गोंडा: साइबर अपराधियों के विरुद्ध चलाए गए अभियान में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में ठगी के शिकार हुए 23 लोगों को पुलिस द्वारा पैसा वापस कराया गया. साइबर अपराधियों द्वारा लाटरी, ऑनलाइन KYC, सस्ते दामों पर गाड़ी खरीदने-बेचने, टावर लगवाने, बोनस पॉइंट देने, क्रेडिट लिमिट बढ़वाने, CSP अलॉटमेंट, पैसे रिफंड करवाने, रिमोट एक्सेस एप डाउनलोड, सस्ते दामों पर इलेक्ट्रोनिक सामान खरीदने आदि का प्रलोभन देकर लोगों से लाखों की ठगी की गई थी. शिकायत पर गोंडा पुलिस एक्शन में आई और साइबर सेल के माध्यम से मामले का खुलासा किया. इसके बाद 14 लाख 70 हजार 285 रुपये लोगों के खाते में वापस किया गया. पीड़ित पैसा पाकर खुश हैं और पुलिस को धन्यवाद दिया.
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि साइबर अपराधियों के विरुद्ध चलाए गए अभियान में साइबर सेल में 23 पीड़ितों ने मामला दर्ज कराया था. इनमे से एक डॉक्टर के खाते से 3 लाख 50 हजार रुपये निकाल लिए गए थे, जबकि इसी तरह अन्य 22 लोगों को मिलाकर करीब 15 लाख रुपये ठगे गए थे, जिन्हें आज वापस कराया गया है.
एसपी ने लोगों से अपील की है कि साइबर ठगी से बचने के लिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय पैसे फंस जाने पर कभी भी कंपनी के कस्टमर केयर नंबर को गूगल से सर्च न करें. सम्बंधित कंपनी के ऐप में ही कॉन्टेक्ट नंबर होता है, वहीं से सम्पर्क करें. अपने बैंक को तत्काल इसकी सूचना दें. किसी भी अंजान व्यक्ति के फोन कॉल पर कभी भी बैक डिटेल, एटीएम डिटेल शेयर न करें. इसके अलावा अनावश्यक रूप से किसी भी लिंक को न खोलें. आपके मैसेज बॉक्स में आए किसी सन्देश/OTP को किसी अन्य को शेयर न करें.
बैंक/UPI कभी भी आपसे आपके खाते की डिटेल कॉल पर नहीं मांगता है. बैंक खाते की KYC बैंक जाकर ही अपडेट कराएं. OLX या किसी अन्य एप से गाड़ी, मोबाइल या कुछ अन्य खरीदारी के लिए एडवांस पेमेंट कभी न करें, सामान मिलने के बाद ही पेमेंट करें. अपनी निजी तस्वीर वीडियो शेयर करने से बचें. अपना आधार/पैन किसी अज्ञात व्यक्ति को न सौंपे. न ही किसी ऑफर के लालच में कहीं पर अंगूठा लगाएं.
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