गोण्डा: जिले के झंझरी ब्लाक के ग्राम पंचायत बिरवा बभनी गौशाला में मनरेगा योजना के तहत पौधरोपण का काम कराया जा रहा है और उन्हें मजदूरी का भुगतान भी किया जा रहा है. इस त्रासदी के बीच मनरेगा योजना के प्रारंभ होने से न सिर्फ गांव में बैठे श्रमिकों को रोजगार मिल गया है बल्कि दैनिक मजदूरी मिलने से उनकी रोजमर्रा की जरूरतें भी पूरी होने लगी हैं.
भुखमरी के कगार पर था परिवार
काम कर रही महिला श्रमिक निर्मला देवी का कहना है कि मनरेगा बंद हो जाने से परिवार में भुखमरी थी. खाने का संकट खड़ा हो गया था और परिवार को पालना मुश्किल हो रहा था. अब सरकार ने मनरेगा फिर से शुरू कर दिया है तो उन्हें रोजगार मिल गया है. अब परिवार का पालन पोषण हो सकेगा.
खाते में व नगद किया जा रहा भुगतान
ग्राम प्रधान योगेश मिश्रा ने कहा कि लॉकडाउन में मनरेगा बंद हो जाने से गांव मे गरीबों के सामने रोजगार का संकट था. लोगों को काफी दिक्कत उठानी पड़ रही थी. अब सरकार ने इस योजना को फिर से प्रारंभ कर दिया है तो गांव के श्रमिकों को एक बार फिर से रोजगार मिल गया है. इस समय करीब 50 मजदूर गांव में बनी गौशाला पर पौधरोपण का काम कर रहे हैं और उन्हें मजदूरी का भुगतान उनके खाते में किया जा रहा है.
4800 श्रमिकों को मिला रोजगार
मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बताया कि लॉकडाउन में गांव के श्रमिकों के रोजगार देने के लिए सरकार ने मनरेगा योजना फिर से प्रारंभ कर दी है. जिले की 294 ग्राम पंचायतों में मनरेगा का कार्य शुरू हो गया है, जिसमें करीब 4800 श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है.