गोरखपुरः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोगों से हमेशा अपील करते हैं कि वे किसी भी अधिकारी और कर्मचारी को घूस नहीं दें. अधिकारियों और कर्मचारियों को भी इसका पालन करने के सख्त निर्देश हैं. इसके बावजूद घूस लेने वाले अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं. ताजा मामला यूपी के गोरखपुर का है. जहां औषधि विभाग में तैनात क्लर्क को एंटी करप्शन टीम ने 40 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया गया. उसके खिलाफ कोतवाली थाने में मुकदमा भी दर्ज किया गया है.
गोरखपुर के शाहपुर थानाक्षेत्र के जंगल सिकरी के रहने वाले के अनुपम गौड़ पुत्र आनन्द कुमार गौड़ को दवा की दुकान के लिए नए ड्रग लाइसेंस की आवश्यकता रही है. इसके लिए उन्होंने 10 फरवरी को ऑनलाइन आवेदन किया. जिसके बाद जब उन्होंने औषधि विभाग में संपर्क किया तो गोरखपुर के कलेक्ट्रेट परिसर स्थित औषधि विभाग में कार्यरत लिपिक विकास दीप ने 40 हजार रुपये रिश्वत मांग की. जब रिश्वत मांगने की बात सामने आई, तो अनूप ने पिता को जानकारी दी और अनूप के पिता आनंद ने इसकी लिखित सूचना एंटीकरप्शन टीम को दे दी.
40 हजार लेते गिरफ्तार
इसके बाद एंटी करप्शन टीम के प्रभारी रामधारी मिश्र, निरीक्षक ए.के. सिंह, चन्द्रेश यादव, शैलेन्द्र राय, चन्द्रभान मिश्रा, शैलेन्द्र सिंह की सूझ-बूझ से पूरी योजना बनाई गई. अनूप को लिपिक को पैसे देने को कहा गया और बुधवार को जब अनुप ने गोरखपुर के कलेक्ट्रेट परिसर में औषधि विभाग ऑफिस पहुंचा और औषधि विभाग में कार्यरत लिपिक विकास दिप द्वारा मांगे गए 40 हजार रुपये औषधि विभाग में कार्यरत लिपिक विकास दीप को दे दिया. वहीं मौके पर पहले से ही मुस्तैद एंटी करप्शन टीम ने विकास दीप को घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. क्लर्क विकास दीप को कोतवाली थाने ले गई जहां मुकदमा दर्ज कराया.
एंटी करप्शन टीम के प्रभारी रामधारी मिश्रा ने बताया कि शाहपुर जंगल सिकरी के रहने वाले आनंद कुमार गौड़ ने लिखित रूप से एंटी करप्शन विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें औषधि विभाग में कार्यरत लिपिक विकास दीप द्वारा 40 रुपए घूस मांगने की बात सामने आई थी. इसमें कार्रवाई करते हुए उसे रंगे हाथ 40 हजार रुपए घूस लेते हुए गिरफ्तार किया गया है. कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराकर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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