गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले में बनाए जा रहे अशफाक उल्ला खान चिड़ियाघर के निर्माण की आखिरी तारीख तय कर दी है. सीएम के इस निर्देश के बाद कार्यदाई संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम, चिड़ियाघर के अधिकारियों के साथ तालमेल स्थापित कर कार्य को तेजी देने में जुट गई है. सीएम ने कहा हर हाल में चिड़ियाघर 30 अक्टूबर तक तैयार हो जाना चाहिए. यह चिड़ियाघर दिसंबर 2019 तक बना लिया जाना था, लेकिन कोरोना को देखते हुए इसकी अवधि को बढ़ाकर अप्रैल 2020 कर दी गई है.
इस बीच कोरोना की वजह से लॉकडाउन और फिर भारी बारिश ने इसके निर्माण की गति पर ब्रेक लगा दिया है, लेकिन अब सीएम किसी भी हाल में इसके निर्माण में देरी नहीं चाहते हैं. उन्होंने 30 अक्टूबर इसकी अंतिम तारीख तय कर दी है.
85 से 235 करोड़ पहुंचा बजट
बसपा की सरकार में शुरू हुआ इसका निर्माण 10 वर्षों में भी पूरा नहीं हो पाया है. 85 करोड़ का इसका बजट अब 235 करोड़ का हो गया है. यह 121 एकड़ क्षेत्रफल में बनाया जा रहा है, जो गोरखपुर-देवरिया बाईपास रोड पर रामगढ़ ताल के किनारे है. इसका अधिकतम कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन बिजली के तार की शिफ्टिंग के साथ कुछ ऐसे जरूरी निर्माण कार्य हैं, जो विलंब का कारण बन रहे हैं.
गोरखनाथ मंदिर और बुद्ध की थीम पर चिड़ियाघर
यहां के परियोजना अधिकारी डीबी सिंह का कहना है कि चिड़ियाघर का प्रवेश द्वार गोरखनाथ मंदिर के थीम पर बन रहा है. वहीं अंदर के कुछ निर्माण कार्य बुद्ध की थीम पर बनाए जा रहे हैं, जिससे चिड़ियाघर में आने वाले दर्शकों को मनमोहक नजारा देखने को मिलेगा. उन्होंने साफ कहा कि अब तय तारीख में हर हाल में इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा. इसमें फूड कोर्ट, हॉस्पिटल, साइनेज बिल्डिंग समेत कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट हैं.
चिड़ियाघर में मनोरंजन के साधन
चिड़ियाघर में ओपन थिएटर, खेल और मनोरंजन के भी साधन उपलब्ध होंगे. कैफेटेरिया, कियॉस्क, टॉय ट्रेन जैसी मनोरंजन की सुविधा उपलब्ध होगी. जीव जंतुओं के इलाज का भी यहीं इंतजाम होगा. इसके अलावा इंसीनरेटर और पोस्टमार्टम हाउस भी यहां बनाया जाएगा. इसकी देखभाल के लिए 88 कर्मचारियों की नियुक्ति होगी. यहां देशभर के विभिन्न चिड़ियाघरों से 200 जानवर मंगाए जाएंगे तो दिल्ली चिड़ियाघर यहां तोहफे में 19 जानवर देगा.
यहां पर बनाया जाने वाला बटरफ्लाई सेंटर देश के आधुनिकतम सेंटर में से एक होगा, जो दर्शकों का मन मोहेगा. पूरे पूर्वांचल के साथ पश्चिमी बिहार के लिए भी यह पर्यटन का बड़ा केंद्र होगा. साथ ही इसके साबित हो जाने से रोजगार के भी तरह-तरह के अवसर उपलब्ध होंगे.