गोरखपुर: राज्य अध्यापक पुरस्कार-2019 के लिए चयनित की गई जनपद की शिक्षिका श्वेता सिंह कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं. शिक्षिका अपने घर में आइसोलेशन में हैं. वह जिले के प्राथमिक विद्यालय सिकटौर में बतौर सहायक अध्यापक कार्यरत हैं. उनकी शैक्षणिक गुणवत्ता और पढ़ाने- लिखाने के तरीके के आधार पर राज्य सरकार ने उन्हें इस पुरस्कार के लिए चुना है. 9 बार की हुई विभिन्न समितियों की बैठक के बाद उनका नाम फाइनल हुआ जिस पर राज्य सरकार ने मुहर लगाई.
मुख्य बातें-
- राज्य अध्यापक पुरस्कार विजेता श्वेता सिंह कोरोना पॉजिटिव.
- पढ़ाने के अनोखे तरीके से चर्चा में आयी थीं.
दरअसल श्वेता सिंह प्राथमिक स्कूल में बच्चों के बीच पढ़ाई के अलग-अलग हुनर प्रयोग करने की वजह से चर्चा में आईं. वहीं उनकी तकनीक का बच्चों पर भी खासा असर देखा गया. यही वजह है कि उन्हें राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया. श्वेता को पहले भी कई तरह के पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. वह बच्चों को इंफॉर्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) के माध्यम से शिक्षा से जोड़ने में बेहद कामयाब हुईं. इसके लिए वह पुरस्कृत भी की गईं. वह अपने निजी संसाधनों का भी प्रयोग बच्चों की पढ़ाई में करती हैं. इससे बच्चे पढ़ाई के प्रति आकर्षित होते थे और उनका उत्साह भी बढ़ता था. जन समुदाय और बच्चों के परिजनों को शिक्षा से जोड़ने के लिए वह गांव में चौपाल भी लगाया करती हैं.
श्वेता को इससे पहले राज्य आईसीटी पुरस्कार, राज्य आईसीटी कक्षा शिक्षा प्रतियोगिता में प्रथम स्थान, कहानी सुनाओ प्रतियोगिता में पुरस्कार और दस्तक अभियान में बेहतर कार्य करने के लिए मुख्यमंत्री के स्तर से भी पुरस्कृत किया जा चुका है. उनके चयन से उनके विद्यालय के शिक्षकों, शिक्षा विभाग व परिवार में खुशी की लहर है लेकिन उनके कोरोना पॉजिटिव होने से फिलहाल सभी लोग दुखी हैं.
रिकवरी अच्छी है. 5 सितंबर को पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जी के निधन की वजह से स्थगित रहेगा. इसके बाद जब भी आयोजन होगा स्वस्थ होकर सम्मान लेने जाऊंगी. मेरी इच्छा सरल तरीके से बच्चों को अच्छी शिक्षा देना है.
-श्वेता सिंह, राज्य अध्यापक पुरस्कार विजेता