गाजीपुर: जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने के लिए पहला कोविड लेवल-1 अस्पताल मुहम्मदाबाद में बनाया गया था. जिसके बाद दूसरा कोविड लेवल का अस्पताल जिले के सादात में बनाया गया था. जिले के इन अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इन अस्पतालों में मरीजों को बेहतर सुविधाए देने का दावा जिला प्रशासन ने किया था, लेकिन हकीकत कुछ और ही है.
यहां के मुहम्मदाबाद स्थित कोविड लेवल-1 अस्पताल में समस्याओं का अंबार है. यहां चारों ओर मेडिकल वेस्ट का अंबार है, साफ-सफाई की कोई भी व्यवस्था नहीं है. इन समस्याओं को लेकर यहां का एक वीडियो भी वायरल हुआ है. इस वीडियो में अस्पताल परिसर में इधर-उधर फैले मेडिकल वेस्ट, मास्क आदि साफ दिख रहे हैं.
अस्पताल बना 'यातना' गृह
इतना ही नहीं अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का आलम यह है कि यहां मरीजों को सोने के लिए गद्दे तक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं. वहीं शौचालयों की हालत तो और भी खराब है. कोविड लेवल वन अस्पताल मुहम्मदाबाद की यह हालत तब है जबकि कोरोना से बचने के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के लिए अपील की जा रही है. मुहम्मदाबाद स्थित कोविड लेवल वन अस्पताल कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए बनाया गया था, लेकिन यह अस्पताल अब यातना गृह के रूप में तब्दील हो गया है.
यहां इलाज करा रहे मरीजों का कहना है कि उन्हें यहां भर्ती किए जाने के बाद से न तो उनकी रिपोर्ट दी गई और न ही कुछ बताया गया. इसके अलावा उन्हें यहां सही से खाना भी नहीं दिया जाता, गंदगी तो वीडियो में साफ दिख ही रही है. वहीं एक कोरोना मरीज ने बताया कि उसने जब इन सब समस्याओं को लेकर अधिकारियों से बात की तो कहीं सुनवाई नहीं हुई.
जिम्मेदारों को नहीं दिख रही गंदगी
वहीं सादात स्थित दूसरे कोविड-लेवल अस्पताल के हाल तो इससे भी खराब हैं. इस अस्पताल में तो स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के अभाव के चलते कोरोना संक्रमित मरीजों को रखा ही नहीं जाता. कोविड-19 अस्पताल मुहम्मदाबाद का वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप की स्थिति है. इस मामले में सीएमओ जीसी मौर्य का बयान को और भी हैरान करने वाला है. उनका कहना है कि उन्हें गंदगी तो दिखाई ही नहीं दी, अगर गंदगी दिखाई देगी तो उसे साफ करवा दिया जाएगा. वहीं मरीजों का आरोप है कि वीडियो बनाकर सच्चाई दिखाने की वजह से उन्हें अस्पताल में टॉर्चर किया जा रहा है.