ETV Bharat / state

बीमारी में इलाज से ज्यादा जागरुकता और बचाव जरूरी: सीएम योगी आदित्यनाथ - योगी आदित्यनाथ के बयान

सीएम योगी ने गोरखपुर एम्स में तंबाकू से बचाव के लिए बनाए गए शोध केंद्र का उद्घाटन किया है. इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा है कि किसी भी बीमारी में इलाज से ज्यादा जागरुकता और बचाव की जरूरत है.

Etv Bharat
सीएम योगी आदित्यनाथ
author img

By

Published : Aug 4, 2022, 1:31 PM IST

गोरखपुर: सीएम योगी आदित्यनाथ गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIMS- All India Institute of Medical Sciences) पहुंचे हैं. यहां उन्होंने तंबाकू से बचाव के लिए बनाए गए देश के पहले शोध केंद्र का उद्घाटन किया. इसके बाद उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद मेडिकल के छात्रों, चिकित्सकों और जनसमूह को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह जागरुकता के जरिए इंसेफलाइटिस जैसी खतरनाक बीमारी को खत्म किया गया है. उसी तरह तंबाकू से बचाव के लिए भी जन जागरुकता की जरूरत है.


कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने कहा कि इंसेफलाइटिस (एक तरह का दिमागी बुखार, जिसे जापानी बुखार भी कहते हैं) पूर्वांचल के लिए जानलेवा बीमारी थी. इससे मासूम बच्चों की बड़ी संख्या में मौत हो रही थी. इसके बचाव का टीका चाइना ने 1906 में ही बना दिया था, लेकिन वह भारत में साल 2006 में आया. इलाज में दवाओं के इस्तेमाल के बाद भी मासूम बच्चे मौत को गले लगा रहे थे. उन्होंने सांसद रहते इस बीमारी से बचाव के लिए जो संघर्ष किया और जो अनुभव हासिल किया. उसे मुख्यमंत्री बनने के बाद लागू करने का काम किया है.

इसका परिणाम है कि दवा देने के साथ इसके बचाव के उपायों पर जोर देने की पहल हुई. जागरुकता के लिए अभियान चलाया गया. इसका नतीजा है कि आज इंसेफलाइटिस 95 फीसदी तक नियंत्रण में है. उन्होंने कहा कि किसी भी बीमारी में इलाज से ज्यादा जागरुकता और बचाव की जरूरत होती है.

यह भी पढ़ें- मैं नरेंद्र मोदी से नहीं डरता, लोकतंत्र की रक्षा और सद्भाव के लिए लड़ते रहेंगे: राहुल गांधी

सीएम योगी ने कहा कि तंबाकू के पैकेट पर खतरनाक तस्वीरें भी लोगों को इसका सेवन करने से नहीं रोक पाते हैं. लेकिन जागरुकता ही इसका अंत करेगा. जो चिकित्सक इस सेवा में लगे हैं उन्हें अपने शोधपत्र भी इस पर पेश करने चाहिए, जिससे बचाव के और तरीकों पर काम किया जा सके. उन्होंने कहा कि जो चिकित्सा तंबाकू से बचाव की सलाह देते रहते हैं, उन चिकित्सकों को भी मरीजों को देखे जाने के दौरान सिगरेट पीते, धूम्रपान करते देखा गया है. लेकिन यह जागरूकता का ही असर है कि समाज के साथ चिकित्सा पेशे से जुड़े लोगों में भी बदलाव आया है.

सीएम ने कहा कि इस जानलेवा बीमारी के प्रति लोगों को सजग करने और बचाव देने के लिए गोरखपुर एम्स में भारत के पहले तम्बाकू निषेध शोध केंद्र की स्थापना होना गौरव की बात है. इसके लिए पूरा प्रबंधन बधाई का पात्र है. उन्होने उस इस दौरान एम्स के पांच सौ सीटों के नए ऑडिटोरियम हॉल का भी लोकार्पण किया.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

गोरखपुर: सीएम योगी आदित्यनाथ गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIMS- All India Institute of Medical Sciences) पहुंचे हैं. यहां उन्होंने तंबाकू से बचाव के लिए बनाए गए देश के पहले शोध केंद्र का उद्घाटन किया. इसके बाद उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद मेडिकल के छात्रों, चिकित्सकों और जनसमूह को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह जागरुकता के जरिए इंसेफलाइटिस जैसी खतरनाक बीमारी को खत्म किया गया है. उसी तरह तंबाकू से बचाव के लिए भी जन जागरुकता की जरूरत है.


कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने कहा कि इंसेफलाइटिस (एक तरह का दिमागी बुखार, जिसे जापानी बुखार भी कहते हैं) पूर्वांचल के लिए जानलेवा बीमारी थी. इससे मासूम बच्चों की बड़ी संख्या में मौत हो रही थी. इसके बचाव का टीका चाइना ने 1906 में ही बना दिया था, लेकिन वह भारत में साल 2006 में आया. इलाज में दवाओं के इस्तेमाल के बाद भी मासूम बच्चे मौत को गले लगा रहे थे. उन्होंने सांसद रहते इस बीमारी से बचाव के लिए जो संघर्ष किया और जो अनुभव हासिल किया. उसे मुख्यमंत्री बनने के बाद लागू करने का काम किया है.

इसका परिणाम है कि दवा देने के साथ इसके बचाव के उपायों पर जोर देने की पहल हुई. जागरुकता के लिए अभियान चलाया गया. इसका नतीजा है कि आज इंसेफलाइटिस 95 फीसदी तक नियंत्रण में है. उन्होंने कहा कि किसी भी बीमारी में इलाज से ज्यादा जागरुकता और बचाव की जरूरत होती है.

यह भी पढ़ें- मैं नरेंद्र मोदी से नहीं डरता, लोकतंत्र की रक्षा और सद्भाव के लिए लड़ते रहेंगे: राहुल गांधी

सीएम योगी ने कहा कि तंबाकू के पैकेट पर खतरनाक तस्वीरें भी लोगों को इसका सेवन करने से नहीं रोक पाते हैं. लेकिन जागरुकता ही इसका अंत करेगा. जो चिकित्सक इस सेवा में लगे हैं उन्हें अपने शोधपत्र भी इस पर पेश करने चाहिए, जिससे बचाव के और तरीकों पर काम किया जा सके. उन्होंने कहा कि जो चिकित्सा तंबाकू से बचाव की सलाह देते रहते हैं, उन चिकित्सकों को भी मरीजों को देखे जाने के दौरान सिगरेट पीते, धूम्रपान करते देखा गया है. लेकिन यह जागरूकता का ही असर है कि समाज के साथ चिकित्सा पेशे से जुड़े लोगों में भी बदलाव आया है.

सीएम ने कहा कि इस जानलेवा बीमारी के प्रति लोगों को सजग करने और बचाव देने के लिए गोरखपुर एम्स में भारत के पहले तम्बाकू निषेध शोध केंद्र की स्थापना होना गौरव की बात है. इसके लिए पूरा प्रबंधन बधाई का पात्र है. उन्होने उस इस दौरान एम्स के पांच सौ सीटों के नए ऑडिटोरियम हॉल का भी लोकार्पण किया.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.