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श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस: हाईकोर्ट ने मीडिया को संयम बरतने का निर्देश दिया, कहा- गलत रिपोर्टिंग कोर्ट की अवमानना - SHRI KRISHNA JANMABHOOMI CASE

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि न्यायिक कार्यवाही की गलत रिपोर्टिंग कोर्ट की अवमानना ​​के समान है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- गलत रिपोर्टिंग कोर्ट की अवमानना ​​के समान है. (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 3, 2024, 8:04 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में न्यायिक कार्यवाही की गैर जिम्मेदाराना व गलत रिपोर्टिंग के लिए मीडिया को कड़ी चेतावनी दी है. कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी कोई भी रिपोर्टिंग, जो मामले में कार्यवाही या आदेशों को गलत तरीके से प्रस्तुत करती है, प्रथम दृष्टया न्यायालय की अवमानना ​​के समान हो सकती है.

न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा ने अपने आदेश में कहा कि यह न्यायालय उम्मीद करता है कि मीडियाकर्मी इस मामले की कार्यवाही की रिपोर्टिंग करते समय उचित संयम बरतेंगे. इस संबंध में न्यायालय के आदेशों की गरिमा और पवित्रता बनाए रखेंगे. कोर्ट ने यह आदेश वाद संख्या 18 में वकील की ओर से प्रस्तुत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया. अर्जी में इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया को मामले की गलत रिपोर्टिंग पर संयम बरतने की मांग की गई.

पिछले वर्ष मई में हाईकोर्ट ने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और सात अन्य द्वारा दायर स्थानांतरण आवेदन स्वीकार करते हुए कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित विभिन्न राहतों के लिए प्रार्थना करते हुए मथुरा न्यायालय के समक्ष लंबित सभी केसों को अपने पास स्थानांतरित कर लिया था.

इस वर्ष जनवरी महीने में, एकल न्यायाधीश ने मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित 15 प्रकरणों को एकीकृत करने का निर्देश दिया था. यह आदेश हिंदू वादियों के सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश IV-A के तहत दायर आवेदन पर पारित किया गया. इस वर्ष अगस्त में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा स्थित शाही ईदगाह (मस्जिद) समिति द्वारा दायर आदेश 7 नियम 11 सीपीसी याचिका खारिज की थी. इसमें मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के संबंध में हिंदू उपासकों और देवता श्री कृष्ण विराजमान की ओर से दायर 18 मुकदमों की स्थिरता को चुनौती दी गई थी.

ये भी पढ़ें- संभल हिंसा में ना'पाक' साजिश; सर्च ऑपरेशन में मिले पाकिस्तान में बने 9 MM कारतूस

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में न्यायिक कार्यवाही की गैर जिम्मेदाराना व गलत रिपोर्टिंग के लिए मीडिया को कड़ी चेतावनी दी है. कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी कोई भी रिपोर्टिंग, जो मामले में कार्यवाही या आदेशों को गलत तरीके से प्रस्तुत करती है, प्रथम दृष्टया न्यायालय की अवमानना ​​के समान हो सकती है.

न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा ने अपने आदेश में कहा कि यह न्यायालय उम्मीद करता है कि मीडियाकर्मी इस मामले की कार्यवाही की रिपोर्टिंग करते समय उचित संयम बरतेंगे. इस संबंध में न्यायालय के आदेशों की गरिमा और पवित्रता बनाए रखेंगे. कोर्ट ने यह आदेश वाद संख्या 18 में वकील की ओर से प्रस्तुत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया. अर्जी में इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया को मामले की गलत रिपोर्टिंग पर संयम बरतने की मांग की गई.

पिछले वर्ष मई में हाईकोर्ट ने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और सात अन्य द्वारा दायर स्थानांतरण आवेदन स्वीकार करते हुए कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित विभिन्न राहतों के लिए प्रार्थना करते हुए मथुरा न्यायालय के समक्ष लंबित सभी केसों को अपने पास स्थानांतरित कर लिया था.

इस वर्ष जनवरी महीने में, एकल न्यायाधीश ने मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित 15 प्रकरणों को एकीकृत करने का निर्देश दिया था. यह आदेश हिंदू वादियों के सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश IV-A के तहत दायर आवेदन पर पारित किया गया. इस वर्ष अगस्त में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा स्थित शाही ईदगाह (मस्जिद) समिति द्वारा दायर आदेश 7 नियम 11 सीपीसी याचिका खारिज की थी. इसमें मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के संबंध में हिंदू उपासकों और देवता श्री कृष्ण विराजमान की ओर से दायर 18 मुकदमों की स्थिरता को चुनौती दी गई थी.

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