ETV Bharat / state

वाह रे यूपी पुलिस! मृतक का बयान लेकर फाइल की चार्जशीट

जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने साफ कर दिया है कि पुलिस नामुमकिन को भी मुमकिन बना सकती है. साल 2007 में जिस व्यक्ति की मौत हो गई, उस व्यक्ति की मौत के दस साल बाद साल 2017 में एफआईआर दर्ज कर ली गई. इतना ही नहीं सीओ ने तो मृतक का बयान दर्जकर चार्जशीट भी फाइल कर दी.

author img

By

Published : Jun 18, 2019, 7:32 AM IST

Updated : Jun 18, 2019, 7:46 AM IST

मृतक के खिलाफ दर्ज की एफआईआर.

गोंडा: जिले में एक व्यक्ति की मौत के दस साल बाद उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई. मृतक का बयान दर्ज कर उसके खिलाफ चार्जशीट भी फाइल कर दी गई. वहीं जब मृतक का पिता पुलिस और कोर्ट के चक्कर लगाकर परेशान होने के बाद डीआईजी से मिलने पहुंचा, तब जाकर मामला साफ हुआ.

पुलिस ने मृतक के खिलाफ दर्ज की एफआईआर.

क्या है पूरा मामला

  • चार्जशीट फाइल होने के बाद एससी/एसटी के विशेष न्यायाधीश ने संबंधित मृतक आरोपी को सम्मन जारी कर दिया.
  • इसको लेकर पुलिस मृतक के घर पंहुची, जहां ग्राम प्रधान ने मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र पुलिस को दे दिया.
  • इसके बाद मृत बेटे के खिलाफ हुई एफआईआर दर्ज होने के बाद पिता ने कोर्ट और पुलिस का चक्कर लगाना शुरू कर दिया है.
  • पुलिस और कोर्ट का चक्कर लगाने के मृतक के पिता देवी पाटन मण्डल के डीआईजी से मिलने पंहुचे.
  • मृतक के पिता सुरेंद्र सिंह ने बताया कि मेरे बेटे की साल 2007 में ही तालाब में डूबने से मौत हो गई थी.
  • विपक्षियों द्वारा मेरे बेटे के खिलाफ वर्ष 2017 में एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसमें सीओ ने बयान दर्जकर चार्जशीट भी लगा दी.
  • उन्होंने कहा कि सीओ शंकर प्रसाद की लापरवाही के चलते उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
  • न्यायालय उन्हें दंडित करे, क्योंकि इस लापरवाही से उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा और उसके मान-सम्मान को ठेस पहुंची है.

गोंडा: जिले में एक व्यक्ति की मौत के दस साल बाद उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई. मृतक का बयान दर्ज कर उसके खिलाफ चार्जशीट भी फाइल कर दी गई. वहीं जब मृतक का पिता पुलिस और कोर्ट के चक्कर लगाकर परेशान होने के बाद डीआईजी से मिलने पहुंचा, तब जाकर मामला साफ हुआ.

पुलिस ने मृतक के खिलाफ दर्ज की एफआईआर.

क्या है पूरा मामला

  • चार्जशीट फाइल होने के बाद एससी/एसटी के विशेष न्यायाधीश ने संबंधित मृतक आरोपी को सम्मन जारी कर दिया.
  • इसको लेकर पुलिस मृतक के घर पंहुची, जहां ग्राम प्रधान ने मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र पुलिस को दे दिया.
  • इसके बाद मृत बेटे के खिलाफ हुई एफआईआर दर्ज होने के बाद पिता ने कोर्ट और पुलिस का चक्कर लगाना शुरू कर दिया है.
  • पुलिस और कोर्ट का चक्कर लगाने के मृतक के पिता देवी पाटन मण्डल के डीआईजी से मिलने पंहुचे.
  • मृतक के पिता सुरेंद्र सिंह ने बताया कि मेरे बेटे की साल 2007 में ही तालाब में डूबने से मौत हो गई थी.
  • विपक्षियों द्वारा मेरे बेटे के खिलाफ वर्ष 2017 में एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसमें सीओ ने बयान दर्जकर चार्जशीट भी लगा दी.
  • उन्होंने कहा कि सीओ शंकर प्रसाद की लापरवाही के चलते उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
  • न्यायालय उन्हें दंडित करे, क्योंकि इस लापरवाही से उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा और उसके मान-सम्मान को ठेस पहुंची है.
Intro:यूपी के गोंडा जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने यह साफ कर दिया है की पुलिस, नामुमकिन को भी मुमकिन बना सकती हक। तभी तो 2007 में जिसकी व्यक्ति की मौत हो गयी हो उसी के खिलाफ दस साल बाद 2017 में एफआईआर ही नही सीओ साहब ने तो परलोकवासी का बयान दर्जकर , चार्टशीट भी फाइल कर दी।




Body:आप आपको बता दें कि मामले का पर्दाफाश उस समय हुआ जब चार्टशीट फाइल होने के बाद एससीएसटी के विशेष न्यायाधीश ने संबंधित मृतक आरोपी को सम्मन जारी कर दिया। जिसको लेकर पुलिस मृतक के घर पंहुची तो स्थित साफ हो गयी। ग्राम प्रधान ने मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र भी पुलिस को दे दिया। अपने मृत बेटे के खिलाफ हुई एफआईआर की जानकारी जब बेबस बाप को हुई तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। जिसके बाद उसने कोर्ट कचहरी और पुलिस के चक्कर लगाने शुरू कर दिये। देवी पाटन मण्डल के डीआईजी से मिलने पंहुचे, मनकापुर थाना क्षेत्र के झिलाही गांव निवासी मृतक के पिता सुरेंद्र सिंह ने बताया कि मेरे बेटे शिवम सिंह की तालाब में डूबने से वर्ष 2007 मौत हो गयी और विपक्षी द्वारा मेरे बेटे के खिलाफ वर्ष 2017 में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जिसने सीओ ने बयान दर्जकर चार्टशीट भी लगा दी। पुलिस पर आंख बंदकर काम करने का आरोप लगाते हुए पीड़ित सुरेन्द्र की मांग है कि तत्कालीन सीओ शंकर प्रसाद के साथ जिन पुलिसकर्मियों की लापरवाही है। न्यायालय उन्हें दंडित करे, क्योंकि इस लापरवाही से उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेंस पंहुचा है और उसके मान कि हानि हुई है।



परलोक वासी का बयान दर्ज करने वाले सीओ शंकर प्रसाद 2017 में गोंडा के मनकापुर के सीओ पद पर तैनात थे, वर्तमान में बहराइच जनपद में महसी के सीओ हैं पुलिस के इस बहादुरी से तो साफ ही हो गया कि अगर पुलिस चाह ले तो स्वर्गवासी के खिलाफ मुकदमा दर्जकर उसे भी कटघरे में खड़ी कर सकती है। अपनी पुलिस के इस अनूठे कार्य के बारे में बताते हुए देवीपाटन मंडल के डीआईजी राकेश सिंह ने कहा कि सुरेंद्र सिंह नाम के एक व्यक्ति मुझसे मिले हैं उन्होंने बताया है कि मेरे मृतक बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसके बारे में मैंने संबंधित एसपी से रिपोर्ट मांगी है। दोषी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी साथ ही चार्जशीट सीट लगाया गया है तो न्यायालय भी इस मामले का संज्ञान अवश्य लेगा।




Conclusion:बाईट-1सुरेंद्र कुमार सिंह( मृतक का पिता पीड़ित )

बाईट-2-राकेश सिंह डीआईजी देवीपाटन मंडल गोण्डा

up_gon_mritak bana muljim_7203457

se visual byte FTP par
Last Updated : Jun 18, 2019, 7:46 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.