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गंगा ने दिखाया रौद्र रूप, जलधारा में समाए खेत - land merged in ghazipur

गाजीपुर जिले में इन दिनों गंगा नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. गंगा नदी के बढ़े जलस्तर के कारण कई बीघा खेत गंगा नदी में समा गए हैं. जिसके कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है.

गंगा का रौद्र रूप
गंगा का रौद्र रूप
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Published : Aug 8, 2021, 1:01 PM IST

गाजीपुर: जनपद में इन दिनों गंगा ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. जिले में गंगा इन दिनों खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिसकी वजह से जनपद के सैकड़ों गांव प्रभावित हैं. मोहम्मदबाद तहसील के शेरपुर गांव के कई बीघा खेत गंगा में समा चुकें हैं. जिसके कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है. उधर, गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने कटान स्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और जिला प्रशासन की टीम आसपास के पेड़ों को काटकर कटान रोकने के प्रयास में जुटी हुई है.


जिले के मोहम्मदबाद तहसील के शेरपुर गांव में गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण कटान शुरू हो गया है. जिसकी वजह से शनिवार देर शाम तक करीब 10 बीघा से ज्यादा खेत गंगा में समा गए. ग्रामीणों का कहना है कि अगर यही हालात रहे तो गांव का मंदिर जो गंगा तट से मात्र कुछ मीटर की दूरी पर रह गया है. वह भी गंगा में समाहित हो सकता है, हालांकि शनिवार दोपहर सिंचाई विभाग की टीम उप जिलाधिकारी मोहम्मदबाद के साथ पहुंचकर मौके की स्थिति से जिलाधिकारी को अवगत कराया. जिसके बाद कटान को रोकने का शुरू कर दिया गया है.

गंगा का रौद्र रूप


हालांकि गंगा कटान इस ग्रामसभा के लिए कोई नई बात नहीं है. 2012 से ही यहां कटान का सिलसिला जारी है. यही वजह है कि इस गांव से ग्रामीणों ने पलायन भी किया और मौजूदा समय में बहुत सारे लोग मोहम्मदाबाद के प्राइमरी स्कूल में आज भी शरण लिए हुए हैं. प्रदेश सरकार की ओर से करोड़ों का पैकेज गांव के लिए दिया गया. जिसके बाद इस गांव को बचाने के लिए ठोकर का निर्माण शुरू हुआ, लेकिन इस ठोकर में भी विभागीय अनियमितता की गई जिसको लेकर बार-बार ग्रामीणों ने आवाज भी उठाई, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने एक नहीं सुनी और एक बार फिर से गांव का बड़ा मौजा में कटान शुरू हो गया. अब तक करीब 10 बीघा के ऊपर खेत गंगा में समा चुका है.

इसे भी पढ़ें-चंबल नदी में बाढ़ से दर्जनों गांव प्रभावित, हालात हुए बेकाबू प्रशासन चलवा रहा स्ट्रीमर


गंगा का बढ़ा जलस्तर किसानों के लिए काफी चिंता का विषय बना हुआ है. किसानों का कहना है कि विभाग ने निर्माण कार्य में मानक की अनदेखी नहीं की होती तो शायद आज उनके गांव में यह कटान शुरू नहीं होता. वहीं इस पूरे मामले पर प्रभारी जिलाधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता से बात की गई उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी मिलते ही सिंचाई विभाग और उप जिलाधिकारी मोहम्मदाबाद को मौके के लिए रवाना कर दिया गया है और उन्हें निर्देश दिया गया है कि मौजूदा समय में कटान रोकने में जो कोई उपाय भी कर सकते हैं शुरू करें.

गाजीपुर: जनपद में इन दिनों गंगा ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. जिले में गंगा इन दिनों खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिसकी वजह से जनपद के सैकड़ों गांव प्रभावित हैं. मोहम्मदबाद तहसील के शेरपुर गांव के कई बीघा खेत गंगा में समा चुकें हैं. जिसके कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है. उधर, गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने कटान स्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और जिला प्रशासन की टीम आसपास के पेड़ों को काटकर कटान रोकने के प्रयास में जुटी हुई है.


जिले के मोहम्मदबाद तहसील के शेरपुर गांव में गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण कटान शुरू हो गया है. जिसकी वजह से शनिवार देर शाम तक करीब 10 बीघा से ज्यादा खेत गंगा में समा गए. ग्रामीणों का कहना है कि अगर यही हालात रहे तो गांव का मंदिर जो गंगा तट से मात्र कुछ मीटर की दूरी पर रह गया है. वह भी गंगा में समाहित हो सकता है, हालांकि शनिवार दोपहर सिंचाई विभाग की टीम उप जिलाधिकारी मोहम्मदबाद के साथ पहुंचकर मौके की स्थिति से जिलाधिकारी को अवगत कराया. जिसके बाद कटान को रोकने का शुरू कर दिया गया है.

गंगा का रौद्र रूप


हालांकि गंगा कटान इस ग्रामसभा के लिए कोई नई बात नहीं है. 2012 से ही यहां कटान का सिलसिला जारी है. यही वजह है कि इस गांव से ग्रामीणों ने पलायन भी किया और मौजूदा समय में बहुत सारे लोग मोहम्मदाबाद के प्राइमरी स्कूल में आज भी शरण लिए हुए हैं. प्रदेश सरकार की ओर से करोड़ों का पैकेज गांव के लिए दिया गया. जिसके बाद इस गांव को बचाने के लिए ठोकर का निर्माण शुरू हुआ, लेकिन इस ठोकर में भी विभागीय अनियमितता की गई जिसको लेकर बार-बार ग्रामीणों ने आवाज भी उठाई, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने एक नहीं सुनी और एक बार फिर से गांव का बड़ा मौजा में कटान शुरू हो गया. अब तक करीब 10 बीघा के ऊपर खेत गंगा में समा चुका है.

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गंगा का बढ़ा जलस्तर किसानों के लिए काफी चिंता का विषय बना हुआ है. किसानों का कहना है कि विभाग ने निर्माण कार्य में मानक की अनदेखी नहीं की होती तो शायद आज उनके गांव में यह कटान शुरू नहीं होता. वहीं इस पूरे मामले पर प्रभारी जिलाधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता से बात की गई उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी मिलते ही सिंचाई विभाग और उप जिलाधिकारी मोहम्मदाबाद को मौके के लिए रवाना कर दिया गया है और उन्हें निर्देश दिया गया है कि मौजूदा समय में कटान रोकने में जो कोई उपाय भी कर सकते हैं शुरू करें.

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