गोंडा: किसानों को एक ही छत के नीचे कृषि से संबंधित सारी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक निजी संस्था द्वारा खुशहाली केंद्र खोले गए थे. शुरुआती दौर में यह केंद्र किसानों के आकर्षण का केंद्र बन गए. अधिकतर किसान यहीं से छोटे-बड़े कृषि यंत्र से लेकर खाद, बीज, कीटनाशक और अन्य जैव रसायन की खरीद करते थे.
किसान परेशान-
- साधन सहकारी समितियों की तरह खुशहाली केंद्रों पर भी किसानों को सब्सिडी युक्त खाद, बीज और रसायन दिए जाते थे.
- किसानों की एक ही केंद्र पर सभी आवश्यकताएं पूर्ण हो जाती थी.
- आज खुशहाली केंद्र अपनी बदहाली का शिकार है, जिससे किसान भी परेशान हैं.
- हैडरीक कृषि उपकरण लिमिटेड कंपनी द्वारा वर्ष 2011 में एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में इसे शामिल किया गया.
- कंपनी ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा में अपने केंद्र खोले और इसे खुशहाली केंद्र नाम दिया.
यहां खाद बीज इत्यादि की कमी है, पर कंपनी इसे जल्दी फिर से अच्छा चलाने का भरोसा देते हैं, लेकिन रोज यहां से 10 से ऊपर किसान मायूस हो वापस लौट जाते हैं. यहां हमें हर वस्तु आसानी से सुलभ हो जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है.
-रुद्र प्रताप सिंह, किसान
यह एक प्राइवेट संस्था है. जैसा कि मेरे संज्ञान में आया है कि यहां खाद, बीज व कीटनाशक की कमी है, जबकि जिले में खाद, बीज व कीटनाशक की कोई कमी नहीं है. जब कंपनी के कर्मचारियों इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ऊपर से व्यवस्था नहीं हो रही है. उनको निर्देशित किया गया है कि केंद्र पर खाद, बीज और कीटनाशक की उपलब्धता कराकर उसे ठीक से चलाइए. कंपनी द्वारा भी आश्वस्त किया गया है कि जल्द ही व्यवस्था में सुधार किया जाएगा.
-जेपी यादव, जिला कृषि अधिकारी