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युवती का आरोप, विधायक ने गैंगरेप की एफआईआर छेड़खानी में बदलवा दी

गोरखपुर में एक युवती ने स्थानीय पुलिस और बीजेपी एक विधायक पर गैंगरेप के मामले में एफआईआर बदलकर छेड़खानी का मामला दर्ज कराना का आरोप लगाया है.

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Published : Dec 25, 2022, 11:00 PM IST

गोरखपुर: पिपराइच थाना क्षेत्र की एक युवती ने स्थानीय थाने की पुलिस और बीजेपी के एक विधायक पर गैंगरेप के मामले में एफआईआर बदलवाने और दबाव में उसके परिजनों पर मुकदमा लिखे जाने का आरोप लगाया है. युवती का आरोप है कि गैंगरेप जैसे मामले में पुलिस ने एक हफ्ते बाद उस पर दबाव बनाते हुए छेड़खानी का एफआईआर लिखवाया है. इतना ही नहीं, पुलिस ने आरोपी की तरफ से उसके परिजनों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर दिया है.

पीड़िता ने बताया कि 22 दिसंबर को दलित परिवार ने मुकदमा लिखवाया था. जिसमें मुकदमे की वादिनी और पीड़िता की मां ने बताया कि 15 दिसंबर की रात लगभग एक से 2 बजे के बीच उसके गांव के प्रदीप सिंह और उसके मामा का लड़का अश्वनी सिंह उर्फ विपुल सिंह उसके घर में घुस आया था और उसकी बेटी के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया. बेटी ने जब शोर मचाया तो घर के अन्य सदस्य और पड़ोसी मौके पर पहुंचे और अश्वनी सिंह व प्रदीप सिंह को पकड़ लिया. इस दौरान प्रदीप सिंह मौके का फायदा उठा कर भाग निकला. वहीं, मुहल्ले के लोगों ने अश्वनी सिंह को घर में ही बांध दिया और 112 नम्बर पर फोन करके पुलिस को बुलाया गया. मौके पर पहुंची पुलिस अश्वनी सिंह को अपने साथ ले गई और उसके रास्ते में ले जाकर छोड़ दिया. अगले दिन मुकदमा दर्ज करने के लिए पीड़ित परिवार को पुलिस ने थाने पर बुलाया. जब पीड़ित परिवार थाने पर गया तो थाने के दरोगा ओम प्रकाश यादव और अशोक सिंह ने पीड़ित परिवार को धमकाते हुए थाने से भगा दिया.

वहीं, जब मामला एडीजी के पास पहुंचा, तब पुलिस ने मामला दर्ज किया. लेकिन पुलिस ने यहां भी खेल करते हुए गैंगरेप के बजाय छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कर दिया. पीड़िता का आरोप है कि स्थानीय थानाध्यक्ष और दरोगा उसके परिवार को धमकी दे रहे हैं कि तुम लोग इसका बुरा अंजाम भुगताने के लिए तैयार रहो, क्योंकि तुम लोगों ने आरोपियों से नहीं बल्कि विधायक से लड़ाई ले लिया है. अश्वनी सिंह और प्रदीप सिंह विधायक महेन्द्र पाल सिंह के बहुत ही करीबी हैं. इस मामले में पीड़िता के पिता और भाई को पुलिस ने अभियुक्त बनाया है कि जो आरोपी बताए जा रहे हैं उसे इन लोगों ने जबरन घर में खींचकर मारा पीटा था.

इस मामले में विधायक महेंद्र का कहना है कि उन्हें घटना की जानकारी इस बवाल के उठने के बाद हो रही है. फिलहाल इस घटना से उनका कुछ भी लेना देना नहीं है. वहीं, एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया है कि घटना की सच्चाई की पता लगाई जाएगी. जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. पुलिस ने लापरवाही बरती होगी तो उसके खिलाफ भी एक्शन होगा.

यह भी पढ़ें: फैक्ट्री में काम करने वाली महिला को अगवा कर किया रेप

गोरखपुर: पिपराइच थाना क्षेत्र की एक युवती ने स्थानीय थाने की पुलिस और बीजेपी के एक विधायक पर गैंगरेप के मामले में एफआईआर बदलवाने और दबाव में उसके परिजनों पर मुकदमा लिखे जाने का आरोप लगाया है. युवती का आरोप है कि गैंगरेप जैसे मामले में पुलिस ने एक हफ्ते बाद उस पर दबाव बनाते हुए छेड़खानी का एफआईआर लिखवाया है. इतना ही नहीं, पुलिस ने आरोपी की तरफ से उसके परिजनों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर दिया है.

पीड़िता ने बताया कि 22 दिसंबर को दलित परिवार ने मुकदमा लिखवाया था. जिसमें मुकदमे की वादिनी और पीड़िता की मां ने बताया कि 15 दिसंबर की रात लगभग एक से 2 बजे के बीच उसके गांव के प्रदीप सिंह और उसके मामा का लड़का अश्वनी सिंह उर्फ विपुल सिंह उसके घर में घुस आया था और उसकी बेटी के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया. बेटी ने जब शोर मचाया तो घर के अन्य सदस्य और पड़ोसी मौके पर पहुंचे और अश्वनी सिंह व प्रदीप सिंह को पकड़ लिया. इस दौरान प्रदीप सिंह मौके का फायदा उठा कर भाग निकला. वहीं, मुहल्ले के लोगों ने अश्वनी सिंह को घर में ही बांध दिया और 112 नम्बर पर फोन करके पुलिस को बुलाया गया. मौके पर पहुंची पुलिस अश्वनी सिंह को अपने साथ ले गई और उसके रास्ते में ले जाकर छोड़ दिया. अगले दिन मुकदमा दर्ज करने के लिए पीड़ित परिवार को पुलिस ने थाने पर बुलाया. जब पीड़ित परिवार थाने पर गया तो थाने के दरोगा ओम प्रकाश यादव और अशोक सिंह ने पीड़ित परिवार को धमकाते हुए थाने से भगा दिया.

वहीं, जब मामला एडीजी के पास पहुंचा, तब पुलिस ने मामला दर्ज किया. लेकिन पुलिस ने यहां भी खेल करते हुए गैंगरेप के बजाय छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कर दिया. पीड़िता का आरोप है कि स्थानीय थानाध्यक्ष और दरोगा उसके परिवार को धमकी दे रहे हैं कि तुम लोग इसका बुरा अंजाम भुगताने के लिए तैयार रहो, क्योंकि तुम लोगों ने आरोपियों से नहीं बल्कि विधायक से लड़ाई ले लिया है. अश्वनी सिंह और प्रदीप सिंह विधायक महेन्द्र पाल सिंह के बहुत ही करीबी हैं. इस मामले में पीड़िता के पिता और भाई को पुलिस ने अभियुक्त बनाया है कि जो आरोपी बताए जा रहे हैं उसे इन लोगों ने जबरन घर में खींचकर मारा पीटा था.

इस मामले में विधायक महेंद्र का कहना है कि उन्हें घटना की जानकारी इस बवाल के उठने के बाद हो रही है. फिलहाल इस घटना से उनका कुछ भी लेना देना नहीं है. वहीं, एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया है कि घटना की सच्चाई की पता लगाई जाएगी. जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. पुलिस ने लापरवाही बरती होगी तो उसके खिलाफ भी एक्शन होगा.

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