गोरखपुर: चौरी-चौरा तहसील परिसर में विधि व्यवसाय करने वाले अधिवक्ताओ में आक्रोश व्याप्त हो गया है. कारण यह है कि तहसील क्षेत्र में स्थित चकबंदी गांव बहरामपुर के समस्त राजस्व वाद को जिला मुख्यालय भेजने की तैयारी चल रही है. अधिवक्ताओं ने बुधवार को बैठक कर चकबंदी आयुक्त लखनऊ को पत्र लिखकर बहरामपुर गांव के समस्त वादों को जिला मुख्यालय स्थानांतरित न किए जाने की मांग की है.
चौरी चौरा के अधिवक्ताओं ने चकबंदी आयुक्त को लिखा पत्र
मंगलवार को चौरी-चौरा तहसील बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने अध्यक्ष हरीहर प्रसाद के नेतृत्व में बैठक कर बहरामपुर गांव के वादों को जिला मुख्यालय भेजे जाने के विषय में विस्तृत चर्चा की. बहरामपुर गांव को जिला मुख्यालय भेजे जाने की सूचना पर अधिवक्ताओं में रोष है. अधिवक्ताओं ने चकबंदी आयुक्त लखनऊ, जिलाधिकारी गोरखपुर, बंदोबस्त अधिकारी चकबन्दी गोरखपुर, मंडलायुक्त गोरखपुर सहित स्थानीय जिम्मदारों से पत्र लिखकर चकबंदी बहरामपुर गांव को तहसील से बाहर न भेजने की मांग की है.
अधिवक्ताओं ने पत्र में लिखा है कि बहरामपुर चकबंदी प्रक्रिया में है. इस ग्राम के एक लेखपाल और राजस्व निरीक्षक लंबे समय तक अपनी सेवा दे चुके हैं. अब उनका इस गांव से ट्रान्सफर हो गया है. उन पर अधिवक्ताओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं. शासन की मंशा और जनहित को दरकिनार करते हुए चकबंदी गांव बहरामपुर के अभिलेखों को सीओ/एसीओ चौरी चौरा से दीवान बाजार भेजा जा रहा है. अगर अभिलेख जिला मुख्यालय चले जाएंगे तो गांव की जनता और उनके वादों की पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
हमारी मांग है कि चकबंदी ग्राम बहरामपुर को चौरी-चौरा तहसील से जिला मुख्यालय न भेजा जाए. अगर हमारी मांगे नहीं मानी गईं तो हम आंदोलन करने को बाध्य होंगे.
-अजीत कुमार, महामंत्री,बार एसोशिएशन