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गाजीपुर डीएम का आदेश, बैरियर पर लोगों को शवों के अंतिम संस्कार की बतानी होगी प्रक्रिया

यूपी के गाजीपुर में जिला प्रशासन ने गंगा नदी के किनारे बैरिकेडिंग लगा दी है. जिला प्रशासन का कहना है कि शवों को अंतिम क्रियाकर्म के लिए लेकर आ रहे लोगों को बैरिकेडिंग स्थल पर यह बताना अनिवार्य होगा कि वह शव का अंतिम क्रियाकर्म किस विधि से और कौन से घाट पर करेंगे.

गाजीपुर डीएम
गाजीपुर डीएम
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Published : May 18, 2021, 5:23 PM IST

गाजीपुर: जिले की सीमा बिहार से लगी हुई है और बिहार के लोग अपने परिजनों के शवों का अंतिम संस्कार गाजीपुर के गंगा घाटों पर करते आ रहे हैं. लेकिन अचानक से गाजीपुर में गंगा में लाशों के मिलने का सिलसिला शुरू हुआ, जिसके बाद जिला प्रशासन ने बिहार से आने वाले शवों के अंतिम क्रियाकर्म पर रोक लगा दी है और बैरिकेडिंग तक करा दिया है. अब जिला प्रशासन ने लोगों को राहत दे दी है. उन्होंने कहा कि मृतक का नाम, पता और किस घाट पर अंतिम संस्कार करना है उसका विवरण दर्ज कराना होगा.

जिलाधिकारी ने बताया
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद ने बताया कि जो लोग भी बिहार से अपने परिजनों के शव लेकर गाजीपुर की सीमा में आ रहे हैं, उन्हें बैरिकेडिंग स्थल पर यह बताना अनिवार्य होगा कि वह शव का अंतिम क्रियाकर्म किस विधि से और कौन से घाट पर करेंगे. ताकि ड्यूटी में लगे लोग उसका वेरिफिकेशन उस घाट पर कर सकें. यदि इस दौरान लोगों की मंशा शवों के जल प्रवाह की होगी तो उन्हें समझाया जाएगा. उसके बाद भी यदि लोग नहीं मानेंगे, तो उन्हें वापस लौटा दिया जाएगा.

गाजीपुर: जिले की सीमा बिहार से लगी हुई है और बिहार के लोग अपने परिजनों के शवों का अंतिम संस्कार गाजीपुर के गंगा घाटों पर करते आ रहे हैं. लेकिन अचानक से गाजीपुर में गंगा में लाशों के मिलने का सिलसिला शुरू हुआ, जिसके बाद जिला प्रशासन ने बिहार से आने वाले शवों के अंतिम क्रियाकर्म पर रोक लगा दी है और बैरिकेडिंग तक करा दिया है. अब जिला प्रशासन ने लोगों को राहत दे दी है. उन्होंने कहा कि मृतक का नाम, पता और किस घाट पर अंतिम संस्कार करना है उसका विवरण दर्ज कराना होगा.

जिलाधिकारी ने बताया
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद ने बताया कि जो लोग भी बिहार से अपने परिजनों के शव लेकर गाजीपुर की सीमा में आ रहे हैं, उन्हें बैरिकेडिंग स्थल पर यह बताना अनिवार्य होगा कि वह शव का अंतिम क्रियाकर्म किस विधि से और कौन से घाट पर करेंगे. ताकि ड्यूटी में लगे लोग उसका वेरिफिकेशन उस घाट पर कर सकें. यदि इस दौरान लोगों की मंशा शवों के जल प्रवाह की होगी तो उन्हें समझाया जाएगा. उसके बाद भी यदि लोग नहीं मानेंगे, तो उन्हें वापस लौटा दिया जाएगा.

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