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जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बोले, हम जल्द बनेंगे तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था - Jammu Kashmir LG Manoj Sinha

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर पहुंचे जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि कृषि और सहकारिता के बिना हमारी अर्थव्यवस्था कभी मजबूत नहीं हो सकती.

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Published : Feb 22, 2023, 9:29 PM IST

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर पहुंचे जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा.

गाजीपुरः जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बुधवार को अपने गृह जनपद उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के मोहम्दाबाद क्षेत्र में सहकारिता जगत के पुरोधा रहे समाजसेवी राजकुमार त्रिपाठी की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में पहुंचे. प्रतिमा अनावरण के बाद सहकारिता गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मनोज सिन्हा ने कहा कि आज इस देश में एक ऐसी सरकार है जो वास्तव में जमीनी स्तर पर सहकारिता को गांव और न्याय पंचायतों में पहुंचाना चाहती है.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा सरकार देश की अर्थव्यवस्था को रीढ़ की तरह देखना चाहती है. हम दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन रहे हैं. अब अगले 25 वर्षों में सन 2047 में जब देश आजादी का शताब्दी वर्ष मना रहा होगा तब हम दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था कैसे बनें इस दिशा में तेजी से प्रयास हो रहा है. भारत जैसे देश में कृषि और सहाकारीता के बिना हमारी अर्थव्यवस्था कभी मजबूत नहीं हो सकती है. यह बात वर्तमान भारत सरकार पूरी तरह से समझती है. इसके लिए चाहे बजट में कृषि या सहकारिता के लिए प्रावधान करना हो, सरकार प्रयासरत है.

कोआपरेटिव फेडरेशन की भावना से ही सहकारी संघवाद की भावना से ही यह सरकार काम कर रही है और सहकारिता के विकास में भी उस सिद्धांत का पूरी तरह से पालन किया जाएगा. मैं उम्मीद करता हूं कि यह नई क्रांति की शुरुआत हुई है, कि आने वाले 5 वर्षों में फिर से हमें कामयाबी स्थापित करने में सफलता प्राप्त होगी और देश के पुराने गौरव को स्थापित करने में तो हमें जरूर सफलता प्राप्त होगी.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ा है, उसे समझने की जरूरत है. आज देश की जो प्रतिष्ठा है ऐसी प्रतिष्ठा पहले कभी नहीं थी, इसलिए पेंडेमिक के बाद दुनिया में ज्यादातर देशों की आर्थिक व्यवस्था लुढ़क गई. बड़े-बड़े देश जहां परेशान हैं, वहीं आज दुनिया के सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हमारी है. यह कोई सामान्य बात नहीं है.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जिस तरह से अर्थव्यवस्था का संचालन इस देश के प्रधानमंत्री ने किया है, दुनिया के बड़े बड़े अर्थशास्त्री आज भारत का उदाहरण दे रहे हैं. पिछले एक डेढ़ साल में जम्मू कश्मीर में भी सहकारिता को हमने काफी आगे बढ़ाने का प्रयास तो जरूर किया है. हर गांव में सहकारिता को मजबूत करने के लिए इंटरनेट के साथ व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है. तीन सहकारी संस्थाओं की स्थापना करने की दिशा में प्रतिदिन काम कर रहे हैं. अभी हमारा बजट आने वाला है लेकिन हम ये कह सकते हैं कि ये तीनों कोआपरेटिव बैंकों को नया जीवन मिले, इसके लिए 265 करोड़ रुपये की कैपिटल मनी की मदद हमने दी है. अब उम्मीद करते हैं कि वहां निश्चित रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को जरूर मदद मिलेगी. बात समाप्त करते हुए उन्होने सहकारिता क्षेत्र के पुरोधा रहे राजकुमार त्रिपाठी को सहकारिता क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान देने के लिए श्रद्धांजली अर्पित की और फिर अन्त में एक शेर पढ़ा…
कुछ लोग तुम्हें समझाएंगे
वह तुमको खौफ दिलाएंगे
जो है वो खो भी सकता है,
इस राह में रहजन इतने हैं, (रहजन माने डाकू)
इस राह में कुछ भी हो सकता है
पर तुम जिस लम्हे में ज़िंदा हो
तुम अपनी करनी करते जाओ,
जो होगा देखा जाएगा।

ये भी पढ़ेंः फिरोजाबाद कोर्ट ने चार लोगों की हत्या के मामले में 29 साल बाद सुनाया फैसला, दो को दी उम्र कैद की सजा

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर पहुंचे जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा.

गाजीपुरः जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बुधवार को अपने गृह जनपद उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के मोहम्दाबाद क्षेत्र में सहकारिता जगत के पुरोधा रहे समाजसेवी राजकुमार त्रिपाठी की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में पहुंचे. प्रतिमा अनावरण के बाद सहकारिता गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मनोज सिन्हा ने कहा कि आज इस देश में एक ऐसी सरकार है जो वास्तव में जमीनी स्तर पर सहकारिता को गांव और न्याय पंचायतों में पहुंचाना चाहती है.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा सरकार देश की अर्थव्यवस्था को रीढ़ की तरह देखना चाहती है. हम दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन रहे हैं. अब अगले 25 वर्षों में सन 2047 में जब देश आजादी का शताब्दी वर्ष मना रहा होगा तब हम दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था कैसे बनें इस दिशा में तेजी से प्रयास हो रहा है. भारत जैसे देश में कृषि और सहाकारीता के बिना हमारी अर्थव्यवस्था कभी मजबूत नहीं हो सकती है. यह बात वर्तमान भारत सरकार पूरी तरह से समझती है. इसके लिए चाहे बजट में कृषि या सहकारिता के लिए प्रावधान करना हो, सरकार प्रयासरत है.

कोआपरेटिव फेडरेशन की भावना से ही सहकारी संघवाद की भावना से ही यह सरकार काम कर रही है और सहकारिता के विकास में भी उस सिद्धांत का पूरी तरह से पालन किया जाएगा. मैं उम्मीद करता हूं कि यह नई क्रांति की शुरुआत हुई है, कि आने वाले 5 वर्षों में फिर से हमें कामयाबी स्थापित करने में सफलता प्राप्त होगी और देश के पुराने गौरव को स्थापित करने में तो हमें जरूर सफलता प्राप्त होगी.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ा है, उसे समझने की जरूरत है. आज देश की जो प्रतिष्ठा है ऐसी प्रतिष्ठा पहले कभी नहीं थी, इसलिए पेंडेमिक के बाद दुनिया में ज्यादातर देशों की आर्थिक व्यवस्था लुढ़क गई. बड़े-बड़े देश जहां परेशान हैं, वहीं आज दुनिया के सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हमारी है. यह कोई सामान्य बात नहीं है.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जिस तरह से अर्थव्यवस्था का संचालन इस देश के प्रधानमंत्री ने किया है, दुनिया के बड़े बड़े अर्थशास्त्री आज भारत का उदाहरण दे रहे हैं. पिछले एक डेढ़ साल में जम्मू कश्मीर में भी सहकारिता को हमने काफी आगे बढ़ाने का प्रयास तो जरूर किया है. हर गांव में सहकारिता को मजबूत करने के लिए इंटरनेट के साथ व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है. तीन सहकारी संस्थाओं की स्थापना करने की दिशा में प्रतिदिन काम कर रहे हैं. अभी हमारा बजट आने वाला है लेकिन हम ये कह सकते हैं कि ये तीनों कोआपरेटिव बैंकों को नया जीवन मिले, इसके लिए 265 करोड़ रुपये की कैपिटल मनी की मदद हमने दी है. अब उम्मीद करते हैं कि वहां निश्चित रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को जरूर मदद मिलेगी. बात समाप्त करते हुए उन्होने सहकारिता क्षेत्र के पुरोधा रहे राजकुमार त्रिपाठी को सहकारिता क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान देने के लिए श्रद्धांजली अर्पित की और फिर अन्त में एक शेर पढ़ा…
कुछ लोग तुम्हें समझाएंगे
वह तुमको खौफ दिलाएंगे
जो है वो खो भी सकता है,
इस राह में रहजन इतने हैं, (रहजन माने डाकू)
इस राह में कुछ भी हो सकता है
पर तुम जिस लम्हे में ज़िंदा हो
तुम अपनी करनी करते जाओ,
जो होगा देखा जाएगा।

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