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खतरे तले पढ़ने को मजबूर नहीं होंगे नौनिहाल, गोंडा के 565 जर्जर स्कूल गिराए जाएंगे

गोंडा के 565 जर्जर स्कूलों को जल्द ही गिराया जाएगा. इस संबंध में जिलाधिकारी ने मातहतों को दिशा निर्देश दे दिए हैं. उनके इस फैसले से नौनिहाल का जीवन खतरे से बच जाएगा.

समीक्षा बैठक में निर्देश देते जिलाधकारी.
समीक्षा बैठक में निर्देश देते जिलाधकारी.
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Published : Oct 20, 2021, 10:49 PM IST

गोण्डाः जिले के जर्जर स्कूलों को लेकर अब जिला प्रशासन भी गंभीर होने लगा है. अब ऐसे स्कूलों को ध्वस्त करने की तैयारी हो रही है. इसके लिए अफसरों को निर्देश दिए गए हैं. दरअसल, जिले के 565 जर्जर प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों की नीलामी कराकर ध्वस्तीकरण के लिए जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही ने निर्देश दिए हैं. कलेक्ट्रेट सभागार में उन्होंने इस संबंध में समीक्षा बैठक की.

बैठक में अफसरों ने डीएम को बताया कि कुल 565 विद्यालय जिले में जर्जर मिले हैं. इनमें 58 विद्यालयों के मुख्य भवन, 292 अतिरिक्त कक्षा कक्ष, 120 शौचालय तथा स्टोर रूम किचन व अन्य कक्ष शामिल हैं.

इस पर डीएम ने ब्लॉकवार जर्जर भवनों की नीलामी व ध्वस्तीकरण की समीक्षा की तथा खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए. कहा कि सभी जर्जर भवनों का सत्यापन तकनीकी टीम के साथ संयुक्त रूप से कर लें तथा ध्वस्तीकरण के लिए अवशेष जर्जर भवनों का मूल्यांकन पुनः कर लें.

उन्होंने निर्देश दिए कि तकनीकी टीम में लोक निर्माण विभाग, आरईडी तथा लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ ही खंड शिक्षा अधिकारियों को भी शामिल किया जाए. जिलाधिकारी ने स्प्ष्ट कहा कि जर्जर स्कूलों के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

ये भी पढ़ेंः जौनपुर में बोले मुकेश साहनी- वीआईपी में शामिल हो जाएं संजय निषाद, अपने पद से इस्तीफा देकर बिहार में बना दूंगा मंत्री

डीएम ने निर्देश दिए कि जिले के ऐसे भवनों की सूची तैयार कर लें जिनके निर्माण कार्य अधोमानक पाए गए हैं. कहा कि यह भी पता लगाएं कि कौन से भवन तय समय सीमा से पहले ही जर्जर हो गए हैं. ऐसे भवनों के निर्माण के लिए जिम्मेदार प्रधान व प्रधानाध्यापक की जिम्मेदार तय हो.

उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि नीलाम हो चुके भवनों का ध्वस्तीकरण शीघ्र कराया जाए. जिन जर्जर भवनों की नीलामी नहीं हुई हैं, उनकी नीलामी जल्द कराई जाए. बैठक में सिटी मजिस्ट्रेट अर्पित गुप्ता, प्रभारी बीएसए राकेश कुमार खंड शिक्षा अधिकारीगण तथा तकनीकी टीम के अधिकारीगण मौजूद थे.

गोण्डाः जिले के जर्जर स्कूलों को लेकर अब जिला प्रशासन भी गंभीर होने लगा है. अब ऐसे स्कूलों को ध्वस्त करने की तैयारी हो रही है. इसके लिए अफसरों को निर्देश दिए गए हैं. दरअसल, जिले के 565 जर्जर प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों की नीलामी कराकर ध्वस्तीकरण के लिए जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही ने निर्देश दिए हैं. कलेक्ट्रेट सभागार में उन्होंने इस संबंध में समीक्षा बैठक की.

बैठक में अफसरों ने डीएम को बताया कि कुल 565 विद्यालय जिले में जर्जर मिले हैं. इनमें 58 विद्यालयों के मुख्य भवन, 292 अतिरिक्त कक्षा कक्ष, 120 शौचालय तथा स्टोर रूम किचन व अन्य कक्ष शामिल हैं.

इस पर डीएम ने ब्लॉकवार जर्जर भवनों की नीलामी व ध्वस्तीकरण की समीक्षा की तथा खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए. कहा कि सभी जर्जर भवनों का सत्यापन तकनीकी टीम के साथ संयुक्त रूप से कर लें तथा ध्वस्तीकरण के लिए अवशेष जर्जर भवनों का मूल्यांकन पुनः कर लें.

उन्होंने निर्देश दिए कि तकनीकी टीम में लोक निर्माण विभाग, आरईडी तथा लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ ही खंड शिक्षा अधिकारियों को भी शामिल किया जाए. जिलाधिकारी ने स्प्ष्ट कहा कि जर्जर स्कूलों के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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डीएम ने निर्देश दिए कि जिले के ऐसे भवनों की सूची तैयार कर लें जिनके निर्माण कार्य अधोमानक पाए गए हैं. कहा कि यह भी पता लगाएं कि कौन से भवन तय समय सीमा से पहले ही जर्जर हो गए हैं. ऐसे भवनों के निर्माण के लिए जिम्मेदार प्रधान व प्रधानाध्यापक की जिम्मेदार तय हो.

उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि नीलाम हो चुके भवनों का ध्वस्तीकरण शीघ्र कराया जाए. जिन जर्जर भवनों की नीलामी नहीं हुई हैं, उनकी नीलामी जल्द कराई जाए. बैठक में सिटी मजिस्ट्रेट अर्पित गुप्ता, प्रभारी बीएसए राकेश कुमार खंड शिक्षा अधिकारीगण तथा तकनीकी टीम के अधिकारीगण मौजूद थे.

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