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प्ले स्कूलों की तर्ज पर गाजीपुर में बन रहे मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र, खेल-खेल में सीखेगें नौनिहाल

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में प्ले स्कूलों की तर्ज पर मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाए जा रहे हैं. इन केंद्रों पर बच्चे बिना किताब और बिना बैग के शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे.

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प्ले स्कूलों की तर्ज पर मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र.
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Published : Dec 10, 2019, 8:28 AM IST

गाजीपुर: जिले में नौनिहालों को बेहतर शिक्षा देने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में बदला जा रहा है. अर्ली चाइल्ड केयर एजुकेशन के माध्यम से जनपद में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों में से प्रत्येक ब्लॉक में 5-5 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाए जा रहे हैं. इसके साथ ही बच्चों को बिना किताब और बिना बैग के पढ़ाने के लिए पूर्व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है. जिससे आंगनबाड़ी केंद्र भी प्ले स्कूल की तर्ज पर गांव के बच्चों को बेहतर शिक्षा दे सके.

प्ले स्कूलों की तर्ज पर मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र.

प्ले स्कूल की तर्ज पर आंगनबाड़ी केन्द्र हो रहे तैयार

  • गाजीपुर के प्रत्येक ब्लॉक में 5-5 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाए जा रहे हैं.
  • इन केन्द्रों पर नौनिहालों को बिना किताब और बिना बैग के पढ़ाया जाएगा.
  • बच्चों को शिक्षित करने के लिए सैदपुर व देवकली में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है.
  • बच्चों को भाव, गीत, संगीत के साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए आशाओं को प्रशिक्षण हो रहा है.
  • इसका उद्देश्य बच्चों का सामाजिक, शारीरिक, बौद्धिक, मानसिक विकास करना है.

प्रत्येक ब्लॉक में 5-5 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों को तैयार किया जा रहा है. प्रत्येक परियोजना में 10-10 आंगनबाड़ी केंद्र ईसीसीई मॉडल के आधार पर तैयार किए जाएंगे. प्रथम चरण के बाद द्वितीय चरण में क्षमता वृद्धि के लिए दोबारा प्रशिक्षण कराया जाएगा. इसके साथ ही समय-समय पर मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के पर आवश्यकतानुसार बदलाव भी किए जायेंगे. प्रशिक्षण का उददेश्य 3 से 6 वर्ष के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र से जोड़ना है.
- दिलीप पांडेय, जिला कार्यक्रम अधिकारी

यह भी पढ़ें- अलीगढ़ में 500 सरकारी स्कूलों में बांटा गया खेलकूद का सामान

गाजीपुर: जिले में नौनिहालों को बेहतर शिक्षा देने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में बदला जा रहा है. अर्ली चाइल्ड केयर एजुकेशन के माध्यम से जनपद में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों में से प्रत्येक ब्लॉक में 5-5 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाए जा रहे हैं. इसके साथ ही बच्चों को बिना किताब और बिना बैग के पढ़ाने के लिए पूर्व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है. जिससे आंगनबाड़ी केंद्र भी प्ले स्कूल की तर्ज पर गांव के बच्चों को बेहतर शिक्षा दे सके.

प्ले स्कूलों की तर्ज पर मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र.

प्ले स्कूल की तर्ज पर आंगनबाड़ी केन्द्र हो रहे तैयार

  • गाजीपुर के प्रत्येक ब्लॉक में 5-5 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाए जा रहे हैं.
  • इन केन्द्रों पर नौनिहालों को बिना किताब और बिना बैग के पढ़ाया जाएगा.
  • बच्चों को शिक्षित करने के लिए सैदपुर व देवकली में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है.
  • बच्चों को भाव, गीत, संगीत के साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए आशाओं को प्रशिक्षण हो रहा है.
  • इसका उद्देश्य बच्चों का सामाजिक, शारीरिक, बौद्धिक, मानसिक विकास करना है.

प्रत्येक ब्लॉक में 5-5 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों को तैयार किया जा रहा है. प्रत्येक परियोजना में 10-10 आंगनबाड़ी केंद्र ईसीसीई मॉडल के आधार पर तैयार किए जाएंगे. प्रथम चरण के बाद द्वितीय चरण में क्षमता वृद्धि के लिए दोबारा प्रशिक्षण कराया जाएगा. इसके साथ ही समय-समय पर मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के पर आवश्यकतानुसार बदलाव भी किए जायेंगे. प्रशिक्षण का उददेश्य 3 से 6 वर्ष के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र से जोड़ना है.
- दिलीप पांडेय, जिला कार्यक्रम अधिकारी

यह भी पढ़ें- अलीगढ़ में 500 सरकारी स्कूलों में बांटा गया खेलकूद का सामान

Intro:प्ले स्कूलों की तर्ज पर अब मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों पर खेल खेल में सीखेगें नौनिहाल

गाजीपुर। गाजीपुर में नौनिहालों को बेहतर शिक्षा देने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में बदला जा रहा है। अर्ली चाइल्ड केयर एजुकेशन के माध्यम से जनपद में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रीय में से प्रत्येक ब्लॉक में 5-5 मॉडल आगनबाडी केंद्र बनाकर बच्चों को बिना किताब और बिना बैग के शिक्षा दिए जाने के पूर्व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। कभी बंदर तो कभी चिड़िया बन्नी का प्रशिक्षण चल रहा है ताकि बच्चों के साथ बच्चा बनकर उनको बेहतर तरीके से खेल खेल पढ़ाया जा सके। ताकि आंगनबाड़ी केंद्र भी प्ले स्कूल की तर्ज पर गांव के बच्चों को बेहतर शिक्षा दे सके।

Body:सैदपुर व देवकली में प्रशिक्षण चल रहा है। जिसमें बच्चों को भाव गीत संगीत के साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए आशाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि बच्चों का सामाजिक, शारीरिक ,बौद्धिक ,मानसिक और भाषा का बेहतर विकास हो सके।

Conclusion:जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप पांडेय ने बताया कि प्रत्येक ब्लॉक में 5-5 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों को तैयार किया जा रहा है। प्रत्येक परियोजना में 10-10 आंगनबाड़ी केंद्र ईसीसीई मॉडल के आधार पर तैयार किए जाएंगे। प्रथम चरण के बाद द्वितीय चरण में क्षमता वृद्धि के लिए दोबारा प्रशिक्षण कराया जाएगा। साथ ही समय-समय पर मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के पर आवश्यकतानुसार बदलाव भी किए जायेंगे। प्रशिक्षण का उददेश्य 3 से 6 वर्ष के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र से जोड़ना है।


बाइट - दिलीप पांडेय ( जिला कार्यक्रम अधिकारी ), विजुअल

उज्ज्वल कुमार राय, 7905590960
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