गोंडा: जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर जयप्रभा गांव में एक ऐसा मंदिर है, जहां दर्शन-पूजन करने पर चार धाम की यात्रा करने के बराबर पुण्य मिलता है. इस मंदिर की स्थापना राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख ने अपने मॉडल गांव जयप्रभा में की थी. जिसे भक्ति धाम (चार धाम) मंदिर के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर का उद्घाटन 26 मार्च 2001 को तत्कालीन वित्त मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार हरीश चंद श्रीवास्तव ने किया था. इस मंदिर के संरक्षक नानाजी देशमुख थे.
इसलिए हुई थी मंदिर की स्थापना
भक्ति धाम (चार धाम) मंदिर की स्थापना दीनदयाल शोध संस्थान जयप्रभा ग्राम में राष्ट्र ऋषि नाना जी ने की थी. दरअसल, गोंडा की गिनती प्रदेश के पिछड़े जिलों में होती है, ऐसे में यहां की बहुत बड़ी आबादी लोग चार धाम की यात्रा करने में असमर्थ है. जिसे देखते के बाद नानाजी देशमुख ने निश्चय किया कि वह एक ऐसे मंदिर की स्थापना करेंगे, जिसमें पूजा-अर्चना करने पर लोगों को धाम के बराबर पूर्ण मिले. जिसके बाद 2001 में भक्ति धाम मंदिर की स्थापना जयप्रभा ग्राम में की गई.
क्या है मान्यता-
भक्तिधाम मंदिर में बद्रीनाथ, केदारनाथ, रामेश्वरम, जगन्नाथपुरी, बाबा अमरनाथ और द्वारिकाधीश जैसे कई धर्मस्थल जैसे मंदिर कारीगरों द्वारा बनाया गया हैं. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में कोई भी व्यक्ति दर्शन-पूजान करने के बाद 12 ब्राह्मणों को भोजन करा दें, तो उसे चार धाम की यात्रा का पुण्य मिलता है. इस मंदिर में शिवरात्रि, तीज, मलमास माह व सावन माह में मेला लगता है. जिसमें देश-विदेश से श्रद्धालु यहां आते हैं.
चार धाम मंदिर में स्थापित है पांचमुखी शिवलिंग
महंत यशोदा नंद शुक्ल ने बताया कि भक्ति धाम मंदिर की स्थापना नानाजी देशमुख ने 2001 में की थी. इस मंदिर का उद्घाटन तत्कालीन वित्त मंत्री हरीश चंद श्रीवास्तव ने किया था. इस मंदिर में पंचमुखी शिवलिंग की स्थापना हुई है. ऐसा शिवलिंग नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में है. इस मंदिर में देश-विदेश के लोग पूजा अर्चना करने आते हैं. इस मंदिर में गरीब कन्याओं के सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाता है. साथ ही यहां भागवत, रामायण, भजन-कीर्तन का आयोजन होता है. जिसमें भक्त हिस्सा लेते है.
भक्तिधाम मंदिर में पूजा अर्चना करने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती हैं.
-नंदू प्रसाद, श्रद्धालु