपने फेसबुक पेज पर इस समस्या को शेयर कर लोगों से मदद की अपील की. उन्होंने सतेंद्र के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बैंक के अकाउंट का भी डिटेल फेसबुक अकाउंट पर डाला. जिससे उन्होंने उम्मीद लगाई कि लोगों की अगर छोटी-छोटी मदद भी मिल जाएगी तो भी बेटी की जान बच जाएगी. इसके अलावा सतेंद्र के पास इतनी बड़ी रकम इकट्ठा करने का कोई उपाय नहीं था. वह गोरखपुर के डॉक्टरों के इलाज से हार मान कर अपनी बेटी का इलाज कराने प्राण बचाने के लिए दिल्ली की तरफ दौड़ पड़े.
सतेंद्र के माता-पिता की 3 दिन में हुई कोरोना से मौत
दयानंद पांडेय के इस प्रयास का जिक्र मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचा. जिसके बाद सीएम योगी ने इस मासूम बिटिया की जान बचाने के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से 10 लाख रुपए का बजट जारी कर दिया है. सत्येंद्र पांडेय गोरखपुर के पादरी बाजार क्षेत्र के रहने वाले हैं. इस कोरोना की महामारी में उन्होंने अपने माता-पिता को भी खो दिया है. उनके माता-पिता की मृत्यु महज 3 दिनों के अंतराल पर कोरोना की वजह से हुई है. दूसरी तरफ उनकी बेटी जिंदगी मौत से जूझ रही है. ऐसे में उन्होंने अपने मां-बाप का श्राद्ध कर्म पूरा करने के बाद बेटी की जान बचाने के लिए दिल्ली की ओर रुख तो कर दिया, लेकिन इलाज का पैसा उनके पास नहीं था. जब शिवा के पिता सत्येंद्र ने अपने मित्र दयानंद पांडेय से इस सारी परेशानी का जिक्र किया तो दयानंद पांडेय अपने फेसबुक पेज के माध्यम से इस समस्या को वायरल करने को मजबूर हुए. जहां से 10 लाख रुपए की मदद के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से पहल हुई है.