गोरखपुर: चौरी-चौरा क्षेत्र स्वच्छता की दौड़ में अभी पिछड़ा हुआ है. यहां के दर्जनों चौराहों की सबसे बड़ी समस्या सार्वजनिक स्थानों पर यूरिनल की है. कई चौराहों पर नियमित हजारों लोग आते जाते है, लेकिन सभी जगहों पर यूरिनल की सुविधा ध्वस्त हो चुकी है. जिसके चलते इमरजेंसी के समय लोगों को शर्मसार होना पड़ रहा है.
- गोरखपुर में स्वच्छता की दौड़ में चौरी-चौरा तहसील क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है.
- हालांकि जिम्मेदार अधिकारियों ने प्रयास जारी होने का आश्वासन दिया है.
- स्वच्छता की बुनियादी और जरूरी सुविधाओं की कमी से लोग परेशान हैं
- इमरजेंसी के समय लोगों को सार्वजनिक स्थानों का रुख करना पड़ता है.
गोरखपुर से देवरिया की ओर जाने वाले मुसाफिर बस के इंतजार में खड़े रहते हैं. यहां सार्वजनिक शौचालय नहीं है. वहीं इमरजेंसी के लिए यूरिनल की कोई व्यवस्था भी नहीं है. राहगीर इमरजेंसी में चमड़ा मंडी और नई बाजार रोड की तरफ रुख करते हैं. जिसके चलते कस्बे में गंदगी फैल रही है.
यूरिनल के मामले पर क्षेत्र में सियासी पारा भी ऊपर चढ़ रहा है. समाजवादी पार्टी के विधानसभा चौरी-चौरा अध्यक्ष मुन्नीलाल यादव ने कहा कि सरकार लोगों के स्थानीय मुद्दे को छोड़कर कर दूसरे मुद्दे पर राजनीति कर रही है. उनको जनता के स्थानीय मुद्दों की कोई परवाह नहीं है.
यूरिनल के लिए भारत सरकार की तरफ से पिछले दिनों योजना आयी है. जिसमें सार्वजनिक शौचालयों की सूची मांगी गई थी. मैंने चौरी-चौरा के 20स्थानों के नाम की सूची भारत सरकार को भेजी है. जैसे ही धनराशि उपलब्ध होगी, इसका निर्माण प्राथमिकता के आधार पर कराया जाएगा.
हिमांशु शेखर ठाकुर, जिला पांचयती राज अधिकारी