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57वें  शहादत दिवस पर परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद को दी श्रद्धांजलि

परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद का 57 वां शहादत दिवस (Veer Abdul Hameed 57th Martyrdom Day) उनके पैतृक गांव धामपुर के शहीद पार्क में मनाया गया. इस अवसर पर सांसद अफजाल अंसारी, मेजर जनरल जेएस बैंसला समेत सेना के अन्य जवान मौजूद रहे.

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वीर अब्दुल हमीद का 57 वां शहादत दिवस
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Published : Sep 10, 2022, 9:29 PM IST

गाजीपुर: परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद का 57 वां शहादत दिवस (Veer Abdul Hameed 57th Martyrdom Day) उनके पैतृक गांव धामपुर के शहीद पार्क में मनाया गया. इस मौके पर सेना के मेजर जनरल जेएस बैंसला, गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी समेत अन्य सेना के जवानों ने वीर अब्दुल हमीद को श्रद्धांजलि अर्पित की. मेजर जनरल जेएस बैंसला ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि 1965 की जंग में खेमकरण सेक्टर में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा. युवाओं को संदेश देते हुए कहा है कि वीर लोगों ने अपने कर्म को ही धर्म माना. देश के लिए अपनी जान कुर्बान करना ही उनके लिए सबसे बड़ी कुर्बानी होती है. यह हम सब लोगों के लिए मोटिवेशन की बात है. हम सभी को इससे सीखना चाहिए.

इस दौरान गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने मंच से बोलते हुए कहा कि सेना के द्वारा जो अग्निवीर योजना लाई गई है, उससे हमारे जनपद के युवाओं के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है. उन्होंने कहा कि यह फैसला सेना का नहीं बल्कि सरकार का है. इस फैसले को लेकर बहुत सारे लोग सड़कों पर आ गए. आप अपना रिकॉर्ड खराब मत करो. वतन पर मर मिटने के लिए गाजीपुर के वीर जवान आज सड़कों पर दौड़ रहे हैं. मेहनत कर रहे हैं. 4 साल तो तैयारी में लग जाता है. परिवार के लोग इसके लिए अपने बेटे को तैयार करते हैं. अपने गाय भैंस का दूध भी इन्हें दे देते हैं. इस उम्मीद पर कि वह देश की सेवा में जाएगा, तो उनका नाम रोशन करेगा. लेकिन उन लोगों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है.

यह भी पढ़ें: परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद का 56वां शहादत: बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए चिराग पासवान

उन्होंने कहा कि पहले सेना की भर्ती के लिए गाजीपुर में कैंप लगता था लेकिन कई सालों से बंद है. इसको लेकर युवा उदास है. उन्होंने कहा कि अग्निवीर ही सही, लेकिन कहीं भी भर्ती के लिए दरवाजा खोला जाए, तो वह दरवाजा गाजीपुर से खोला जाए. गाजीपुर के युवा चाइना के सिपाहियों को माकूल जवाब देने का काम करेंगे.

गाजीपुर: परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद का 57 वां शहादत दिवस (Veer Abdul Hameed 57th Martyrdom Day) उनके पैतृक गांव धामपुर के शहीद पार्क में मनाया गया. इस मौके पर सेना के मेजर जनरल जेएस बैंसला, गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी समेत अन्य सेना के जवानों ने वीर अब्दुल हमीद को श्रद्धांजलि अर्पित की. मेजर जनरल जेएस बैंसला ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि 1965 की जंग में खेमकरण सेक्टर में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा. युवाओं को संदेश देते हुए कहा है कि वीर लोगों ने अपने कर्म को ही धर्म माना. देश के लिए अपनी जान कुर्बान करना ही उनके लिए सबसे बड़ी कुर्बानी होती है. यह हम सब लोगों के लिए मोटिवेशन की बात है. हम सभी को इससे सीखना चाहिए.

इस दौरान गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने मंच से बोलते हुए कहा कि सेना के द्वारा जो अग्निवीर योजना लाई गई है, उससे हमारे जनपद के युवाओं के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है. उन्होंने कहा कि यह फैसला सेना का नहीं बल्कि सरकार का है. इस फैसले को लेकर बहुत सारे लोग सड़कों पर आ गए. आप अपना रिकॉर्ड खराब मत करो. वतन पर मर मिटने के लिए गाजीपुर के वीर जवान आज सड़कों पर दौड़ रहे हैं. मेहनत कर रहे हैं. 4 साल तो तैयारी में लग जाता है. परिवार के लोग इसके लिए अपने बेटे को तैयार करते हैं. अपने गाय भैंस का दूध भी इन्हें दे देते हैं. इस उम्मीद पर कि वह देश की सेवा में जाएगा, तो उनका नाम रोशन करेगा. लेकिन उन लोगों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है.

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उन्होंने कहा कि पहले सेना की भर्ती के लिए गाजीपुर में कैंप लगता था लेकिन कई सालों से बंद है. इसको लेकर युवा उदास है. उन्होंने कहा कि अग्निवीर ही सही, लेकिन कहीं भी भर्ती के लिए दरवाजा खोला जाए, तो वह दरवाजा गाजीपुर से खोला जाए. गाजीपुर के युवा चाइना के सिपाहियों को माकूल जवाब देने का काम करेंगे.

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