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चट्टी हत्‍याकांड में कोर्ट ने मुख्‍तार अंसारी को 20 दिसंबर को पेश करने का दिया आदेश

गाजीपुर की अदालत में 21 वर्ष पुराने बहुचर्चित मोहम्दाबाद थाना के उसरी चट्टी हत्या कांड (chatti murder case) में अभियोजन की तरफ से मंगलवार को गवाह इजराइल अंसारी का बयान दर्ज हुआ.

जज ने दिया आदेश
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Published : Dec 13, 2022, 9:24 PM IST

गाजीपुरः अपर सत्र न्यायाधीश एमपी- एमएलए (MP/MLA) कोर्ट दुर्गेश की अदालत में 21 वर्ष पुराने बहुचर्चित मोहम्दाबाद थाना के उसरी चट्टी हत्या कांड (Chatti murder case) में अभियोजन की तरफ से मंगलवार को गवाह इजराइल अंसारी का बयान दर्ज हुआ. आरोपियों के अधिवक्ता द्वारा जिरह भी अंकित किया गया. अभियोजन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक नीरज कुमार श्रीवास्तव की तरफ से मुकदमे के वादी मुख्तार अंसारी का बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कराने का आवेदन दिया गया. जिस पर आरोपियों के अधिवक्ता के तरफ आपत्ति की गई, जिसको न्यायालय ने गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक गाजीपुर (SP Ghazipur) को यह आदेश दिया कि वादी मुकदमा मुख्तार अंसारी को व्यक्तिगत रूप से 20 दिसंबर को न्यायालय में उपस्थित करें. साथ ही आदेश की एक प्रति जिला कारागार बादा को भेजने का आदेश दिया और कहा कि नियत तिथि पर किसी प्रकार का स्थगन स्वीकार नहीं किया जाएगा.

बता दें कि 15 जुलाई 2001 को मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) अपने निर्वाचन छेत्र मऊ जा रहे थे. इसी दौरान 12:30 बजे दिन में उसरी चट्टी पर उनके काफिले पर पहले से तैयार हमलावरों ने स्वचलित हथियारों से फायरिंग किये. जिसमें मुख्तार अंसारी के सरकारी गनर रामचंदर उर्फ प्रदीप की मौके पर मृत्यु हो गई. वहीं रुस्तम उर्फ बाबू घायल हो गया था. जहां इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई. हमलावरो में से एक की मौत हो गई थी. मुख्तार अंसारी के साथ चलने वाले हमराहियों को भी चोट आई थी. इस मामले में मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह को नामजद करते अन्य 15 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया. विवेचना के उपरांत पुलिस ने 4 लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया. जिसमें से दो आरोपी की विचारण के दौरान मौत हो गई.

गाजीपुरः अपर सत्र न्यायाधीश एमपी- एमएलए (MP/MLA) कोर्ट दुर्गेश की अदालत में 21 वर्ष पुराने बहुचर्चित मोहम्दाबाद थाना के उसरी चट्टी हत्या कांड (Chatti murder case) में अभियोजन की तरफ से मंगलवार को गवाह इजराइल अंसारी का बयान दर्ज हुआ. आरोपियों के अधिवक्ता द्वारा जिरह भी अंकित किया गया. अभियोजन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक नीरज कुमार श्रीवास्तव की तरफ से मुकदमे के वादी मुख्तार अंसारी का बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कराने का आवेदन दिया गया. जिस पर आरोपियों के अधिवक्ता के तरफ आपत्ति की गई, जिसको न्यायालय ने गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक गाजीपुर (SP Ghazipur) को यह आदेश दिया कि वादी मुकदमा मुख्तार अंसारी को व्यक्तिगत रूप से 20 दिसंबर को न्यायालय में उपस्थित करें. साथ ही आदेश की एक प्रति जिला कारागार बादा को भेजने का आदेश दिया और कहा कि नियत तिथि पर किसी प्रकार का स्थगन स्वीकार नहीं किया जाएगा.

बता दें कि 15 जुलाई 2001 को मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) अपने निर्वाचन छेत्र मऊ जा रहे थे. इसी दौरान 12:30 बजे दिन में उसरी चट्टी पर उनके काफिले पर पहले से तैयार हमलावरों ने स्वचलित हथियारों से फायरिंग किये. जिसमें मुख्तार अंसारी के सरकारी गनर रामचंदर उर्फ प्रदीप की मौके पर मृत्यु हो गई. वहीं रुस्तम उर्फ बाबू घायल हो गया था. जहां इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई. हमलावरो में से एक की मौत हो गई थी. मुख्तार अंसारी के साथ चलने वाले हमराहियों को भी चोट आई थी. इस मामले में मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह को नामजद करते अन्य 15 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया. विवेचना के उपरांत पुलिस ने 4 लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया. जिसमें से दो आरोपी की विचारण के दौरान मौत हो गई.

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