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आत्मनिर्भर बनाने के लिए ग्रामोद्योग विभाग ने वितरित किया टूलकिट

यूपी के गाजीपुर में खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने 180 लाभार्थियों को प्रशिक्षण के बाद इलेक्ट्रॉनिक चाक, अगरबत्ती मशीन, टूलकिट का वितरण किया. लाभार्थियों को इससे पहले 10 दिनों तक प्रशिक्षण दिया गया.

गाजीपुर.
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Published : Oct 10, 2021, 9:20 PM IST

गाजीपुरः आमजन को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार के अनेक मंत्रालयों और आयोगों के माध्यम से लोगों को ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है. इसी क्रम में खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने जिले के 180 लाभार्थियों को 10 दिनों का प्रशिक्षण देने के बाद रविवार को उन्हें इलेक्ट्रॉनिक चाक, अगरबत्ती मशीन, टूल किट का वितरण किया गया.

ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक डीएस भाटी ने बताया कि कार्यक्रम के अंतर्गत 90 कुम्हार को जो पहले लकड़ी के चाक पर डंडे से चला कर मिट्टी का बर्तन तैयार करते थे उन्हें इलेक्ट्रॉनिक चाक प्रदान की गई है. जिससे इनके आमदनी में 4 गुना वृद्धि के साथ विभिन्न प्रकार के खिलौने आदि तैयार करने में सहूलियत मिलेगी. इसी तरह से 60 बेरोजगार जिनके पास खराब लकड़ियां जो जलाने के काम आती हैं, उनसे सुंदर कलाकृति तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया है. इन बेरोजगारों को भी टूल किट प्रदान किया गया है.

ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक ने बताया कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में खादी और ग्रामोद्योग रोजगार दे रही है. पहले यह चरखा लकड़ी का हुआ करता था लेकिन मौजूदा समय में 8 स्टैंडर्ड चरखा संस्थाओं के माध्यम से महिलाओं ने वितरित किया गया है. इसका भी प्रशिक्षण खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा दिया जाता है. साथ ही यहां पर 30 महिलाओं को आगरबत्ती बनाने का प्रशिक्षण भी दिया गया है.

इसे भी पढ़ें-BJP प्रदेश अध्यक्ष की कार्यकर्ताओं को नसीहत, बोले-नेतागिरी का मतलब लूटना या किसी को फॉर्च्यूनर से कुचलना नहीं

उन्होंने बताया कि भारत सरकार की मंशा है कि हर व्यक्ति आत्मनिर्भर बन सके. इसी आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जिले में लोगों को पश्चिम बंगाल से बुलाए कारीगरों ने 10 दिनों का प्रशिक्षण दिया. प्रशिक्षण के बाद निशुल्क टूल किट का वितरण किया गया. टूलकिट वितरण करने से पहले एक शपथ पत्र लिया गया ताकि इन्हें खुले बाजार में कम मूल्य पर बेच सकें.

गाजीपुरः आमजन को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार के अनेक मंत्रालयों और आयोगों के माध्यम से लोगों को ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है. इसी क्रम में खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने जिले के 180 लाभार्थियों को 10 दिनों का प्रशिक्षण देने के बाद रविवार को उन्हें इलेक्ट्रॉनिक चाक, अगरबत्ती मशीन, टूल किट का वितरण किया गया.

ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक डीएस भाटी ने बताया कि कार्यक्रम के अंतर्गत 90 कुम्हार को जो पहले लकड़ी के चाक पर डंडे से चला कर मिट्टी का बर्तन तैयार करते थे उन्हें इलेक्ट्रॉनिक चाक प्रदान की गई है. जिससे इनके आमदनी में 4 गुना वृद्धि के साथ विभिन्न प्रकार के खिलौने आदि तैयार करने में सहूलियत मिलेगी. इसी तरह से 60 बेरोजगार जिनके पास खराब लकड़ियां जो जलाने के काम आती हैं, उनसे सुंदर कलाकृति तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया है. इन बेरोजगारों को भी टूल किट प्रदान किया गया है.

ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक ने बताया कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में खादी और ग्रामोद्योग रोजगार दे रही है. पहले यह चरखा लकड़ी का हुआ करता था लेकिन मौजूदा समय में 8 स्टैंडर्ड चरखा संस्थाओं के माध्यम से महिलाओं ने वितरित किया गया है. इसका भी प्रशिक्षण खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा दिया जाता है. साथ ही यहां पर 30 महिलाओं को आगरबत्ती बनाने का प्रशिक्षण भी दिया गया है.

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उन्होंने बताया कि भारत सरकार की मंशा है कि हर व्यक्ति आत्मनिर्भर बन सके. इसी आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जिले में लोगों को पश्चिम बंगाल से बुलाए कारीगरों ने 10 दिनों का प्रशिक्षण दिया. प्रशिक्षण के बाद निशुल्क टूल किट का वितरण किया गया. टूलकिट वितरण करने से पहले एक शपथ पत्र लिया गया ताकि इन्हें खुले बाजार में कम मूल्य पर बेच सकें.

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