गोरखपुरः जिले के राजकीय बौद्ध संग्रहालय में बालवीथिका का काम लगभग पूरा हो चुका है. बालवीथिका के माध्यम से संग्रहालय में संग्रहित इतिहास को स्वचालित झांकियों के रूप से देखा जा सकेगा. इसमें बच्चे पूर्वांचल में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाली धरोहरों को करीब से समझ सकेंगे. संग्रहालय में गोरखनाथ मंदिर का मॉडल, गीता प्रेस का प्रवेश द्वार, भगवान बुद्ध, संत कबीर सहित अन्य धरोहरों को संजोया जा रहा है.
14 साल से बन रही है बालवीथिका
गोरखपुर जिले के राजकीय बौद्ध संग्रहालय में बालवीथिका बनाने का काम 14 वर्ष पहले शुरू हुआ था. इस बालवीथिका में 19 महत्वपूर्ण ऐतिहासिक प्रसंगों की स्वचालित प्रस्तुति होगी. इसमें इतिहास की पुरानी यादों को बहुत ही सटीक और नवीनता के साथ प्रस्तुत किया जाएगा. इसमें मनुष्य के विकास यात्रा की कहानी भी बड़ी रोचक ढंग से दिखाई देगी.
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केन्द्र व राज्य सरकार के सहयोग से हो रहा है संग्रहालय का निर्माण
राजकीय बौद्ध संग्रहालय में बालवीथिका को बनाने की शुरुआत वर्ष 2006 में हुई थी. उस दौरान राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. साथ ही केंद्र सरकार ने अपने हिस्से की निर्धारित 75 प्रतिशत धनराशि जारी कर दी थी. शेष 25 प्रतिशत धनराशि और रख रखाव की जिम्मेदारी राज्य सरकार को दी गई थी. इसके निर्माण के लिए कार्यकारी संस्था 'एम्स टेक्नोक्रेट प्राइवेट लिमिटेड' को झांकियों के निर्माण का जिम्मा सौंपा गया था. अब तक संग्रहालय की बालवीथिका में आधुनिक काल के विकास को दर्शाती हुई 19 झांकियां तैयार हो चुकीं हैं.