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ज्योतिषीय गणना के अनुसार विश्व में 2020 के अंत तक छाई रहेगी आर्थिक मंदी - ज्योतिषी पंडित शरद चंद

यूपी के गोरखपुर में ज्योतिषी पंडित शरद चंद ने कहा कि पूरे विश्व में 2020 के अंत तक आर्थिक मंदी छाई रहेगी. उन्होंने बताया इसका मुख्य कारण बुध का परागमन होना है.

विश्व में 2020 के अंत तक छाई रहेगी आर्थिक मंदी
विश्व में 2020 के अंत तक छाई रहेगी आर्थिक मंदी
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Published : Apr 7, 2020, 2:35 PM IST

गोरखपुर: अखिल भारतीय ज्योतिष संगठन के प्रवक्ता और जाने-माने ज्योतिषी पंडित शरद चंद ने गणना के अनुसार बताया कि साल 2019 में बुध का पारगमन हुआ था. इसकी वजह से साल 2020 के अंत तक दुनिया भर में आर्थिक मंदी छाई रहेगी.

कोरोना जैसी महामारी पूरी दुनिया में छाई है और आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ता दिखाई दे रहा है. व्यापार का कारक बुध और उसका सूर्य के ऊपर पारगमन के विषय में कम ही अनुसंधान हुए हैं. जो अनुसंधान हुए हैं, उससे पता चलता है कि व्यापार का कारक बुध का पारगमन विश्व के व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव देकर, विश्व को मंदी की ओर ले जाता है. मंदी के अनुमान का प्रतिशत बुध के पारगमन के गुरुत्व पर है. यदि गुरुत्व सामान्य है तो मंदी सामान्य और गुरुत्व की वृद्धि पर प्रभाव ज्यादा ही रहता है.

मंदी से निपटने में वर्ष भर का समय लगेगा
11 नवम्बर 2019 में घटित पारगमन का प्रतिशत 65% होने से सम्पूर्ण विश्व महावैश्विक मंदी के आगोश में आ जायेगा, जिससे निपटने में वर्ष भर का समय लगेगा. प्राकृतिक घटना के राष्ट्रों और मानव जीवन पर प्रभाव का अध्ययन देश-विदेश के अनेक मनीषियों ने किया और परिणाम का सर्वेक्षण किया है.

बुध का पारगमन क्या है
जिस प्रकार प्रकार सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के सापेक्ष गति से सूर्य और चन्द्रग्रहण जैसी आकाशीय घटनाएं होती हैं, उसी प्रकार सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र और पृथ्वी की सापेक्ष गति से आकाशीय घटनाएं समय-समय पर घटित होती रहती हैं, इसे ग्रहण न कहकर पारगमन कहा जाता है.

पारगमन का राष्ट्र और मानव जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ता है
पारगमन का समय अधिक अंतराल पर होने, पृथ्वी से मात्र बुध और शुक्र का पारगमन दिखाई पड़ने से प्रायः उस पर कम ध्यान दिया जाता है. लेकिन सर्वेक्षण बताता है कि ग्रहणों के अनुरूप पारगमन का राष्ट्र और मानव जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. इस तथ्य को खगोलशास्त्री भी स्वीकार करने लगे हैं.

11 नवम्बर 2019 में बुध का पारगमन हुआ
11 नवम्बर 2019 में बुध का पारगमन हुआ है. चीन में पहले मंदी का दौर शुरू हुआ और पूरे विश्व को मंदी का सामना करना पड़ेगा. एक बात और तथ्यगत है कि नवंबर में होने वाले बुध के पारगमन का ज्यादा ही नकारात्मक प्रभाव रहता है. इसका प्रभाव एक वर्ष पूर्णरूपेण और आंशिक नकारात्मक प्रभाव द्वितीय वर्ष के पूर्वार्द्ध तक मिलता है.

गोरखपुर: अखिल भारतीय ज्योतिष संगठन के प्रवक्ता और जाने-माने ज्योतिषी पंडित शरद चंद ने गणना के अनुसार बताया कि साल 2019 में बुध का पारगमन हुआ था. इसकी वजह से साल 2020 के अंत तक दुनिया भर में आर्थिक मंदी छाई रहेगी.

कोरोना जैसी महामारी पूरी दुनिया में छाई है और आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ता दिखाई दे रहा है. व्यापार का कारक बुध और उसका सूर्य के ऊपर पारगमन के विषय में कम ही अनुसंधान हुए हैं. जो अनुसंधान हुए हैं, उससे पता चलता है कि व्यापार का कारक बुध का पारगमन विश्व के व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव देकर, विश्व को मंदी की ओर ले जाता है. मंदी के अनुमान का प्रतिशत बुध के पारगमन के गुरुत्व पर है. यदि गुरुत्व सामान्य है तो मंदी सामान्य और गुरुत्व की वृद्धि पर प्रभाव ज्यादा ही रहता है.

मंदी से निपटने में वर्ष भर का समय लगेगा
11 नवम्बर 2019 में घटित पारगमन का प्रतिशत 65% होने से सम्पूर्ण विश्व महावैश्विक मंदी के आगोश में आ जायेगा, जिससे निपटने में वर्ष भर का समय लगेगा. प्राकृतिक घटना के राष्ट्रों और मानव जीवन पर प्रभाव का अध्ययन देश-विदेश के अनेक मनीषियों ने किया और परिणाम का सर्वेक्षण किया है.

बुध का पारगमन क्या है
जिस प्रकार प्रकार सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के सापेक्ष गति से सूर्य और चन्द्रग्रहण जैसी आकाशीय घटनाएं होती हैं, उसी प्रकार सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र और पृथ्वी की सापेक्ष गति से आकाशीय घटनाएं समय-समय पर घटित होती रहती हैं, इसे ग्रहण न कहकर पारगमन कहा जाता है.

पारगमन का राष्ट्र और मानव जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ता है
पारगमन का समय अधिक अंतराल पर होने, पृथ्वी से मात्र बुध और शुक्र का पारगमन दिखाई पड़ने से प्रायः उस पर कम ध्यान दिया जाता है. लेकिन सर्वेक्षण बताता है कि ग्रहणों के अनुरूप पारगमन का राष्ट्र और मानव जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. इस तथ्य को खगोलशास्त्री भी स्वीकार करने लगे हैं.

11 नवम्बर 2019 में बुध का पारगमन हुआ
11 नवम्बर 2019 में बुध का पारगमन हुआ है. चीन में पहले मंदी का दौर शुरू हुआ और पूरे विश्व को मंदी का सामना करना पड़ेगा. एक बात और तथ्यगत है कि नवंबर में होने वाले बुध के पारगमन का ज्यादा ही नकारात्मक प्रभाव रहता है. इसका प्रभाव एक वर्ष पूर्णरूपेण और आंशिक नकारात्मक प्रभाव द्वितीय वर्ष के पूर्वार्द्ध तक मिलता है.

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