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गोरखपुर: स्वच्छता की दौड़ में चौरी-चौरा तहसील का बुरा हाल, चौराहों पर यूरिनल का खस्ताहाल

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Published : Jan 12, 2020, 12:59 PM IST

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्वच्छता की दौड़ में चौरी-चौरा तहसील क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है. फिर भी जिम्मदारों ने प्रयास जारी होने का आश्वासन दिया है. स्वच्छता की बुनियादी और जरूरी सुविधाओं की कमी के चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

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विकास के क्षेत्र में पिछड़ी चौरी-चौरा तहसील.

गोरखपुर: चौरी-चौरा क्षेत्र स्वच्छता की दौड़ में अभी पिछड़ा हुआ है. यहां के दर्जनों चौराहों की सबसे बड़ी समस्या सार्वजनिक स्थानों पर यूरिनल की है. कई चौराहों पर नियमित हजारों लोग आते जाते है, लेकिन सभी जगहों पर यूरिनल की सुविधा ध्वस्त हो चुकी है. जिसके चलते इमरजेंसी के समय लोगों को शर्मसार होना पड़ रहा है.

विकास के क्षेत्र में पिछड़ी चौरी-चौरा तहसील.
  • गोरखपुर में स्वच्छता की दौड़ में चौरी-चौरा तहसील क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है.
  • हालांकि जिम्मेदार अधिकारियों ने प्रयास जारी होने का आश्वासन दिया है.
  • स्वच्छता की बुनियादी और जरूरी सुविधाओं की कमी से लोग परेशान हैं
  • इमरजेंसी के समय लोगों को सार्वजनिक स्थानों का रुख करना पड़ता है.

गोरखपुर से देवरिया की ओर जाने वाले मुसाफिर बस के इंतजार में खड़े रहते हैं. यहां सार्वजनिक शौचालय नहीं है. वहीं इमरजेंसी के लिए यूरिनल की कोई व्यवस्था भी नहीं है. राहगीर इमरजेंसी में चमड़ा मंडी और नई बाजार रोड की तरफ रुख करते हैं. जिसके चलते कस्बे में गंदगी फैल रही है.

यूरिनल के मामले पर क्षेत्र में सियासी पारा भी ऊपर चढ़ रहा है. समाजवादी पार्टी के विधानसभा चौरी-चौरा अध्यक्ष मुन्नीलाल यादव ने कहा कि सरकार लोगों के स्थानीय मुद्दे को छोड़कर कर दूसरे मुद्दे पर राजनीति कर रही है. उनको जनता के स्थानीय मुद्दों की कोई परवाह नहीं है.

यूरिनल के लिए भारत सरकार की तरफ से पिछले दिनों योजना आयी है. जिसमें सार्वजनिक शौचालयों की सूची मांगी गई थी. मैंने चौरी-चौरा के 20स्थानों के नाम की सूची भारत सरकार को भेजी है. जैसे ही धनराशि उपलब्ध होगी, इसका निर्माण प्राथमिकता के आधार पर कराया जाएगा.
हिमांशु शेखर ठाकुर, जिला पांचयती राज अधिकारी

गोरखपुर: चौरी-चौरा क्षेत्र स्वच्छता की दौड़ में अभी पिछड़ा हुआ है. यहां के दर्जनों चौराहों की सबसे बड़ी समस्या सार्वजनिक स्थानों पर यूरिनल की है. कई चौराहों पर नियमित हजारों लोग आते जाते है, लेकिन सभी जगहों पर यूरिनल की सुविधा ध्वस्त हो चुकी है. जिसके चलते इमरजेंसी के समय लोगों को शर्मसार होना पड़ रहा है.

विकास के क्षेत्र में पिछड़ी चौरी-चौरा तहसील.
  • गोरखपुर में स्वच्छता की दौड़ में चौरी-चौरा तहसील क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है.
  • हालांकि जिम्मेदार अधिकारियों ने प्रयास जारी होने का आश्वासन दिया है.
  • स्वच्छता की बुनियादी और जरूरी सुविधाओं की कमी से लोग परेशान हैं
  • इमरजेंसी के समय लोगों को सार्वजनिक स्थानों का रुख करना पड़ता है.

गोरखपुर से देवरिया की ओर जाने वाले मुसाफिर बस के इंतजार में खड़े रहते हैं. यहां सार्वजनिक शौचालय नहीं है. वहीं इमरजेंसी के लिए यूरिनल की कोई व्यवस्था भी नहीं है. राहगीर इमरजेंसी में चमड़ा मंडी और नई बाजार रोड की तरफ रुख करते हैं. जिसके चलते कस्बे में गंदगी फैल रही है.

यूरिनल के मामले पर क्षेत्र में सियासी पारा भी ऊपर चढ़ रहा है. समाजवादी पार्टी के विधानसभा चौरी-चौरा अध्यक्ष मुन्नीलाल यादव ने कहा कि सरकार लोगों के स्थानीय मुद्दे को छोड़कर कर दूसरे मुद्दे पर राजनीति कर रही है. उनको जनता के स्थानीय मुद्दों की कोई परवाह नहीं है.

यूरिनल के लिए भारत सरकार की तरफ से पिछले दिनों योजना आयी है. जिसमें सार्वजनिक शौचालयों की सूची मांगी गई थी. मैंने चौरी-चौरा के 20स्थानों के नाम की सूची भारत सरकार को भेजी है. जैसे ही धनराशि उपलब्ध होगी, इसका निर्माण प्राथमिकता के आधार पर कराया जाएगा.
हिमांशु शेखर ठाकुर, जिला पांचयती राज अधिकारी

Intro:
चौरी चौरा।स्वच्छता की दौड़ में चौरी चौरा तहसील क्षेत्र अभी पिछड़ा हुआ है। फिर भी जिम्मदारो ने प्रयास जारी होने का आश्वासन दिया है।स्वच्छता की बुनियादी और जरूरी सुवविधाओं की कमी होने के कारण लोगो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।लोगो को उम्मीद है कि हमारा कस्बा एक स्वच्छ व सुंदर कस्बा बनेगा। यहां के दर्जनों चौराहों की सबसे बड़ी समस्या सार्वजनिक स्थानों यूरिनल की है। क्षेत्र में स्थित चौराहों ने काफी उन्नत कर लिया है।कई चौराहों पर नियमित हजारों लोग आते जाते है।लेकिन सभी जगहों पर यूरिनल की सुविधा ध्वस्त हो गई है। जिसके कारण इमरजेंसी में लोगों को शर्मसार होना पड़ता है।



Body:संभ्रांत लोगो ने की मांग

हमारी स्थानीय टीम ने तहसील क्षेत्र में स्थित चौराहों के पब्लिक प्लेस पर निरीक्षण कर पड़ताल की है। इस दौरान स्थानीय लोगों से बात भी की गई। लोगो ने खुलकर कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर विशेषकर चौराहों पर बनाए गए टैम्पों व बस स्टैंड के आसपास यूरिनल की सुविधा दी जानी चाहिए। ताकि इमरजेंसी में भटकना न पड़े।

बाइट--योगेंद्र यादव


इमरजेंसी में खुले का रूख

पड़ताल में गोरखपुर से देवरिया की ओर जाने वाले मुसाफिर बस के इंतजार में खड़े रहते हैं। यहाँ सार्वजनिक शौचालय नही है। वहीं इमरजेंसी के लिए यूरिनल की कोई व्यवस्था नही है। राहगीर इमरजेंसी में चमड़ा मंडी व नई बाजार रोड की तरफ रुख करते है। जिसके कारण कस्बे में गन्दगी फैल रही है।। यही स्थिति नई बाजार ,झंगहा, मोतीराम ,सोनबरसा, सरैया ,फुटहवा इनार, तरकुलहा ,माई धिया पोखर,सहित अन्य कई चौराहों की है।

Conclusion:विपक्ष में उठाए सवाल

यूरिनल के मामले पर क्षेत्र में सियासी पारा भी ऊपर चढ़ रहा है।समाजवादी पार्टी के विधानसभा चौरी चौरा अध्यक्ष मुन्नीलाल यादव ने कहा कि यह सरकार लोगो के स्थानीय मुद्दे को छोड़कर कर दूसरे मुद्दे पर राजनीति कर रही है।उनको जनता के स्थानीय मुद्दों की कोई परवाह नही है।

बाइट--मुन्नीलाल यादव
अध्यक्ष सपा चौरी चौरा विधानसभा

वही इस मामले पर जिला पंचायती राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने ईटीवी भारत पर बोलते हुए कहा है कि यूरिनल के लिए भारत सरकार की तरफ से पिछले दिनों योजना आयी जिसमे सार्वजनिक शौचालयों की सूची मांगी गई थी।मैंने चौरी चौरा के बीस स्थानों के नाम की सूची भारत सरकार भेजा हूँ।जैसे ही धनराशि उपलब्ध होगी ।इसका निर्माण प्राथमिक के आधार पर कराया जाएगा।

बाइट--हिमांशु शेखर ठाकुर
जिला पाँचयती राज अधिकारी

अरुण यादव ईटीवी भारत चौरी चौरा
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