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गोरखपुर एम्स में जल्द शुरू होगा कोरोना का इलाज, सीएम योगी ने दिए निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर एम्स का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने एम्स की तैयारियों की समीक्षा की. गोरखपुर एम्स में कोरोना के मरीजों के इलाज की औपचारिक घोषणा की गई है.

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Published : Jul 26, 2020, 1:58 PM IST

सीएम योगी का गोरखपुर दौरा
सीएम योगी का गोरखपुर दौरा

गोरखपुर: शहर में बढ़ते कोरोना मरीज की संख्या से प्रशासन में हडकंप हुआ है. वहीं दूसरी तरफ अस्पतालों में लगातार बेड की कमी भी महसूस की जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर एम्स का भी निरीक्षण किया. उन्होंने यहां कोविड-19 मरीजों को भर्ती किए जाने की संभावना को तलाशा. इस दौरान एम्स के डायरेक्टर समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ डॉक्टर सीएम के निरीक्षण के दौरान मौजूद थे. बैठक के अंत में यह फैसला लिया गया कि बहुत जल्द एम्स में भी कोरोना के मरीज भर्ती किए जाएंगे. इसके लिए जरूरी तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए 30 जुलाई आखिरी दिन निर्धारित किया गया है.

सीएम योगी का गोरखपुर दौरा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एम्स से पहले रेलवे हॉस्पिटल का भी निरीक्षण किया. यहां दो सौ बेड का अस्पताल कोविड-19 मरीजों के लिए संचालित किया जा रहा है. इसके बाद वह करीब 11:30 बजे एम्स परिसर पहुंचे, जहां उनका स्वागत डायरेक्टर डॉक्टर सुरेखा किशोर ने किया. इस दौरान जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे. सीएम ने एम्स की ओपीडी परिसर का निरीक्षण करने के साथ जरूरी सुविधाओं का हाल देखा.

उन्होंने कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने के लिए आवश्यक सुविधाओं के संदर्भ में डायरेक्टर को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि वह शासन स्तर से वार्ता करके 30 जुलाई तक उसे हासिल करने और जल्दी से जल्दी यहां कोरोना के मरीजों को भर्ती करने का काम शुरू करें. वहीं सीएम की इस मांग को स्वीकार करते हुए डायरेक्टर एम्स ने कहा कि पहले चरण में 50 मरीजों को भर्ती करने की सुविधा लेवल-वन अस्पताल के तर्ज पर की जाएगी. उसके बाद अपग्रेड करके यहां 50 मरीज और भर्ती किए जाएंगे, जिन्हें लेवल-2 अस्पताल स्तर की सुविधा मिलेगी.

अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां कोरोना मरीजों का इलाज शुरू होने में 15 अगस्त तक का समय लग सकता है. दरअसल जिस ओपीडी में कोरोना के मरीजों का इलाज होना है, वहां ऑक्सीजन की स्थाई पाइप लाइन समेत कई सुविधाएं मौजूद नहीं है. ऑक्सीजन सिलेंडर को बाहर से लाकर यहां इंस्टॉल करना पड़ेगा. इसके अलावा भर्ती मरीजों की बेडशीट बदलने और धुलने समेत नर्सेज और अन्य सहयोगी स्टाफ की भी जरूरत पड़ेगी. इन सभी जरूरतों को पूरी करने के लिए शासन स्तर पर पत्राचार डायरेक्टर ने किया है. सुविधाओं के मिलने के साथ ही उन्होंने कोरोना के मरीजों के इलाज में पूरी टीम के साथ जुट जाने का भरोसा दिलाया है.

गोरखपुर: शहर में बढ़ते कोरोना मरीज की संख्या से प्रशासन में हडकंप हुआ है. वहीं दूसरी तरफ अस्पतालों में लगातार बेड की कमी भी महसूस की जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर एम्स का भी निरीक्षण किया. उन्होंने यहां कोविड-19 मरीजों को भर्ती किए जाने की संभावना को तलाशा. इस दौरान एम्स के डायरेक्टर समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ डॉक्टर सीएम के निरीक्षण के दौरान मौजूद थे. बैठक के अंत में यह फैसला लिया गया कि बहुत जल्द एम्स में भी कोरोना के मरीज भर्ती किए जाएंगे. इसके लिए जरूरी तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए 30 जुलाई आखिरी दिन निर्धारित किया गया है.

सीएम योगी का गोरखपुर दौरा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एम्स से पहले रेलवे हॉस्पिटल का भी निरीक्षण किया. यहां दो सौ बेड का अस्पताल कोविड-19 मरीजों के लिए संचालित किया जा रहा है. इसके बाद वह करीब 11:30 बजे एम्स परिसर पहुंचे, जहां उनका स्वागत डायरेक्टर डॉक्टर सुरेखा किशोर ने किया. इस दौरान जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे. सीएम ने एम्स की ओपीडी परिसर का निरीक्षण करने के साथ जरूरी सुविधाओं का हाल देखा.

उन्होंने कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने के लिए आवश्यक सुविधाओं के संदर्भ में डायरेक्टर को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि वह शासन स्तर से वार्ता करके 30 जुलाई तक उसे हासिल करने और जल्दी से जल्दी यहां कोरोना के मरीजों को भर्ती करने का काम शुरू करें. वहीं सीएम की इस मांग को स्वीकार करते हुए डायरेक्टर एम्स ने कहा कि पहले चरण में 50 मरीजों को भर्ती करने की सुविधा लेवल-वन अस्पताल के तर्ज पर की जाएगी. उसके बाद अपग्रेड करके यहां 50 मरीज और भर्ती किए जाएंगे, जिन्हें लेवल-2 अस्पताल स्तर की सुविधा मिलेगी.

अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां कोरोना मरीजों का इलाज शुरू होने में 15 अगस्त तक का समय लग सकता है. दरअसल जिस ओपीडी में कोरोना के मरीजों का इलाज होना है, वहां ऑक्सीजन की स्थाई पाइप लाइन समेत कई सुविधाएं मौजूद नहीं है. ऑक्सीजन सिलेंडर को बाहर से लाकर यहां इंस्टॉल करना पड़ेगा. इसके अलावा भर्ती मरीजों की बेडशीट बदलने और धुलने समेत नर्सेज और अन्य सहयोगी स्टाफ की भी जरूरत पड़ेगी. इन सभी जरूरतों को पूरी करने के लिए शासन स्तर पर पत्राचार डायरेक्टर ने किया है. सुविधाओं के मिलने के साथ ही उन्होंने कोरोना के मरीजों के इलाज में पूरी टीम के साथ जुट जाने का भरोसा दिलाया है.

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