गोंडा : जनपद के मंडल कारागार में क्षमता से दोगुना कैदी हैं. कारागार की क्षमता 508 कैदियों की है पर कारागार में 895 कैदी बंद हैं. इससे जेल के कैदियों और वहां तैनात कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
जेल अधीक्षक सूर्य प्रकाश सिंह ने बताया कि जेल में संख्या से अधिक कैदी हैं. इससे ड्यूटी में तैनात रक्षकों को कैदियों की निगरानी में काफी परेशानी होती है. एक बैरक में 30 कैदियों की जगह 60 से 70 कैदी बंद हैं. उन्होंने बताया कि जेल में 895 विचाराधीन कैदी बंद हैं. जेल की क्षमता 508 कैदियों की है. व्यवस्थाएं की कमी है लेकिन बनानी पड़ती है.
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नियम के अनुसार, जिन कैदियों को सजा मिल जाती है, उनको केंद्रीय कारागार में भेज देना चाहिए. वाराणसी केंद्रीय कारागार हमसे जुड़ी है, लेकिन वहां पर भी ओवर क्राउडिंग चल रही है. वहां से जैसा दिशा निर्देश होता है, वैसे हम कैदियों को केंद्रीय कारागार में भेज देते हैं.