गोरखपुर : निकाय चुनाव में भाजपा और सपा के दो पार्षद इस बार फिर चुनाव जीतने में कामयाब हुए हैं. वे पांच बार से अपने-अपने वार्ड की जनता का भरोसा जीतते चले आ रहे हैं. समाजवादी पार्टी के जियाउल इस्लाम घंटाघर वार्ड से 5वीं बार चुनाव जीते हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी के देवेंद्र कुमार गौड़ उर्फ पिंटू भी सिविल लाइंस द्वितीय से पांचवीं बार चुनाव जीते हैं.
खास बात यह है कि देवेंद्र गौड़ अनुसूचित जनजाति से आते हैं. वह सामान्य वर्ग की सीट पर बीजेपी का झंडा वर्ष 2000 से फहरा रहे हैं. जियाउल इस्लाम 1178 वोट से चुनाव जीतने में कामयाब हुए हैं. वह नगर निगम के दो बार उपसभापति भी रह चुके हैं. पिंटू गौंड को 180 मतों से चुनाव जीतने में सफलता मिली है. पिंटू के वार्ड में मात्र 18% मतदान हुआ था.
निकाय चुनाव की राजनीति में पिछले 23 वर्ष से लगातार यह दोनों नेता अपने-अपने वार्ड में सक्रिय हैं. जनता की उम्मीदों, सड़क, नाली, बिजली, सफाई, वाटर सप्लाई सभी मुद्दों पर पूरी गंभीरता से प्रयास करने का नतीजा है कि चार चुनावों से लगातार जीत दर्ज कर चुके हैं. पांचवें चुनाव में भी उन्होंने यह सिलसिला कायम रखा. समाजवादी पार्टी के नेता जियाउल इस्लाम कहते हैं कि उनका वार्ड नगर निगम का ऐसा पहला वार्ड है, जहां पर पहली इंटरलॉकिंग सड़क बनी. विकास के मामले में उनका वार्ड पहले पायदान पर है. सबसे ज्यादा मिनी ट्यूबवेल लगाने का काम उन्होंने अपने वार्ड में कराया है.
ईटीवी भारत से बातचीत में जियाउल ने कहा कि नगर निगम सदन के अंदर विपक्ष के नेता की भूमिका उन्होंने पूरी मजबूती से निभाई है. यही वजह है कि उन्हें पार्टी ने और पार्षदों ने मिलकर दो बार अपना उपसभापति चुना. जियाउल इस्लाम अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थे. वह कहते हैं कि जब प्रचार को लेकर लोग पूरी तरह से दिन-रात एक किए हुए थे तो वह बहुत ही निश्चिंत भाव से अपने वार्ड में भ्रमण कर रहे थे. क्षेत्र के मतदाता उन्हें जीत के प्रति आश्वस्त कर चुके थे. उन्हें पूरी उम्मीद थी कि उनकी पांचवीं जीत निगम चुनाव की ऐतिहासिक और रिकॉर्ड वाली जीत होगी.
नगर निगम के 80 वार्ड में सिविल लाइंस द्वितीय में सामान्य यानी कि अनारक्षित कोटे की पार्षद सीट है, लेकिन इस सीट को पिछले 4 चुनाव से यानी कि 20 वर्षों से अनुसूचित जनजाति के देवेंद्र कुमार गौड़, भाजपा प्रत्याशी के रूप में लगातार जीतते चले आ रहे हैं. वह कहते हैं कि उनके लिए जाति-बिरादरी के मायने नहीं हैं. पिंटू कहते हैं कि एक बालक की तरह वह अपने वार्ड के नागरिकों के आदेश को मानते हैं. समस्याओं को सुलझाने के लिए दिन-रात उनके बीच रहते हैं. पिंटू कहते हैं कि जो जनता के बीच रहेगा, कार्य करेगा जनता उसे जरूर चुनेगी. वह पांचवीं बार मैदान में थे और जीत को लेकर पूरी तरह निश्चिंत भी थे. यही नहीं जनता के भरोसे इस जीत के साथ वह निगम में पांचवीं जीत का रिकॉर्ड बना चुके हैं.
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