गाजीपुर: जिले में गंगा का पानी लगातार तेजी से घट रहा है. ये बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत भरी खबर है, लेकिन गंगा के तटवर्ती इलाकों में कटान तेज होने से सैकड़ों बीघे जमीन गंगा में समा गई. सैकड़ों बीघा कृषि योग्य भूमि गंगा में समाहित होने से पीड़ित ग्रामीण बहुत परेशान हैं.
कटान तेज होने से कई बीघे जमीन गंगा में समाहित. कटान के तांडव के आगे बेबस ग्रामीणगंगा का जलस्तर घटने के बाद लोगों के चहरे पर नए सिरे से खेती की आस जगी थी, लेकिन बीते 15 दिनों गंगा तेजी से कटान कर रही हैं. करंडा के गद्दोंगाड़ा, दीनापुर, तुलसीपुर और महाबलपुर गांव के ग्रामीण कटान के तांडव के आगे बेबस हैं.
150 बीघा उपजाऊ जमीन गंगा में समाहित
बाढ़ ने नई मिट्टी छोड़ी है, जिसमें अच्छी फसल हो सकती थी, लेकिन यह खुशी ज्यादा देर नहीं टिकी, क्योंकि कटान की तीव्रता इतनी अधिक है कि 4 गांवों में लगभग 150 बीघा उपजाऊ जमीन गंगा में समाहित हो चुकी है. किसानों की अधिकांश भूमि कटकर गंगा में समा चुकी है.इसे भी पढ़ें:- बसपा के बाहुबली सांसद ने बीजेपी सरकार पर लगाया आरोप, कहा- देश की धरोहर को बेच रही
मामला हमारे संज्ञान में आया है, शासन द्वारा जल्द ही टीम भेजकर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. पीड़ितों तक जल्द मदद पहुंचाई जाएगी.
-ओमप्रकाश आर्य, डीएम