गोंडा: सूबे की सरकार हरे-भरे पर्यावरण के लिए पौधरोपण अभियान चला रही है. इस अभियान के तहत प्रत्येक वर्ष करोड़ों की संख्या में पौधरोपण किया जाता है. वहीं अब गांव की बेटियों ने पेड़ों को बचाने के लिए एक अनोखी पहल की है. गोंडा में मुजेहना ब्लॉक के पंडितपुरवा गांव की बेटियों ने पेड़ों के कटान पर लगाम लगाने के लिए एक अनूठा तरीका ईजाद किया है, जिससे लोग आस्था के कारण पेड़ों को न काटें. इन बेटियों ने पेड़ों पर पेंट से भगवान के प्रतीक चिन्ह बनाये हैं. पेड़ पर कहीं डमरू बना है तो किसी में त्रिशूल तो किसी में चक्र और शिवलिंग बनाकर इन बेटियों ने बेहद अनूठा प्रयास किया है. जिले के मुजेहना ब्लॉक के पंडितपुरवा गांव निवासी रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार विजेता जूली पांडेय और उनकी टीम ने अपने गांवों के आसपास के गांवों में इसकी शुरुआत की है.
पितृपक्ष में पितरों से किया पेड़ न कटने देने का वादा
जिले में पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से सम्मानित जूली पांडेय अपनी सहेलियों के साथ पितृपक्ष में एक अनूठी मुहिम चला रही हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में पेड़ों की कटान रोकने के लिए वह पेंट से पेड़ों पर भगवान के प्रतीक चिन्ह बनाती हैं. इन बेटियों ने किसी पेड़ों में त्रिशूल, डमरू, सूरज, शिवलिंग और किसी में ओम की आकृति उकेरी है. जूली और उसकी सहेलियां पेड़ों पर पेंटिंग के साथ लोगों के बीच जागरुकता भी फैलाती हैं. वह लोगों से पेड़ न काटने की बात करती हैं. पितृपक्ष में इन बेटियों ने अपने पूर्वजों से वादा भी किया है कि वह उनके लगाये गए पेड़ों को नहीं कटने देंगी.
इस कार्य में लगी सुधा पांडेय का कहना है कि जब पेड़ों पर भगवान के प्रतीक चिन्ह बने रहेंगे तो लोग दहशत में पेड़ को नहीं काटेंगे.
रानी लक्ष्मी बाई वीरता पुरस्कार से सम्मानित जूली पाण्डेय कर रही अगुवाई
जूली पाण्डेय ने बताया कि पेड़ लग कम रहे है और कट ज्यादा रहे हैं इसलिए पेड़ों की सुरक्षा के लिए उनपर भगवान का प्रतीक चिन्ह बनाया गया है. ताकि दहशत में लोग पेड़ों को न काटें.