गोंडा: एमपी एमएलए कोर्ट ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक रामविशुन आजाद (gonda former SP MLA ramvishun 3 months jail) को तीन महीने के कारावास की सजा सुनाई. अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विशेष न्यायालय एमपी एमएलए सुषमा (gonda Special Court MP MLA Sushma) ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत दोषी मानते हुए फैसला सुनाया. इसके साथ ही हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
इस मामले में जिले में 2017 विधानसभा चुनाव को संपन्न कराने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी ने अमित कुमार पांडेय को उड़नदस्ता प्रभारी नियुक्त किया था. उड़नदस्ता प्रभारी की रिपोर्ट के मुताबिक चेकिंग के दौरान 18 फरवरी 2017 को मोतीगंज-कहाेबा मार्ग पर पीसीएफ गोदाम के पास वाहन संख्या यूपी 43 टी 7177 को रोका गया था. इस वाहन पर प्रचार का झंडा लगा हुआ था. वाहन से चेकिंग के दौरान 1610 हैंडबिल बरामद हुआ था. जिसपर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रामविशुन आजाद विधानसभा क्षेत्र 300 मनकापुर गोंडा अंकित किया गया था.
इस प्रचार सामग्री में मुद्रक की सूचना दर्ज नहीं थी. उड़नदस्ता प्रभारी ने संबंधित के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत इस मामले में तहरीर देकर एफआइआर कराई थी. जिसके बाद मोतीगंज पुलिस ने विवेचना के बाद पूर्व विधायक और तत्कालीन सपा प्रत्याशी राम विशुन आजाद के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था. बुधवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विशेष न्यायालय एमपी एमएलए सुषमा (gonda Special Court MP MLA Sushma) ने पूर्व विधायक को दोषी मानते हुए सजा (gonda former SP MLA ramvishun 3 months jail) सुनाई. उसके बाद में उन्हें जमानत दे दी गई.
पढें- लखीमपुर मामले में एक आरोपी हिरासत में, पेड़ से लटकी मिली थी 2 दलित बहनों की लाश
राम विशुन आजाद (gonda former SP MLA ramvishun 3 months jail) मनकापुर सुरक्षित सीट से 1985 और 1989 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे और वह मनकापुर सीट से छह बार विधायक रह चुके हैं. वहीं, 1991 में वह भाजपा प्रत्याशी छेदीलाल से चुनाव हार गये थे. उसके बाद 1993, 1996, 2002 और 2007 में चार बार लगातार सपा के टिकट विधायक चुने गये थे. 2012 में सपा ने उनकी जगह बाबूलाल को टिकट दे दिया और बाबूलाल विधायक बने थे. 2017 में सपा ने फिर राम विशुन आजाद पर भरोसा जताया था, लेकिन वह इस चुनाव में पूर्व मंत्री रमापति शास्त्री से चुनाव हार गये.