गोंडा : प्रदेश भर में अधिकतर नदियां उफान पर हैं. ऐसे में दहशत का माहौल बना हुआ है. उत्तर प्रदेश के लगभग 22 जिलों के लगभग 466 गांव बाढ़ के कारण प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के चलते कई जिलों में राहत एवं बचाव कार्य प्रगति पर है.
साथ ही लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई है. प्रदेश में गंगा, यमुना, घाघरा, राप्ती व इनकी सहायक नदियां उफान पर हैं. इसी क्रम में गोंडा के डीएम मार्कण्डेय ने सोमवार बाढ़ की आशंका को देखते हुए घोड़हन ऐली-परसौली तटबंध का औचक निरीक्षण किया.
निरीक्षण के दौरान डीएम ने तटबंध पर हो रहे मरम्मत कार्य स्थिति परखी. तटबंध पर हो रहे कार्य में डीएम को खामी नहीं मिली. तटबंध से लगातार नदी के जल स्तर की निगरानी की जा रही थी. साथ ही तटबंध पर किया जा रहा मरम्मत भी मानक के अनुरूप हो रहा था. साथ ही तटबंध पर होने वाली गतिविधि की मॉनिटरिंग के लिए कैमरे के सर्वर को कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम से कनेक्ट किया गया था.
इस कैमरे के माध्यम से तटबंध पर नदी के बढ़ते हुए जलस्तर की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही थी. बता दें, कि गोंडा जिले में घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है. निरीक्षण के बाद जिलाधिकारी ने ग्रामीण इलाकों में तिरपाल बांटे. निरीक्षण व तिरपाल वितरण कार्यक्रम के दौरान एसडीएम तरबगंज राजेश कुमार, तहसीलदार पैगाम हैदर, नायब तहसीलदार इवेन्द्र कुमार, एसओ उमरी करूणाकर पाण्डेय तथा बाढ़ खंड के अधिकारी उपस्थित रहे.