गोंडाः कोरोना वायरस के खतरे से बचने के लिए पूरे देश को 21 दिन के लिए लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है. इस दौरान जो जहां है वहीं फंस गया है. लॉकडाउन होने के आदेश के बाद देश के विभिन्न शहरों मे रहकर मजदूरी करने वाले श्रमिक वर्ग परेशान हैं. हर कोई शहर छोड़कर अपने गांव पहुंचना चाह रहा है. ऐसे ही करीब आठ लोग देवरिया से पैदल चल कर 230 किमी. की दूरी तय कर शुक्रवार को गोंडा पहुचे और परेशान दिखे.
रोजी-रोटी का संकट
इन सभी को बहराइच जिले के जरवल जाना है. ये सभी लोग देवरिया जिले से पैदल चलकर तीसरे दिन गोंडा पहुंचे थे. जब उनसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि काम पूरा बंद होने के बाद उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है और ऐसे में वह किसी तरह से अपने घर पहुंचना चाहते हैं.
संक्रमण के बजाय घर पहुंचने की चिंता
देश में लॉकडाउन का आज तीसरा दिन है और इन तीन दिनों मे प्रदेश के लगभग सभी जिलों से वहां के दिहाड़ी मजदूरों के पलायन की तस्वीरें सामने आने लगी हैं. शहरों से अपने गांवों की तरफ पलायन कर रहे इन मजदूरों को इस खतरनाक वायरस के संक्रमण की चिंता के बजाय अपने घरों तक पहुंचने की चिंता है. इसके लिए वह सैकड़ों किमी. पैदल चलने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं.
कोरोना ने बंद कराया रोजगार
सरकार की तरफ से भी इनकी मदद के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा सके हैं. देवरिया से गोंडा पहुंचे युवकों का साफ कहना कि कोरोना महामारी ने उनका रोजगार बंद करा दिया ऐसे मे वह किसी तरह से अपने परिवार के बीच पहुंचना चाहते हैं.