गोंडा: जिले में बिसुही नदी में नहाते समय एक बड़ा हादसा हो गया. बुधवार को नदी में नहाते समय तीन किशोर डूब गए हैं. पुलिस और गोताखोर टीम इनकी तलाश कर रही है, लेकिन अभी तक किसी का पता नहीं नच पाया है. एसडीएम सदर सूरज पटेल ने बताया कि पुलिस और प्रशासनिक टीम मौके पर है और डूबे किशोरों की खोज की जा रही है.
अमरोहा जिले में भी बारिश ने कहर बरपाया है. यहां गजरौला में बारिश हो जाने के कारण नगरपालिका का नाला टूट गया, जिससे कि नेशनल हाईवे स्थित यूएस फूड फैक्ट्री की दीवार टूट गई. फैक्ट्री में काम कर रहे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया और फैक्ट्री के मैनेजर ने तुरंत कर्मचारियों को फैक्ट्री से बाहर निकलने के आदेश दिए. फैक्ट्री के एचआर मोहम्मद कासिम ने बताया कि गजरौला नगर पालिका की लापरवाही से तीसरी बार यह दीवार टूटी है. कई बार नगरपालिका को भी इस बारे में अवगत कराया गया है, मगर नगर पालिका की तरफ से अभी तक कोई भी जिम्मेदारी नहीं ली गई है.
कानपुर देहात में मूसलाधार बारिश के एक कच्चा मकान जमीदोश हो गया. मकान के मलबे में दबकर दंपति की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. हादसे की सूचना पर प्रशासन और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे. पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और कार्रवाई शुरु कर दी है. हादसे की सूचना पर पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची अकबरपुर रनियां विधायक प्रतिभा शुक्ला ने हादसे को लेकर दुःख व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवार को हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के गृह जनपद कौशाम्बी में मूसलाधार बारिश ने विकास के दावों की पोल ने खोल कर रख दी है. यहां बारिश की वजह से सरकारी कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं. जिले के कई सरकारी कार्यालय, थाना और पुलिस चौकियां जलमग्न हो गई हैं. बुधवार को चौकी के बैरकों में पानी भर जाने की वजह से पुलिसकर्मियों के रहने का स्थान भी नहीं रह गया है. प्राकृतिक और सामाजिक आपदाओं में आमलोगों की सुरक्षा के लिए जान जोखिम में डालने वाले पुलिस के जवान अब खुद अपनी जान बचाते हुए नजर आ रहे हैं. यहां रहने वाले पुलिसकर्मियों को पास के एक स्कूल में शिफ्ट किया गया है. एसपी के मुताबिक थाना चौकी में पानी निकालने के लिए फायर ब्रिगेड कर्मचारियों करने को निर्देश दिया गया है.
उन्नाव में पहाड़ी क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने से किनारे बसे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. जिले में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से डेढ़ मीटर दूर है. जैसे-जैसे गंगा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे गंगा किनारे बसे लोगों में डर भी बढ़ रहा है. डीएम ने अधिकारियों को अलर्ट पर रखा है, साथ ही हर संभव प्रशासनिक मदद का आश्वासन दिया है.
जनपद मुजफ्फरनगर में बीते 24 घंटे में रुक-रुकर हो रही बारिश ने यहां की व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी है. चरथावल ब्लॉक में स्थित एक सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बारिश के पानी से तालाब बन गया. डिलीवरी के लिए आ रही गर्भवती महिलाओं को भी यहां इस पानी से गुजर के आना पड़ रहा है. हालत ये हैं कि मरीज और तीमारदार वार्ड के बेड पर बैठे हैं और नीचे बरसात का पानी भरा हुआ है.