गाजीपुर: प्रदेश समेत पूरे देश में किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए भारत सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इनमें सरकार की एक अहम योजना 'प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना' है. इस योजना के तहत 60 साल के बाद किसान को तीन हजार प्रतिमाह पेंशन मिलेगी. इस योजना के तहत किसानों को 55 से 200 रुपये प्रतिमाह के बीच पेंशन निधि में अंशदान जमा करना होगा. यह अंशदान 60 साल की आयु पूरी होने तक (सेवानिवृत्ति की तिथि तक) जमा करना होगा.
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नहीं मिल रहा युवा किसानों को लाभ
सरकार कि इस योजना का लाभ युवा किसानों को नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि इस योजना में कई शर्तें रखी गई हैं. योजना के तहत इसका लाभ उन युवाओं किसानों को मिलेगा, जिनकी उम्र 18 से 40 वर्ष हो. उसके नाम से दो हैक्टेयर जमीन होना आवश्यक है.
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युवा किसान परिजनों पर बना रहे हैं दबाव
ऐसे में युवा किसानों का कहना है कि यह योजना महज दिखावे का पोपट बन कर रह गई है. वहीं इस योजना का दूसरा स्याह पहलू यह है कि युवा किसान अपने घर के बुजुर्ग किसान को जमीन लिखवाने के लिए दबाव बना रहे हैं.
तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री ने योजना को बताया था बड़ा कदम
तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा था कि कड़ी मेहनत करने के बावजूद किसान की पर्याप्त कमाई नहीं होती. इसलिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है. हमने बेहतर आय सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं और 'प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना' इस दिशा में एक और प्रयास है, लेकिन किसान मानधन योजना का सरकार का प्रयास किसानों के घर में प्रतिदिन कलह का कारण बन रहा है.
योजना से जुड़ी 15 खास बातें
- 'प्रधानमंत्री किसान मानधन' योजना देश में लघु एवं सीमांत कृषि भूजोत वाले किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रारंभ की जा रही है.
- इस स्कीम का उद्देश्य है कि जब लोग वृद्धावस्था में प्रवेश करते हैं तो उस स्थिति में उन्हें आर्थिक सहायता देना है, ताकि वे एक स्वास्थ्यपरक और खुशहाल जीवान यापन कर सकें.
- इस स्कीम के तहत सभी पात्र लधु एवं सीमांत किसानों को 3,000 रुपये की निर्धारित पेंशन प्रदान की जाएगी. यह स्वैच्छिक एवं अशंदान पर आधारित पेंशन स्कीम है.
- यह पेंशन भारतीय जीवन निगम द्वारा प्रबंधित पेंशन निधि से किसानों को प्रदान की जाएगी.
- किसानों को 55 से 200 रुपये प्रतिमाह के बीच पेंशन निधि में अंशदान जमा करना होगा. यह अंशदान 60 साल की आयु पूरी होने तक (सेवानिवृत्ति की तिथि तक) जमा करना होगा.
- केंद्र सरकार, पेंशन निधि में अंशदान द्वारा अशंदान की गई राशि के बराबर की राशि अपनी ओर से जमा करेगी, जो किसान 18 वर्ष और 40 वर्ष की आयु के हो चुके हैं वे इस स्कीम को अपनाने के लिए पात्र हैं.
- लघु एवं सीमांत किसान पति-पत्नी इस स्कीम को अलग-अलग अपनाने के लिए पात्र होंगे और वे जब 60 वर्ष की आयु पूरी कर लेंगे तो 3,000 हजार रुपये प्रतिमाह अलग-अलग पेंशन प्राप्त करने के हकदार होंगे.
- ऐसे किसान जिन्होंने इस स्कीम को अपनाया है और बाद में किसी कारण से इस स्कीम को छोड़ना चाहते हैं तो पेंशन निधि में उनके द्वारा जमा कराया गया अशंदान ब्याज सहित उन्हें वापस कर दिया जाएगा.
- सेवानिवृत्ति की तिथि से पहले किसान का आकस्मिक निधन हो जाने पर पति/पत्नी मृत व्यक्ति की शेष आयु तक शेष अंशदान का भुगतान इस पेंशन निधि में यथावत जारी रख सकता है.
- सेवानिवृत्ति की तिथि के बाद किसान की मृत्यु हो जाने की दशा में यदि पति/पत्नी इस स्कीम को जारी नहीं रखना चाहते हैं तो किसान द्वारा जमा किया गया, कुल अंशदान ब्याज सहित उसके आश्रित पति/पत्नी को वापस कर दी जाएगी.
- सेवानिवृत्ति की तिथि से पहले किसान की मृत्यु हो जाने की दशा में पति/पत्नी नहीं हो तो ऐसी स्थिति में ब्याज सहित कुल अंशदान नामित को दे दिया जाएगा.
- सेवानिवृत्ति की तिथि से पहले किसान की मृत्यु हो जाने की दशा में, पति/पत्नी पारिवारिक पेंशन के रुप में अशंदान का 50 प्रतिशत अर्थात 1500 रुपये प्रतिमाह प्राप्त करने के हकदार होंगे.
- यदि किसान, पीएम किसान स्कीम का लाभ भोगी है तो वैसी स्थिति में उसे सीधे पीएम किसान वाले बैंक वाले खाते में (जिस पर वह पीएम किसान का लाभ प्राप्त करता है) अशंदान प्रदान किया जा सकता है.
- पात्र किसान जो इस स्कीम का लाभ प्राप्त करने के इच्छुक हैं वे कॉमन सेवा केंद्र (सीएससी) में जाकर इस स्कीम का लाभ प्राप्त कर सकते हैं उन्हें अपने साथ आधार नंबर, बैंक की पासबुक एवं भूजोत की प्रति का विवरण ले जाना होगा.
- नामांकन के लिए वैकल्पिक अन्य सुविधाएं पीएम किसान स्टेट नोडल ऑफिसर अथवा किसी अन्य माध्यम से अथवा ऑनलाइन नामांकन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इस स्कीम के तहत नामांकन निशुल्क किया जाता है तथा किसानों को नामांकन के लिए सीएससी केंद्रों में कोई भुगतान नहीं करना होगा.